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वेंडर कार्ड नहीं होने से परेशान हैं सब्जी और फल वाले, नहीं मिल रहा 'PM सम्मान निधि योजना' का लाभ

लॉकडाउन के दौरान फुटपाथी दुकानदारों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पीएम सम्मान निधि योजना' की शुरुआत की. इसके तहत वेंडर्स को 10,000 लोन दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन वेंडर्स के पास पहचान पत्र नहीं होने के कारण अब तक ये लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है.

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Published : Aug 13, 2020, 3:17 PM IST

Updated : Aug 14, 2020, 1:59 PM IST

सस
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कटिहारः कोरोना महामारी के कारण बिहार में हर क्षेत्र के छोटे बड़े कारोबारी घाटे के दौर से गुजर रहे हैं. हालात ये है कि फुटपाथ और ठेले पर सब्जी, फल और अन्य सामान बेचने वाले वेंडर्स के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.

लॉकडाउन में इन दुकानदारों की समस्या को देखते हुए पीएम मोदी ने 'प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना' की शुरुआत की. जिसके तहत फुटपाथ दुकानदारों को 10,000 का लोन देने का प्रावधान है. लेकिन कई जिलों में अब तक इन वेंडर्स को योजना का लाभ नहीं मिला है. इसकी वजह ये है कि अब तक ज्यादातर वेंडर्स के पास वेंडर कार्ड ही नहीं है.

परेशान वेंडर
परेशान वेंडर

'2014 में कांग्रेस सरकार लाई थी स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट'
2014 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट लाया था. इस विधेयक के तहत विक्रेताओं को जीविका संरक्षण का अधिकार, समाजिक सुरक्षा और देश में शहरी पथ विक्रय के विनियमन और इनसे जुड़े मामले के बारे में बात कही गई थी. इस विधेयक को लाने का उद्देश्य था फुटपाथ और ठेले वालों की पहचान कर उन्हें सुरक्षा प्रदान करना.

नहीं मिल रहा लॉकडाउन में दिए गए लाभ का फायदा
2014 में ही लोकसभा के चुनाव में बीजेपी सरकार ने इस एक्ट में संशोधन किया और इस एक्ट को ग्रामीण क्षेत्रों से हटाकर शहरी क्षेत्रों तक सीमित कर दिया. लेकिन अब तक इस एक्ट के तहत वेंडरों की पहचान कर उन्हें कार्ड मुहैया नहीं कराया गया.

इसकी पोल कोरोना के दौर में खुल गई. जब फुटपाथी दुकानदारों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम सम्मान निधि योजना की शुरुआत की. इसके तहत 10, 000 लोन दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन वेंडर्स के पास पहचान पत्र नहीं होने के कारण अब तक ये लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है.

सड़क किनारे सब्जी बेचता युवक
सड़क किनारे सब्जी बेचता युवक

अब तक 811 वेंडर्स का ही किया गया है सर्वे
बात अगर कटिहार जिले की करें तो यहां करीब 8000 फुटपाथी दुकानदारों को टाउन वेंडिंग कमेटी के द्वारा चिन्हित किया गया है. इसके लिए करीब 37 टीवीसी बनाई गई है. जिले में नगर निगम और टीवीसी के द्वारा सर्वेक्षण शुरू किया गया. जिसमें जिले के करीब 22 सौ वेंडरों का टारगेट रखा गया है.

उसमें से 811 वेंडर्स का सर्वे किया जा चुका है. जिसमें 300 फुटपाथ दुकानदारों ने प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन दिया है. इसमें करीब 120 लोगों का आवेदन अप्रूव्ड हो गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सड़क किनारे दुकान लगाने को मजबूर वेंडर
45 वार्ड वाला कटिहार नगर निगम में फुटपाथ के किनारे फल बेचने वाले सब्जी बेचने वाले ठेले लगाने वाले कामगार मजदूर के लिए नगर निगम के द्वारा 7 वेंडिंग जोन बनाए गए हैं. ताकि इस जगह पर वेंडर अपने सामानों की बिक्री कर सकें. लेकिन अभी भी इसका सही से अनुपालन नहीं किया जा रहा है. वेंडर सड़क के किनारे दुकान लगाने को मजबूर हैं जिन्हें स्थानीय पुलिस के द्वारा बार-बार प्रताड़ित किया जाता है.

महिला फुटपाथ दुकानदारों ने ईटीवी भारत से अपनी आप बीती बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी की वजह से दुकानदारी नहीं चल रही है. परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. दाने-दाने को मोहताज हैं. बावजूद अभी तक सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है.

