खगड़िया: जिले में एक तरफ जहां बाढ़ से 1 लाख 32 हजार आबादी बुरी तरह प्रभावित है. वहीं, दूसरी तरफ बारिश ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. इलाके में जलस्तर बढ़ने लगा है. इस मामले पर बोलते हुए जाप किसान प्रकोष्ठ के नेता मनोहर यादव ने जिला प्रशासन पर इस संकट की घड़ी में राहत के नाम पर खानापूर्ति करने का आरोप लगाया है.
जिला प्रशासन पर लगाया अनदेखी का आरोप
जाप नेता का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई राहत नहीं मिली है. लगभग एक सप्ताह से जिले के सभी लोग परेशान हैं. लेकिन, इनकी समस्याओं को सुनने के लिए कोई भी अधिकारी अब तक उनकी सुध लेने नहीं आया. प्रशासन की ओर से न तो आवागमन के लिये नाव की व्यवस्था की गई और न ही किसी प्रकार की अन्य सुविधाएं ही दी गई हैं.
सामुदायिक किचन का नहीं मिल रहा लाभ
मनोहर यादव का कहना है कि सरकारी स्तर पर बाढ़ पीड़ितों के लिए शुरू की गई भोजन की व्यवस्था से महरूम हैं. इलाके में सामुदायिक किचन खोला गया है लेकिन वो लोगों के पहुंच से काफी दुर है. बारिश और बाढ़ के ऐसे समय में दुर के सामुदायिक किचन में जाकर खाना खाना संभव नहीं हो पाता है.
राहत शिविर के नाम पर खानापूर्ति
जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए जाप नेता ने कहा कि पिछले चार महीने से बाढ़ से निपटने के लिए समीक्षा बैठक हो रही थी, लेकिन जब बाढ़ की स्थिती जब विकराल हुई तो सारी तैयारी धरी की धरी रह गई. कहीं भी किसी प्रकार की सुविधा बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंची. सरकार की ओर से एक पन्नी भी मुहैया नहीं कराई गई है. लोग खुद के पैसों से पन्नी रखीदकर रह रहे हैं. सिर्फ राहत शिविर में भोजन के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.
बाढ़ पीड़ितों को दी जा रही है हर संभव मदद- डीएम
वहीं, इस मामले पर जिले के डीएम का अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए 39 राहत शिविर और सामुदायिक किचन चलाया जा रहा है.जरुरत पड़ने पर इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी.बाढ़ पीड़ितों के लिए जिला प्रशासन पुरी मुश्तैदी के साथ तैनात है. बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद दी जा रही है.
4 प्रखंड की आबादी है प्रभावित
गौरतलब है कि जिले के चार प्रखंड गोगरी, परबत्ता, मानसी और खगड़िया सदर बाढ़ से प्रभावित है. खगड़िया जिला में 22 पंचायत के एक लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.