कटिहार: जिले में लोगों की आस्था का प्रतीक बना सौ साल पुराने पीपल को बचाने के लिए अल्पसंख्यक युवाओं ने मुहिम छेड़ी है. लोगों ने प्रशासन से लेकर सरकार तक पीपल को बचाने की मांग की है. बरारी प्रखण्ड के बरंडी नदी के पास ये पीपल का पेड़ स्थित है. 100 साल पुराने इस पेड़ को हिन्दू समाज के लोग आस्था का प्रतीक मानते हुए सालों से पूजा करते आए हैं.
100 साल से भी अधिक पुराना पीपल
स्थानीय लोगों के मुताबिक बिहार सरकार की ओर से पेड़ लगाओ अभियान चलाया जा रहा है. जिससे वातावरण साफ और सुरक्षित रहे. वहीं, दूसरी ओर कटिहार के बरारी में बरंडी नदी के किनारे मौजूद 100 साल से भी अधिक पुराने ये पीपल का पेड़ कटाव की चपेट में है. हिंदुओं के लिए ये पेड़ आस्था के रूप में मौजूद है. छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु इस घाट के किनारे सूर्य को अर्घ्य देते हैं. ऐसे में इस पेड़ को बचाने को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रखंड मनरेगा के पदाधिकारी से बात की है.
कटाव के जद से बचाने के लिए पहल
हरियाली और सुखद छांव के साथ-साथ सौ साल पुराना ये पेड़ कैसे आपसी सौहार्द को बढ़ाते हुए एक समाज को जोड़े रखता है. ये पीपल उसका एक अद्भुत उदाहरण है. पीपल के पेड़ को बचाने को लेकर अल्पसंख्यक युवाओं की पहल ने अब रंग लाना शुरू कर दिया है. बरारी प्रखंड मनरेगा पदाधिकारी रतन कुमार कहते हैं कि इस पेड़ को कटाव की जद से बचाने के लिए पहल की जाएगी. फिलहाल वहां पर पानी तेज है, इसलिए पानी कम होने के बाद ही कुछ किया जा सकता है.