परेशान महिला वेंडर्स
परेशान महिला वेंडर्स

दरभंगा में भी वेंडर्स सर्वे का काम अधुरा
वेंडर्स की ये परेशानी किसी एक जिले की नहीं है, बिहार के तकरीबन सभी जिलों में वेंडर की कमोबेश यही परेशानी है. दरभंगा में भी फुटपाथी दुकानदारों के सर्वे और उन्हें वेंडर कार्ड जारी करने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है. दरभंगा में करीब 6 हज़ार 700 फुटपाथी दुकानदार हैं. जिनमें से महज 375 को वेंडर कार्ड जारी किए गए हैं.

इस योजना के तहत शहर में कई वेंडिंग जोन बनाने का भी प्रस्ताव है, जहां फुटपाथी दुकानदारों को दुकान बनाकर आवंटित किया जाना है. लेकिन शहर में अभी तक इनका काम शुरू नहीं हुआ है.

ट्रेड यूनियन ने दी है आंदोलन की चेतावनी
दरभंगा के फुटपाथी दुकानदार और मजदूर संघ ने नगर निगम में लालफीताशाही का आरोप लगाते हुए वेंडर्स की उपेक्षा की बात कही है. फुटपाथी दुकानदारों के ट्रेड यूनियन ने इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दी है. हालांकि नगर निगम के आयुक्त ने ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए फुटपाथी दुकानदारों के कल्याण के लिए योजनाओं पर काम जारी होने की बात कही है.

सब्जी बेचती महिला
सब्जी बेचती महिला

'राजनीतिक कारणों से नहीं बना वेंडर कार्ड'
वहीं, इस मामले में कटिहार टाउन वेंडिंग कमिटी के सदस्य और असंगठित कामगार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुरनानी ने बताया कि यूपीए सरकार में स्ट्रीट वेंडर एक्ट लाया गया था. उस समय सर्वे कराया गया जिसमें कटिहार शहर में 17 फुटपाथी दुकानदार थे. लेकिन राजनीतिक कारणों के कारण उनका कार्ड नहीं बन सका.

अब दोबारा सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें 12 सौ से 15 सौ सर्वे किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि नगर निगम और प्रशासन के पास सभी फुटपाथ दुकानदारों की लिस्ट है. लेकिन वह एक्टिव होकर काम नहीं कर रहे है.

महिला वेंडर
महिला वेंडर

क्या है नगर आयुक्त का कहना
पूरे मामले में कटिहार नगर आयुक्त मिनेंद्र कुमार ने बताया कटिहार नगर निगम क्षेत्र में करीब 22 सौ का टारगेट रखा गया है. जिसमें 811 लोगों का सर्वे किया जा चुका है. इनका डॉक्यूमेंट लेकर अपलोड किया जा रहा है अभी तक 300 दुकानदारों ने इसके लिए आवेदन दिया है. लगभग 120 लोगों का स्मार्ट कार्ड बनकर तैयार हो गया है. जल्द ही उन दुकानदारों को दे दिया जाएगा.

कटिहारः कोरोना महामारी के कारण बिहार में हर क्षेत्र के छोटे बड़े कारोबारी घाटे के दौर से गुजर रहे हैं. हालात ये है कि फुटपाथ और ठेले पर सब्जी, फल और अन्य सामान बेचने वाले वेंडर्स के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.

लॉकडाउन में इन दुकानदारों की समस्या को देखते हुए पीएम मोदी ने 'प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना' की शुरुआत की. जिसके तहत फुटपाथ दुकानदारों को 10,000 का लोन देने का प्रावधान है. लेकिन कई जिलों में अब तक इन वेंडर्स को योजना का लाभ नहीं मिला है. इसकी वजह ये है कि अब तक ज्यादातर वेंडर्स के पास वेंडर कार्ड ही नहीं है.

परेशान वेंडर
परेशान वेंडर

'2014 में कांग्रेस सरकार लाई थी स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट'
2014 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट लाया था. इस विधेयक के तहत विक्रेताओं को जीविका संरक्षण का अधिकार, समाजिक सुरक्षा और देश में शहरी पथ विक्रय के विनियमन और इनसे जुड़े मामले के बारे में बात कही गई थी. इस विधेयक को लाने का उद्देश्य था फुटपाथ और ठेले वालों की पहचान कर उन्हें सुरक्षा प्रदान करना.

नहीं मिल रहा लॉकडाउन में दिए गए लाभ का फायदा
2014 में ही लोकसभा के चुनाव में बीजेपी सरकार ने इस एक्ट में संशोधन किया और इस एक्ट को ग्रामीण क्षेत्रों से हटाकर शहरी क्षेत्रों तक सीमित कर दिया. लेकिन अब तक इस एक्ट के तहत वेंडरों की पहचान कर उन्हें कार्ड मुहैया नहीं कराया गया.

इसकी पोल कोरोना के दौर में खुल गई. जब फुटपाथी दुकानदारों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम सम्मान निधि योजना की शुरुआत की. इसके तहत 10, 000 लोन दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन वेंडर्स के पास पहचान पत्र नहीं होने के कारण अब तक ये लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है.

