खगड़ियाः जिले के अलौली विधानसभा के हरिपुर गांव में आज से तकरीबन 20 साल पहले अस्पताल के लिए भवन बनाया गया था. लेकिन आज तक भवन प्रसाशन के हाथ में नहीं मिल पाया है. भवन की मौजूदा स्थिति ये है कि भवन जर्जर हो कर खंडहर में तब्दील हो गया है. जिस जमीन पर भवन है, उसकी कीमत और भवन निर्माण में पैसे के खर्च का आकंलन किया जाय, तो उसकी कीमत करोड़ों में होगा. सरकारी पैसे की दुर्दशा खगड़िया के अलौली गांव में देखने को मिल रही है.
दबंगो के चंगुल में फंसा है अस्पताल भवन
ग्रामीणों की माने तो भवन अस्पताल के लिए बनाया गया था. लेकिन अस्पताल क्यों नहीं खुला ये किसी को पता नहीं है. हरिपुर पंचायत की आबादी बहुत ज्यादा है और अस्पताल के नाम पर एक अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र है. जिसमें डॉक्टर भी नियुक्त नहीं है. इस वजह से ग्रामीणों को अस्पताल की बहुत समस्या होती है. ग्रामीण सरकार और प्रसाशन से खासा नाराज भी रहते है. ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्ष बीत चुके है. लेकिन इस भवन में अस्पताल नहीं शुरू हो सका और अब तो उम्मीद भी नहीं रहती.
हरिपुर गांव के लोगों ने बताया कि इस भवन में अस्पताल शुरू करने के लिए हर विधानसभा चुनाव मे, पंचायत के चुनाव व प्रमुख के चुनाव में नेता इस अस्पताल को मुद्दा बनाते रहे है. जनता हर बार उनके झांसे में आ कर उम्मीद जता लेती है. लेकिन जैसी ही चुनावी सभा खत्म होती है, वैसे ही ये मुद्दा भी खत्म हो जाता है.
अस्पताल भवन जमीन विवादों में रहा
भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों से ईटीवी भारत की टीम वजह जानना चाही तो उनका जवाब गोल मटोल देने वाला था. विभाग के अधिकारियों ने सही तरीके से कुछ नहीं बताया. लेकिन एक बुजुर्ग कर्मचारी ने बताया कि ये भवन 2000 से 2005 के बीच में बना था और जैसे ही ये भवन प्रसाशन को हैंड ओवर किया जाना था. वैसे ही स्थानीय एक दबंग ने भवन के जमीन पर अपना दावा ठोक दिया. उस समय से ये भवन और जमीन विवादों में रहा है और आज तक विवाद खत्म नहीं हो सका. अब मामला कोर्ट में कई सालों से है. लेकिन इन सब के बीच अगर कोई पीस रहा तो वो है हरिपुर पंचायत के लोग.