कटिहार: कोरोना महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है और इस वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन भी लगाया गया है. वहीं इस लॉकडाउन के दौरान कई लोगों के रोजगार छिन गए तो कई लोग पूरी तरह बेरोजगार हो गए. आर्थिक तंगी से उबरने के लिए लोगों ने स्वरोजगार के लिए बैंक से लोन उठाएं लेकिन लॉकडाउन में स्वरोजगार भी कारगर साबित नहीं हो रहा है. जिस कारण अब इन लोगों के सामने पैसा चुकाने की समस्या उत्पन्न हो गई है.
शहर के तेजा टोला इलाके के दर्जनों महिलाओं ने 1 जुलाई को फ्यूजन फाइनेंस कर्मी से स्वरोजगार के लिए 45,000 रुपए का समूह लोन लिया गया था. ताकि लाॅकडाउन के दौरान खुद का रोजगार कर लोग अपना जीविकोपार्जन चला सके. इसके लिए कई महिलाओं ने ई-रिक्शा खरीदा तो कुछ ने घर में ही कपड़ा का व्यवसाय शुरू किया. कुछ दिन के लिए लॉकडाउन खुला तो लोगों का रोजगार चला. लेकिन कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के कारण फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया. जिस कारण इन लोगों के रोजगार पर भी बुरा असर पड़ा है.
फाइनेंस कर्मी किस्त जमा करने के लिए कर रहा परेशान
बता दें कि माइक्रो फाइनेंस के नियम के तहत 1 महीने के बाद पहला किस्त जमा करना होता है और 31 जुलाई को पहली किस्त जमा करने का अंतिम समय दिया गया था. लेकिन महिलाओं को इस ऋण को चुकता करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फाइनेंस कर्मी इन लोगों को किस्त जमा करने के लिए लगातार परेशान कर रहे हैं. वहीं आर्थिक तंगी से जूझ रही महिलाओं ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए मांग की है कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता तब तक इन्हें किस्त जमा करने के लिए कुछ दिन का वक्त दिया जाए.
प्रशासन से मदद की गुहार
महिलाएं का कहना है कि स्वरोजगार के लिए समूह लोन लिया गया था और शुक्रवार को उस लोन की पहली किस्त जमा करने का अंतिम तिथि है. लेकिन कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लग गया और काम धंधा सब चौपट हो गया. जिस कारण कमाई नहीं हो पाई. घर परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे तंगी हालत में हम किस्त कहां से जमा करेंगे. महिलाओं की माने तो फाइनेंस कर्मी सुबह से परेशान कर रहे हैं. उनके द्वारा कहा जा रहा है कि चाहे जहां से भी पैसा दो. चोरी करें, डाका डाले लेकिन उन्हें पैसा आज चाहिए. महिलाओं ने जिला प्रशासन से गुहार लगायी है कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता और जनजीवन पटरी पर नहीं आ जाता तब तक किस्त चुकाने की छूट दी जाए.