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कटिहार: बढ़ेगी अब मछली पालकों की आमदनी, 90% अनुदान पर दिया गया आइसबॉक्स के साथ वाहन - Vehicles with icebox given to fish farmers

कटिहार में मछली पालकों के अच्छे दिन आने वाले हैं. मत्स्य विभाग ने नब्बे फीसदी अनुदान पर मत्स्य पालकों को वाहन उपलब्ध कराए हैं. इससे मत्स्य पालक तालाब से मछली पकड़कर वाहनों से सीधे बाजार में पहुंचा सकते हैं.

Katihar
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Published : Mar 12, 2021, 10:04 PM IST

कटिहार: जिले में मछली पालकों के अच्छे दिन आने वाले हैं. मत्स्य विभाग ने नब्बे फीसदी अनुदान पर मत्स्य पालकों को वाहन उपलब्ध कराए हैं. इससे मत्स्य पालक तालाब से मछली पकड़कर वाहनों से सीधे बाजार में पहुंचा सकते हैं. इससे जिन्दा और ताजी मछली लोगों को उपलब्ध हो पाएगी और मत्स्य पालकों को इसकी अच्छी कीमत मिलेगी. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने ऐसे तीस लाभुकों को आइसबॉक्स के साथ वाहनों के चाभी सौंपी.

यह भी पढ़ें:- शराबबंदी को विफल बता तेजस्वी साध रहे CM नीतीश पर निशाना, JDU ने भी खोला मोर्चा

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे में नीली क्रांति सफल हो इसके लिए हमारी सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि मछली पालन द्वारा हम ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक परिदृश्य को बदलना चाहते हैं. साथ ही बताया कि बिहार सरकार एक नया प्रयोग कर रही है. जिसमें नीचे मत्स्य पालन और ऊपर बिजली का उत्पादन किया जा सके. इसपर काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत तीस लाभुकों को आइसबॉक्स के साथ वाहनों की चाभी सौंपी गई है. उन्होंने बताया कि वाहनों के जरिए मछली उत्पादक बाजारों तक आसानी से पहुंच पाएंगे. मत्स्य पालन में बिहार आत्मनिर्भर हो रहा है.

यह भी पढ़ें:- खुजली पाउडर फेंककर लूटपाट करने वाले कोढ़ा गैंग के 7 बदमाश गिरफ्तार, 2 बाइक बरामद

जिले में मछली उत्पादन की अच्छी संभावना
बता दें कि कटिहार में मछली उत्पादन की अच्छी संभावना है. यहां गंगा, कोसी और महानंदा नदियों के साथ-साथ सैकड़ों की तादाद में ताल-तलैया और तालाबें हैं. जहां काफी मात्रा में मछली का उत्पादन होता है. लेकिन उचित संसाधन नहीं होने के कारण बाजार पहुंचने से पहले ही मछलियां खराब हो जाती हैं. ऐसे में विभाग द्वारा मछली पालकों को आइसबॉक्स के साथ वाहन प्रदान करने से इनके दिन बहुरने की उम्मीद है.

कटिहार: जिले में मछली पालकों के अच्छे दिन आने वाले हैं. मत्स्य विभाग ने नब्बे फीसदी अनुदान पर मत्स्य पालकों को वाहन उपलब्ध कराए हैं. इससे मत्स्य पालक तालाब से मछली पकड़कर वाहनों से सीधे बाजार में पहुंचा सकते हैं. इससे जिन्दा और ताजी मछली लोगों को उपलब्ध हो पाएगी और मत्स्य पालकों को इसकी अच्छी कीमत मिलेगी. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने ऐसे तीस लाभुकों को आइसबॉक्स के साथ वाहनों के चाभी सौंपी.

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इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे में नीली क्रांति सफल हो इसके लिए हमारी सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि मछली पालन द्वारा हम ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक परिदृश्य को बदलना चाहते हैं. साथ ही बताया कि बिहार सरकार एक नया प्रयोग कर रही है. जिसमें नीचे मत्स्य पालन और ऊपर बिजली का उत्पादन किया जा सके. इसपर काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत तीस लाभुकों को आइसबॉक्स के साथ वाहनों की चाभी सौंपी गई है. उन्होंने बताया कि वाहनों के जरिए मछली उत्पादक बाजारों तक आसानी से पहुंच पाएंगे. मत्स्य पालन में बिहार आत्मनिर्भर हो रहा है.

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जिले में मछली उत्पादन की अच्छी संभावना
बता दें कि कटिहार में मछली उत्पादन की अच्छी संभावना है. यहां गंगा, कोसी और महानंदा नदियों के साथ-साथ सैकड़ों की तादाद में ताल-तलैया और तालाबें हैं. जहां काफी मात्रा में मछली का उत्पादन होता है. लेकिन उचित संसाधन नहीं होने के कारण बाजार पहुंचने से पहले ही मछलियां खराब हो जाती हैं. ऐसे में विभाग द्वारा मछली पालकों को आइसबॉक्स के साथ वाहन प्रदान करने से इनके दिन बहुरने की उम्मीद है.

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