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कोरोना और बाढ़ के बीच मानव तस्करी का खेल जारी, रेल पुलिस ने 7 को किया गिरफ्तार - Labor enforcement department

कोरोना महामारी ने जहां प्रदेश के लोगों का जीना दूभर कर दिया है, तो वहीं बाढ़ ने भी रही-सही कसर पूरी कर डाली है, जिसका फायदा अब मानव तस्कर उठाने लगे हैं मानव तस्कर गरीबी के मर्ज पर रोजगार का मरहम लगा कर पीड़ित परिवारों को अपने झांसे में ले लेते हैं और थोड़ी बहुत पैसे परिवारों को थमा उनसे उनके बच्चों को लेकर दिल्ली और पंजाब जैसे प्रदेशों में बेच डालते हैं.

Katihar
रेल पुलिस की छापेमारी में 7 मानव तस्कर गिरफ्तार
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Published : Aug 27, 2020, 9:58 PM IST

Updated : Sep 20, 2020, 5:40 PM IST

कटिहार: जिले में कोरोना और बाढ़ के बीच मानव तस्करी का खेल शुरू हो गया है. गुरुवार को कटिहार रेल पुलिस ने मानव तस्करों से 14 मासूमों को मुक्त कराया हैं, जिन्हें काम कराने के लिये दिल्ली और पंजाब ले जाया जा रहा था. रेल पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया हैं, जिसमें एक महिला तस्कर भी शामिल है, फिलहाल रेल पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया हैं, साथ ही मुक्त कराये गये सभी 14 मासूमों को स्थानीय बाल संरक्षण इकाई में भेज दिया गया हैं और मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

रेल पुलिस ने कि छापेमारी

मिली जानकारी के अनुसार इन 14 मासूमों को उस समय बरामद किया गया है, जब श्रम प्रवर्तन विभाग और रेल पुलिस की संयुक्त छापेमारी में यह आरोपी बच्चों को लेकर दिल्ली जाने वाली ट्रेन में चढ़ने वाले थे. दरअसल, श्रम प्रवर्तन विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि कोरोना काल में कुछ मानव तस्कर गरीब परिवारों के बच्चों को अच्छे रोजगार का भरोसा देकर दिल्ली और पंजाब ले जा रहे है. इसी के आधार पर रेल पुलिस ने आज ये छापेमारी कि है, जिसमें 7 लोगों को गिरफ्तर कर लिया गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

आरोपियों को भेजा गया जेल

वहीं, आरोपी अरिकुल खान ने कहा कि वह कोरोना काल में बच्चों को तस्करी की जगह दिल्ली घुमाने ले जा रहा था. जबकि, महिला तस्कर अजमेरा खातून ने बच्चों को कचड़े बिनने का रोजगार देने की बात कही है. वहीं, कटिहार रेल पुलिस के सब इंस्पेक्टर किशोर कुमार ने बताया कि फिलहाल सभी आरोपी को मेडिकल टेस्ट के बाद जेल भेज दिया गया हैं और बच्चों को स्थानीय बाल संरक्षण इकाई को सौंप दिया गया है.

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ अभियान

कोरोना महामारी ने जहां प्रदेश के लोगों का जीना दूभर कर दिया है, तो वहीं बाढ़ ने भी रही-सही कसर पूरी कर डाली है, जिसका फायदा अब मानव तस्कर उठाने लगे हैं. मानव तस्कर गरीबी के मर्ज पर रोजगार का मरहम लगा कर पीड़ित परिवारों को अपने झांसे में ले लेते है और थोड़ी बहुत पैंसे परिवारों को थमा उनसे उनके बच्चों को लेकर दिल्ली और पंजाब जैसे प्रदेशों में बेच डालते है, जहां पूरी जिंदगी ये बच्चे बंधुआ मजदूरी कर दम तोड़ देते है, ऐसे में जरूरत हैं कि इस ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाये, ताकि मानव तस्करी के फन को कुचला जा सकें.

कटिहार: जिले में कोरोना और बाढ़ के बीच मानव तस्करी का खेल शुरू हो गया है. गुरुवार को कटिहार रेल पुलिस ने मानव तस्करों से 14 मासूमों को मुक्त कराया हैं, जिन्हें काम कराने के लिये दिल्ली और पंजाब ले जाया जा रहा था. रेल पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया हैं, जिसमें एक महिला तस्कर भी शामिल है, फिलहाल रेल पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया हैं, साथ ही मुक्त कराये गये सभी 14 मासूमों को स्थानीय बाल संरक्षण इकाई में भेज दिया गया हैं और मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

रेल पुलिस ने कि छापेमारी

मिली जानकारी के अनुसार इन 14 मासूमों को उस समय बरामद किया गया है, जब श्रम प्रवर्तन विभाग और रेल पुलिस की संयुक्त छापेमारी में यह आरोपी बच्चों को लेकर दिल्ली जाने वाली ट्रेन में चढ़ने वाले थे. दरअसल, श्रम प्रवर्तन विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि कोरोना काल में कुछ मानव तस्कर गरीब परिवारों के बच्चों को अच्छे रोजगार का भरोसा देकर दिल्ली और पंजाब ले जा रहे है. इसी के आधार पर रेल पुलिस ने आज ये छापेमारी कि है, जिसमें 7 लोगों को गिरफ्तर कर लिया गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

आरोपियों को भेजा गया जेल

वहीं, आरोपी अरिकुल खान ने कहा कि वह कोरोना काल में बच्चों को तस्करी की जगह दिल्ली घुमाने ले जा रहा था. जबकि, महिला तस्कर अजमेरा खातून ने बच्चों को कचड़े बिनने का रोजगार देने की बात कही है. वहीं, कटिहार रेल पुलिस के सब इंस्पेक्टर किशोर कुमार ने बताया कि फिलहाल सभी आरोपी को मेडिकल टेस्ट के बाद जेल भेज दिया गया हैं और बच्चों को स्थानीय बाल संरक्षण इकाई को सौंप दिया गया है.

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ अभियान

कोरोना महामारी ने जहां प्रदेश के लोगों का जीना दूभर कर दिया है, तो वहीं बाढ़ ने भी रही-सही कसर पूरी कर डाली है, जिसका फायदा अब मानव तस्कर उठाने लगे हैं. मानव तस्कर गरीबी के मर्ज पर रोजगार का मरहम लगा कर पीड़ित परिवारों को अपने झांसे में ले लेते है और थोड़ी बहुत पैंसे परिवारों को थमा उनसे उनके बच्चों को लेकर दिल्ली और पंजाब जैसे प्रदेशों में बेच डालते है, जहां पूरी जिंदगी ये बच्चे बंधुआ मजदूरी कर दम तोड़ देते है, ऐसे में जरूरत हैं कि इस ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाये, ताकि मानव तस्करी के फन को कुचला जा सकें.

Last Updated : Sep 20, 2020, 5:40 PM IST
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