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खगड़िया: CM नीतीश ने डेडिकेटेड कोविड सेंटर का लिया वर्चुअल जायजा

खगड़िया में सीएम नीतीश कुमार ने डेडिकेटेड कोविड सेंटर का वर्चुअल जायजा लिया. इस दौरान खगड़िया के डीएम ने कहा कि गंभीर संक्रमित मरीजों को नर्सिंग रूम के बगल में रखा गया है. ताकि उनका सही ढंग से पर्यवेक्षण किया जा सके.

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Published : May 15, 2021, 9:11 PM IST

खगड़िया: आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खगड़िया सहित बिहार के कुछ जिलों में कोविड महामारी के दूसरे लहर में संक्रमित हुए मरीजों के उपचार के लिए खोले गए डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर का वर्चुअल भ्रमण किया. साथ ही चिकित्सा व्यवस्था का अनुश्रवण किया. इस वर्चुअल भ्रमण कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री ताराकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव भी शामिल रहे.

यह भी पढ़ें- यूपी में हो सकेगा बिहार के शवों का दाह संस्कार, साथ में ले जाने होंगे ये सामान

इलाज के लिए भर्ती
खगड़िया में डेडिकेटेड कोविड-19 हेल्थ सेंटर सदर अस्पताल परिसर में स्थित जीएनएम हॉस्टल में संचालित है. खगड़िया की बारी आने पर जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने विस्तार से यहां उपलब्ध सुविधाओं और इलाज व्यवस्था के बारे में बताया. उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि खगड़िया के डीसीएचसी में अब तक कुल 219 मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए. जिनमें 145 ठीक होकर जा चुके हैं और 26 गंभीर मरीजों को बचाया नहीं जा सका. शेष मरीजों का इलाज चल रहा है.

सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात
इनमें 11 मरीजों में कोविड के समान लक्षण थे. किंतु ये पॉजिटिव नहीं थे. फिर भी इनका इलाज कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत किया गया. 17 मरीजों को इलाज के क्रम में रेमडेसीविर का डोज भी दिया गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि डीसीएससी में सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात है. इसके अलावा प्रत्येक कमरे में सीसीटीवी की भी व्यवस्था है. ताकि इनका उचित पर्यवेक्षण किया जा सके. यहां 24X7 पावर बैकअप जेनरेटर के माध्यम से दिया जा रहा है. प्रवेश द्वार के पास ही रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग की व्यवस्था भी 24X7 की गई है. आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं और चिकित्सक भी उपलब्ध हैं.

खाली सिलेंडरों को निर्धारित
डीसीएचसी में 167 छोटे-बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर और 28 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं. जिनका इलाज के दौरान आवश्यकतानुसार इस्तेमाल किया जाता है. खाली ऑक्सीजन सिलेंडरों पर लाल स्टीकर और भरे हुए सिलेंडरों पर हरा स्टीकर लगाया जाता है. ताकि किसी प्रकार का भ्रम ना उत्पन्न हो. कुछ भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर ट्रॉली पर तैयार हालत में रखा जाता है. खाली सिलेंडरों को निर्धारित जगह पर रखा जाता है.

नर्सिंग रूम में फ्रिज
डीएम ने बताया कि नर्सिंग रूम में फ्रिज और नर्सिंग कार्ट की भी व्यवस्था है. यहां कुछ भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी आवश्यकतानुसार इलाज में इस्तेमाल के लिए रखे जाते हैं. गंभीर संक्रमित मरीजों को नर्सिंग रूम के बगल में रखा गया है. ताकि उनका सही ढंग से पर्यवेक्षण किया जा सके. सभी कमरे में कॉल बेल की व्यवस्था की गई है. ताकि आपात स्थिति में बजाकर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों, नर्सों या वार्ड बॉय को सूचना दी जा सके.

सामुदायिक रसोई से भोजन का पैकेट
डीसीएचसी में प्रतिदिन तीन पालियों में 3-3 डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गई है. इनके साथ नर्स और वार्ड ब्वॉय भी रखे गए हैं. ताकि ऑक्सीजन सिलेंडर को बदलने में कोई दिक्कत ना हो. प्रत्येक पाली में स्वागत काउंटर पर मरीजों का हेल्थ बुलेटिन भी जारी किया जाता है. जिसे उनके परिजन देख सकते हैं और मरीज की हालत जान सकते हैं. साफ-सफाई और शौचालय की अच्छी व्यवस्था है. मरीजों को खाना भी ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के हिसाब से दिया जाता है. उनके परिजनों को सामुदायिक रसोई से भोजन का पैकेट उपलब्ध कराया जाता है. उनके ठहरने और विश्राम करने के लिए डीसीएचसी के बगल में कुछ दूरी पर एक टेंट भी लगाया गया है.

