कटिहार: अगस्त महीने के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है जो इस साल 2 अगस्त को मनाया गया. बच्चे से लेकर बड़े इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं ताकि अपने दोस्तों को उनकी अहमियत बता सके. मित्रता दिवस का यह मौका हर इंसान के लिए खास होता है. जिले के दो ऐसे ही व्यक्ति है जो दिव्यांग है लेकिन जिनकी दोस्ती पूरे जिले में एक मिसाल है.
भारत में कई ऐसे दोस्तों की जोड़ियां हैं जिन्हें लोग हमेशा याद करते हैं. चाहे वह रियल लाइफ की दोस्ती हो या रील लाइफ का. फिल्मों में जय वीरू की और धर्मवीर की जोड़ी भी खुब याद की जाती है. कटिहार में मोहम्मद लोको और मोहम्मद जमाल दो ऐसे ही दिव्यांगों की दोस्ती पूरे जिले में मिसाल मानी जाती है. लोको शारीरिक रूप से दिव्यांग है, वहीं जमाल आंखों से. दोनों पूरी तरह दिव्यांग हैं. लेकिन एक दूसरे की मदद कर अपनी जिंदगी काट रहे हैं. अपनी कमजोरी को इन्होंने दोस्ती की ताकत में बदल दिया है और दिव्यांगता आज दोस्ती के सामने झुक गई है.
एक दूसरे का सहारा बनते हैं दोनों
दोस्ती से पहले दोनों की जिंदगी चारदीवारी के अंदर कैद रहती थी. लेकिन दोनों की मुलाकात आज से 20 साल पहले ईदगाह में हुई. वहीं आज 20 साल बीत जाने के बाद भी दोनों की दोस्ती में कोई दरार नहीं आई. यही वजह है कि एक दूसरे को पाकर आज ये दोनों कई ऐसे काम कर सकते हैं जो अलग अलग कभी नहीं कर पाते. ट्राई साइकिल पर बैठा मोहम्मद लोको पैरों से दिव्यांग है. वहीं जमाल के आंखों में रोशनी नहीं है. लेकिन मित्रता इनके जीवन की सबसे बड़ी ताकत है. जहां एक दोस्त चल नहीं पाता वहां दूसरा उसके लिए कदम बनता है. वहीं दूसरा देख नहीं पाता तो पहला दोस्त उसे अपनी आंखों से दुनिया दिखाता है.
20 साल पहले ईदगाह में मिले थे दोनों
मोहम्मद लोको और मोहम्मद जमाल बताते हैं 10 वर्ष की उम्र में दोनों की मुलाकात ईदगाह में हुई और तब से हीं दोनों गले मिलकर एक दूसरे के दोस्त बन गए. आज उस दोस्ती की 20 साल से भी अधिक दिन गुजर गए हैं. लेकिन आज तक ये कभी जुदा नहीं हुए. हर पल एक दूसरे का साथ निभाया है. इस मित्रता दिवस पर इन्होंने भगवान से दुआ मांगी है कि इनकी दोस्ती पर किसी की नजर ना लगे और इनकी दोस्ती सालों तक सलामत रहे.