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नाम बदला पर किस्मत नहीं! कामाख्या एक्सप्रेस में भटकता रहा दिव्यांग

कामाख्या एक्सप्रेस से आनंद विहार जाने के लिए दिव्यांग मो. जाफरोज ने कोशिश की. लेकिन भारी भीड़ और दिव्यांग बोगी नहीं होने से ट्रेन नहीं पकड़ सका. मजबूरी में दूसरी ट्रेन पकड़ कर पटना चला गया.

कटिहार जंक्शन पर दिव्यांग
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Published : Sep 13, 2019, 1:50 PM IST

कटिहारः समय के साथ अलग-अलग विभागों में बदलाव हुए हैं. जहां रेलवे ने किराया में वृद्धि की, वहीं जन सुविधाएं भी बढ़ायी. दूसरी तरफ पीएम मोदी ने विकलांगों को दिव्यांग नाम दिया. नाम तो बदल गया पर शायद किस्मत नहीं. दिव्यांग आज भी सुविधाओं से वंचित हैं. इसकी बानगी कटिहार रेलवे स्टेशन पर देखने को मिली. जब कामाख्या एक्सप्रेस में दिव्यांग बोगी नहीं होने से एक दिव्यांग को ट्रेन छोड़ना पड़ा.

कटिहार स्टेशन की यह तस्वीर रेलवे अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर देगी. कामाख्या स्टेशन से आनंद विहार जाने वाली कामाख्या-आनंद विहार एक्सप्रेस में दिव्यांग बोगी नदारद रहने से दिव्यांग मो. जाफरोज ने ट्रेन छोड़ दी. दरअसल, कामाख्या एक्सप्रेस कटिहार स्टेशन पर लगी हुई थी. उसी दौरान एक दिव्यांग यात्री, दिव्यांग बोगी ढूंढ रहा था. लेकिन उसे ट्रेन में कहीं भी दिव्यांग बोगी नजर नहीं आया. इसके बाद दिव्यांग दूसरी ट्रेन से पटना की ओर रवाना हो गया.

ट्रेन पकड़ने के लिए इधर-उधर भटकता दिव्यांग

भीड़ की वजह से नहीं चढ़ पाया ट्रेन
सालेहपूर महेशपुर निवासी दिव्यांग यात्री मो. जाफरोज ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें आनंद विहार (दिल्ली) जाना है. लेकिन कामाख्या एक्सप्रेस में एक भी दिव्यांग बोगी नहीं है. ट्रेन में घुसने की कोशिश भी की. जनरल बोगी में काफी भीड़ थी. भीड़ की वजह से बैठना भी मुश्किल है, मजबूरन ट्रेन छोड़नी पड़ी.

katihar station
दिव्यांग बोगी खोजता दिव्यांग यात्री

हर ट्रेन में रहता है दिव्यांग बोगी
बता दें कि दिव्यांग यात्रियों के लिए रेलवे हर ट्रेन में एक विशेष बोगी उपलब्ध कराती है. जिसमें सिर्फ दिव्यांग यात्री सफर करते हैं. लेकिन कामाख्या एक्सप्रेस में दिव्यांग बोगी के नहीं रहने से दिव्यांग यात्री को परेशानी उठानी पड़ी. ऐसे में गंतव्य तक पहुंचने के लिए लिंक ट्रेन पर सवार होकर जाना पड़ा. कटिहार जंक्शन पर इस तस्वीर से रेलवे की सुविधाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़े करते हैं.

handicapped passenger
दिव्यांग यात्री मो. जाफरोज

कटिहारः समय के साथ अलग-अलग विभागों में बदलाव हुए हैं. जहां रेलवे ने किराया में वृद्धि की, वहीं जन सुविधाएं भी बढ़ायी. दूसरी तरफ पीएम मोदी ने विकलांगों को दिव्यांग नाम दिया. नाम तो बदल गया पर शायद किस्मत नहीं. दिव्यांग आज भी सुविधाओं से वंचित हैं. इसकी बानगी कटिहार रेलवे स्टेशन पर देखने को मिली. जब कामाख्या एक्सप्रेस में दिव्यांग बोगी नहीं होने से एक दिव्यांग को ट्रेन छोड़ना पड़ा.

कटिहार स्टेशन की यह तस्वीर रेलवे अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर देगी. कामाख्या स्टेशन से आनंद विहार जाने वाली कामाख्या-आनंद विहार एक्सप्रेस में दिव्यांग बोगी नदारद रहने से दिव्यांग मो. जाफरोज ने ट्रेन छोड़ दी. दरअसल, कामाख्या एक्सप्रेस कटिहार स्टेशन पर लगी हुई थी. उसी दौरान एक दिव्यांग यात्री, दिव्यांग बोगी ढूंढ रहा था. लेकिन उसे ट्रेन में कहीं भी दिव्यांग बोगी नजर नहीं आया. इसके बाद दिव्यांग दूसरी ट्रेन से पटना की ओर रवाना हो गया.