सड़क किनारे सब्जी बेचता युवक
सड़क किनारे सब्जी बेचता युवक

अब तक 811 वेंडर्स का ही किया गया है सर्वे
बात अगर कटिहार जिले की करें तो यहां करीब 8000 फुटपाथी दुकानदारों को टाउन वेंडिंग कमेटी के द्वारा चिन्हित किया गया है. इसके लिए करीब 37 टीवीसी बनाई गई है. जिले में नगर निगम और टीवीसी के द्वारा सर्वेक्षण शुरू किया गया. जिसमें जिले के करीब 22 सौ वेंडरों का टारगेट रखा गया है.

उसमें से 811 वेंडर्स का सर्वे किया जा चुका है. जिसमें 300 फुटपाथ दुकानदारों ने प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन दिया है. इसमें करीब 120 लोगों का आवेदन अप्रूव्ड हो गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सड़क किनारे दुकान लगाने को मजबूर वेंडर
45 वार्ड वाला कटिहार नगर निगम में फुटपाथ के किनारे फल बेचने वाले सब्जी बेचने वाले ठेले लगाने वाले कामगार मजदूर के लिए नगर निगम के द्वारा 7 वेंडिंग जोन बनाए गए हैं. ताकि इस जगह पर वेंडर अपने सामानों की बिक्री कर सकें. लेकिन अभी भी इसका सही से अनुपालन नहीं किया जा रहा है. वेंडर सड़क के किनारे दुकान लगाने को मजबूर हैं जिन्हें स्थानीय पुलिस के द्वारा बार-बार प्रताड़ित किया जाता है.

महिला फुटपाथ दुकानदारों ने ईटीवी भारत से अपनी आप बीती बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी की वजह से दुकानदारी नहीं चल रही है. परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. दाने-दाने को मोहताज हैं. बावजूद अभी तक सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है.

परेशान महिला वेंडर्स
परेशान महिला वेंडर्स

दरभंगा में भी वेंडर्स सर्वे का काम अधुरा
वेंडर्स की ये परेशानी किसी एक जिले की नहीं है, बिहार के तकरीबन सभी जिलों में वेंडर की कमोबेश यही परेशानी है. दरभंगा में भी फुटपाथी दुकानदारों के सर्वे और उन्हें वेंडर कार्ड जारी करने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है. दरभंगा में करीब 6 हज़ार 700 फुटपाथी दुकानदार हैं. जिनमें से महज 375 को वेंडर कार्ड जारी किए गए हैं.

इस योजना के तहत शहर में कई वेंडिंग जोन बनाने का भी प्रस्ताव है, जहां फुटपाथी दुकानदारों को दुकान बनाकर आवंटित किया जाना है. लेकिन शहर में अभी तक इनका काम शुरू नहीं हुआ है.

ट्रेड यूनियन ने दी है आंदोलन की चेतावनी
दरभंगा के फुटपाथी दुकानदार और मजदूर संघ ने नगर निगम में लालफीताशाही का आरोप लगाते हुए वेंडर्स की उपेक्षा की बात कही है. फुटपाथी दुकानदारों के ट्रेड यूनियन ने इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दी है. हालांकि नगर निगम के आयुक्त ने ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए फुटपाथी दुकानदारों के कल्याण के लिए योजनाओं पर काम जारी होने की बात कही है.

सब्जी बेचती महिला
सब्जी बेचती महिला

'राजनीतिक कारणों से नहीं बना वेंडर कार्ड'
वहीं, इस मामले में कटिहार टाउन वेंडिंग कमिटी के सदस्य और असंगठित कामगार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुरनानी ने बताया कि यूपीए सरकार में स्ट्रीट वेंडर एक्ट लाया गया था. उस समय सर्वे कराया गया जिसमें कटिहार शहर में 17 फुटपाथी दुकानदार थे. लेकिन राजनीतिक कारणों के कारण उनका कार्ड नहीं बन सका.

अब दोबारा सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें 12 सौ से 15 सौ सर्वे किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि नगर निगम और प्रशासन के पास सभी फुटपाथ दुकानदारों की लिस्ट है. लेकिन वह एक्टिव होकर काम नहीं कर रहे है.

महिला वेंडर
महिला वेंडर

क्या है नगर आयुक्त का कहना
पूरे मामले में कटिहार नगर आयुक्त मिनेंद्र कुमार ने बताया कटिहार नगर निगम क्षेत्र में करीब 22 सौ का टारगेट रखा गया है. जिसमें 811 लोगों का सर्वे किया जा चुका है. इनका डॉक्यूमेंट लेकर अपलोड किया जा रहा है अभी तक 300 दुकानदारों ने इसके लिए आवेदन दिया है. लगभग 120 लोगों का स्मार्ट कार्ड बनकर तैयार हो गया है. जल्द ही उन दुकानदारों को दे दिया जाएगा.

Last Updated : Aug 14, 2020, 1:59 PM IST

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