कटिहार (मनिहारी) : आसमान साफ है...धूप खिली हुई है...भारत ने टॉस जीता है और बल्लेबाजी का फैसला किया है...क्रिकेट में ये शब्द, टीवी स्क्रिन के सामने बैठे दर्शकों को रोमांचित करते है. दरअसल, यह क्रिकेट की कॉमेंट्री (Cricket Commentary) है. बिहार के कटिहार जिले के वरुण देव सिंह (Varun Deo Singh) की कॉमेंट्री को सुन कर आप भी चौंक जाएंगे.
वरुण देव सिंह, कटिहार जिले के अमदाबाद प्रखंड में प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में कार्यकारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. अंग्रेजी भाषा के धनी हैं, खासकर क्रिकेट कमेंट्री में...आस्ट्रेलियन भाषा में हो या इंग्लैंड...इनकी कॉमेंट्री में कोई अंतर नहीं मिलेगा. वरुण देव पेशे से एक शिक्षक है लेकिन पिछले 40 वर्षों से क्रिकेट में रुचि और स्थानीय स्तर पर ब्रिटिश इंग्लिश में कॉमेंट्री ( Cricket Commentary ) करने के कारण आज यह पूरे जिले में प्रसिद्ध है.
ये भी पढ़ें: वर्ल्ड कप 2019: इंडिगो फ्लाइट में पायलट कर रहे कमेंट्री, बता रहे क्रिकेट का लाइव स्कोर
ब्रिटिश इंग्लिश में कॉमेंट्री
पिछले 40 वर्षों से क्रिकेट के प्रति वरुण देव सिंह का लगाव है. इलाके में कहीं भी क्रिकेट मैच होता है तो वहां कॉमेंट्री करने पहुंच जाते हैं. उनकी सबसे खास बात यह है कि यह न तो हिंदी में और न ही भारतीय इंग्लिश में कॉमेंट्री करते हैं बल्कि ब्रिटिश इंग्लिश में कॉमेंट्री करने के कारण उन्हें काफी लोग पसंद करते हैं.
सोशल मीडिया से आये चर्चा में
वरुणदेव सिंह चर्चा में तब आए जब कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर उनका ब्रिटिश इंग्लिश क्रिकेट कॉमेंट्री का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ और देश के कई बड़े दिग्गज क्रिकेटर ने इनका वीडियो शेयर किया. पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने भी उनकी कॉमेंट्री का वीडियो शेयर किया जिसे करोड़ों लोगों ने पसंद किया है. वरुणदेव सिंह इस ब्रिटिश-इंग्लिश के लिए कहीं कोई कोचिंग या पढ़ाई नहीं की बल्कि उन्होंने कई अंग्रेजी व्याकरण की किताबें पढ़कर अपने घर के एक कमरे में ब्रिटिश टोन में अभ्यास करते थे और आज भी यह प्रक्रिया जारी है.
ये भी पढ़ें: छठे दिन साउथैम्पटन की पिच पर बल्लेबाजी करना आसान हो सकता है, जानिए कैसे
ईटीवी भारत से की बातचीत
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि कि ब्रिटिश टोन लेने के लिए काफी समय लगता है. भारतीय इंग्लिश और ब्रिटिश इंग्लिश में काफी अंतर है. यहां भारतीय अंग्रेजी का दाम होगा मूल्य होगा लेकिन विश्व स्तर पर भारतीय इंग्लिश का कोई दाम और मूल्य नहीं है.
"कटिहार समेत पूर्णिया जिले के क्रिकेट मैच के दौरान अंग्रेजी में कॉमेंट्री करने का मौका मिला है. कटिहार के तत्कालीन सांसद तारिक अनवर ने जब मेरी कॉमेंट्री सुनी तो उन्होंने दिल्ली बुलाया था. लेकिन घर नहीं छोड़ने के कारण दिल्ली नहीं जा पाया. लाइव कॉमेंट्री करने का मौका अभी तक नहीं मिला है. अगर मौका मिला तो लाइव कॉमेंट्री जरूर करना चाहूंगा.'' - वरुण देव सिंह, शिक्षक
ये भी पढ़ें : Katihar Crime News: चुनावी रंजिश में हुई थी बुजुर्ग की हत्या, 3 अभियुक्त गिरफ्तार
35 सालों से कर रहे ब्रिटिश टोन में कॉमेंट्री
भारतीयों के लिए ब्रिटिश टोन में बोलना आसान नहीं है इसलिए इसे हम कला कहें तो कोई गुरेज नहीं है. पिछले 35 वर्षों से स्थानीय स्तर पर ब्रिटिश टोन में क्रिकेट की कॉमेंट्री कर रहे वरुण देव सिंह को अभी तक कोई प्लेटफार्म नहीं मिला है. जिस कारण वह अपने इस कला को ज्याादा बिखेर नहीं सके.