ट्रेन पकड़ने के लिए इधर-उधर भटकता दिव्यांग

भीड़ की वजह से नहीं चढ़ पाया ट्रेन
सालेहपूर महेशपुर निवासी दिव्यांग यात्री मो. जाफरोज ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें आनंद विहार (दिल्ली) जाना है. लेकिन कामाख्या एक्सप्रेस में एक भी दिव्यांग बोगी नहीं है. ट्रेन में घुसने की कोशिश भी की. जनरल बोगी में काफी भीड़ थी. भीड़ की वजह से बैठना भी मुश्किल है, मजबूरन ट्रेन छोड़नी पड़ी.

katihar station
दिव्यांग बोगी खोजता दिव्यांग यात्री

हर ट्रेन में रहता है दिव्यांग बोगी
बता दें कि दिव्यांग यात्रियों के लिए रेलवे हर ट्रेन में एक विशेष बोगी उपलब्ध कराती है. जिसमें सिर्फ दिव्यांग यात्री सफर करते हैं. लेकिन कामाख्या एक्सप्रेस में दिव्यांग बोगी के नहीं रहने से दिव्यांग यात्री को परेशानी उठानी पड़ी. ऐसे में गंतव्य तक पहुंचने के लिए लिंक ट्रेन पर सवार होकर जाना पड़ा. कटिहार जंक्शन पर इस तस्वीर से रेलवे की सुविधाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़े करते हैं.

handicapped passenger
दिव्यांग यात्री मो. जाफरोज
Intro:कटिहार

रेलवे प्रशासन लाख दावा करती है कि यात्रियों को ट्रेनों में और स्टेशनों पर विशेष सुविधा देती है और यात्रियों की सुविधा, संरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन कटिहार स्टेशन पर एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो रेलवे अधिकारी को सोचने पर मजबूर कर देगी।

Body:कामाख्या स्टेशन से आनंद विहार को जाने वाली कामाख्या आनंद विहार एक्सप्रेस ट्रेन में दिव्यांग बोगी न रहने के कारण एक दिव्यांग यात्री अपने गंतव्य स्थल आनंद विहार तक नहीं पहुंच सका
दरअसल कामाख्या एक्सप्रेस कटिहार स्टेशन पर लगी हुई थी उसी दौरान एक दिव्यांग यात्री परेशान होकर दिव्यांग बोगी ढूंढ रहा था लेकिन उसे पूरी ट्रेन में कहीं भी दिव्यांग बोगी नजर नहीं आया और उसने उस ट्रेन को छोड़ दी और फिर बाद में दूसरी ट्रेन से पटना की ओर रवाना हो गया।

दिव्यांग यात्री मो जाफरोज बताते हैं वह सालेहपूर महेशपुर के रहने वाले है और उन्हें आनंद विहार दिल्ली को जाना है लेकिन कामाख्या एक्सप्रेस में एक भी दिव्यांग बोगी नहीं है जिस कारण उसे परेशानी हो रही है। जेनरल बोगी में भीड़ के कारण बैठ नहीं सकता है इसलिए उसने ट्रेन छोड़ दी और फिर दूसरी ट्रेन से अपने गंतव्य स्थल की ओर प्रस्थान कर गया।

Conclusion:बता दें कि दिव्यांग यात्रियों के लिए रेलवे की ओर से हर ट्रेन में एक विशेष बोगी दी जाती है जिसमें सिर्फ दिव्यांग यात्री सफर करते हैं लेकिन कामाख्या एक्सप्रेस में दिव्यांग बोगी के न रहने के कारण इस दिव्यांग यात्री को परेशानी का सामना उठाना पड़ा तथा उसे अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लिंक ट्रेन पर सवार होना पड़ा। इस तस्वीर के बाद तो एक सवाल जरूर उठती है कि रेलवे प्रशासन जो यात्री सुविधा के नाम पर ढकोसले वादा करती है वह झूठा है। उम्मीद की जानी चाहिए रेलवे प्रशासन जल्द से जल्द इस खबर के बाद संज्ञान लें और उक्त ट्रेन में दिव्यांग बोगी की व्यवस्था करें ताकि आगे से कोई भी यात्रियों को सफर करने में कोई परेशानी ना हो।
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