खगड़िया: आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खगड़िया सहित बिहार के कुछ जिलों में कोविड महामारी के दूसरे लहर में संक्रमित हुए मरीजों के उपचार के लिए खोले गए डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर का वर्चुअल भ्रमण किया. साथ ही चिकित्सा व्यवस्था का अनुश्रवण किया. इस वर्चुअल भ्रमण कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री ताराकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव भी शामिल रहे.

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इलाज के लिए भर्ती
खगड़िया में डेडिकेटेड कोविड-19 हेल्थ सेंटर सदर अस्पताल परिसर में स्थित जीएनएम हॉस्टल में संचालित है. खगड़िया की बारी आने पर जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने विस्तार से यहां उपलब्ध सुविधाओं और इलाज व्यवस्था के बारे में बताया. उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि खगड़िया के डीसीएचसी में अब तक कुल 219 मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए. जिनमें 145 ठीक होकर जा चुके हैं और 26 गंभीर मरीजों को बचाया नहीं जा सका. शेष मरीजों का इलाज चल रहा है.

सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात
इनमें 11 मरीजों में कोविड के समान लक्षण थे. किंतु ये पॉजिटिव नहीं थे. फिर भी इनका इलाज कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत किया गया. 17 मरीजों को इलाज के क्रम में रेमडेसीविर का डोज भी दिया गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि डीसीएससी में सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात है. इसके अलावा प्रत्येक कमरे में सीसीटीवी की भी व्यवस्था है. ताकि इनका उचित पर्यवेक्षण किया जा सके. यहां 24X7 पावर बैकअप जेनरेटर के माध्यम से दिया जा रहा है. प्रवेश द्वार के पास ही रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग की व्यवस्था भी 24X7 की गई है. आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं और चिकित्सक भी उपलब्ध हैं.

खाली सिलेंडरों को निर्धारित
डीसीएचसी में 167 छोटे-बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर और 28 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं. जिनका इलाज के दौरान आवश्यकतानुसार इस्तेमाल किया जाता है. खाली ऑक्सीजन सिलेंडरों पर लाल स्टीकर और भरे हुए सिलेंडरों पर हरा स्टीकर लगाया जाता है. ताकि किसी प्रकार का भ्रम ना उत्पन्न हो. कुछ भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर ट्रॉली पर तैयार हालत में रखा जाता है. खाली सिलेंडरों को निर्धारित जगह पर रखा जाता है.

नर्सिंग रूम में फ्रिज
डीएम ने बताया कि नर्सिंग रूम में फ्रिज और नर्सिंग कार्ट की भी व्यवस्था है. यहां कुछ भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी आवश्यकतानुसार इलाज में इस्तेमाल के लिए रखे जाते हैं. गंभीर संक्रमित मरीजों को नर्सिंग रूम के बगल में रखा गया है. ताकि उनका सही ढंग से पर्यवेक्षण किया जा सके. सभी कमरे में कॉल बेल की व्यवस्था की गई है. ताकि आपात स्थिति में बजाकर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों, नर्सों या वार्ड बॉय को सूचना दी जा सके.

सामुदायिक रसोई से भोजन का पैकेट
डीसीएचसी में प्रतिदिन तीन पालियों में 3-3 डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गई है. इनके साथ नर्स और वार्ड ब्वॉय भी रखे गए हैं. ताकि ऑक्सीजन सिलेंडर को बदलने में कोई दिक्कत ना हो. प्रत्येक पाली में स्वागत काउंटर पर मरीजों का हेल्थ बुलेटिन भी जारी किया जाता है. जिसे उनके परिजन देख सकते हैं और मरीज की हालत जान सकते हैं. साफ-सफाई और शौचालय की अच्छी व्यवस्था है. मरीजों को खाना भी ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के हिसाब से दिया जाता है. उनके परिजनों को सामुदायिक रसोई से भोजन का पैकेट उपलब्ध कराया जाता है. उनके ठहरने और विश्राम करने के लिए डीसीएचसी के बगल में कुछ दूरी पर एक टेंट भी लगाया गया है.

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