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कटिहार: मखाना की खेती के सब्सिडी के लिये उमड़ी भीड़, लॉटरी के जरिये बांटे गये अनुदान - कटिहार में मखाना की खेती के लिए सब्सिडी

बिहार सरकार ने सीमांचल में मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए खेती पर सब्सिडी देने की घोषणा की है. जिले में इसका लक्ष्य साठ हेक्टेयर रखा गया है. जिसके लिये इच्छुक किसानों से कृषि विभाग ने ऑनलाइन आवेदन मंगवाया था.

Subsidy for makhana farming in katihar
कटिहार में लॉटरी के जरिये बांटे गये अनुदान
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Published : Jan 24, 2020, 11:26 AM IST

Updated : Jan 24, 2020, 4:28 PM IST

कटिहार: जिले में मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने किसानों को सब्सिडी देने की घोषणा की है. जिले में इसका लक्ष्य साठ हेक्टेयर का था. लेकिन मखाना की खेती के लिये किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी. साथ ही इसके लिए भारी संख्या में ऑनलाइन आवेदन भी आए. जिसके बाद कृषि विभाग ने लॉटरी के जरिए किसानों में सब्सिडी बांटी. जिले के कृषि विभाग मैदान में मखाना खेती के सब्सिडी के लिये लॉटरी का आयोजन किया गया.

लॉटरी के जरिए दी गई सब्सिडी
बिहार सरकार ने सीमांचल में मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए खेती पर सब्सिडी देने की घोषणा की है. जिले में इसका लक्ष्य साठ हेक्टेयर रखा गया है. जिसके लिये इच्छुक किसानों से कृषि विभाग ने ऑनलाइन आवेदन मंगवाया था. लेकिन सब्सिडी पाने के लिये लक्ष्य से अधिक ऑनलाइन किसानों ने आवेदन कर दिया. जिसके बाद एक बच्ची के जरिये आवेदनों का पिटारा खोला गया और लॉटरी के जरिये सब्सिडी देने की घोषणा की गई.

Subsidy for makhana farming in katihar
सब्सिडी के लिये उमड़ी किसानों की भीड़

253 किसानों ने दिया आवेदन
जिला कृषि अधिकारी चन्द्रदेव प्रसाद ने बताया कि सब्सिडी देने में पारदर्शिता लाने के लिये लॉटरी के जरिये अनुदान दिया जायेगा. कुल साठ हेक्टेयर जमीन के लिए 253 किसानों ने आवेदन किया था. जिसमें 175 हेक्टेयर जमीन से ज्यादा का आवेदन था. इसमें कोढ़ा प्रखण्ड के किसानों का लॉटरी के जरिये सब्सिडी का चयन किया गया है.

लॉटरी के जरिये बांटे गये अनुदान

कट जाती है जमीन की मिट्टी
बाढ़ और कटाव से हर साल जूझने वाले जिले के किसान अब धान, गेंहू और मक्का जैसे नगदी फसल को छोड़कर मखाना जैसे क्रॉप को अपना रहे हैं. क्योंकि पानी लगने के कारण खेतिहर जमीन की मिट्टी धीरे-धीरे कट जाती है. साथ ही जमीन के निचला इलाका हो जाने के कारण नगदी फसल पर हमेशा संशय की स्थिति बनी रहती है. यही कारण है कि पानी में फलने वाला मखाना इलाके के किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है.

कटिहार: जिले में मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने किसानों को सब्सिडी देने की घोषणा की है. जिले में इसका लक्ष्य साठ हेक्टेयर का था. लेकिन मखाना की खेती के लिये किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी. साथ ही इसके लिए भारी संख्या में ऑनलाइन आवेदन भी आए. जिसके बाद कृषि विभाग ने लॉटरी के जरिए किसानों में सब्सिडी बांटी. जिले के कृषि विभाग मैदान में मखाना खेती के सब्सिडी के लिये लॉटरी का आयोजन किया गया.

लॉटरी के जरिए दी गई सब्सिडी
बिहार सरकार ने सीमांचल में मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए खेती पर सब्सिडी देने की घोषणा की है. जिले में इसका लक्ष्य साठ हेक्टेयर रखा गया है. जिसके लिये इच्छुक किसानों से कृषि विभाग ने ऑनलाइन आवेदन मंगवाया था. लेकिन सब्सिडी पाने के लिये लक्ष्य से अधिक ऑनलाइन किसानों ने आवेदन कर दिया. जिसके बाद एक बच्ची के जरिये आवेदनों का पिटारा खोला गया और लॉटरी के जरिये सब्सिडी देने की घोषणा की गई.

Subsidy for makhana farming in katihar
सब्सिडी के लिये उमड़ी किसानों की भीड़

253 किसानों ने दिया आवेदन
जिला कृषि अधिकारी चन्द्रदेव प्रसाद ने बताया कि सब्सिडी देने में पारदर्शिता लाने के लिये लॉटरी के जरिये अनुदान दिया जायेगा. कुल साठ हेक्टेयर जमीन के लिए 253 किसानों ने आवेदन किया था. जिसमें 175 हेक्टेयर जमीन से ज्यादा का आवेदन था. इसमें कोढ़ा प्रखण्ड के किसानों का लॉटरी के जरिये सब्सिडी का चयन किया गया है.

लॉटरी के जरिये बांटे गये अनुदान

कट जाती है जमीन की मिट्टी
बाढ़ और कटाव से हर साल जूझने वाले जिले के किसान अब धान, गेंहू और मक्का जैसे नगदी फसल को छोड़कर मखाना जैसे क्रॉप को अपना रहे हैं. क्योंकि पानी लगने के कारण खेतिहर जमीन की मिट्टी धीरे-धीरे कट जाती है. साथ ही जमीन के निचला इलाका हो जाने के कारण नगदी फसल पर हमेशा संशय की स्थिति बनी रहती है. यही कारण है कि पानी में फलने वाला मखाना इलाके के किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है.

Intro:जब कृषि विभाग को सब्सिडी बाँटेने के लिये करनी पड़ी लॉटरी ।


......सीमाँचल में मखाना की खेतीं को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने किसानों को सब्सिडी देने की घोषणा की हैं..। कटिहार जिले में इसका लक्ष्य साठ हेक्टेयर की थी लेकिन मखाना की खेतीं के लिये किसानों की भीड़ टूट पड़ी । ऑनलाइन आवेदन का ताँता टूट पड़ा .....। नतीजतन मरता क्या ना करता , कृषि विभाग को किसानों के भीड़ में सब्सिडी बाँटेने के लिये लॉटरी करनी पड़ी ।

बाइट 1....चन्द्रदेव प्रसाद जिला कृषि पदाधिकारी / कटिहार


Body:लक्ष्य साठ हेक्टेयर जमीन पर मखाना खेतीं का लेकिन आवेदनों की बौछार ।


यह दृश्य कटिहार के कृषि विभाग मैदान का हैं जहाँ मखाना खेतीं पर सब्सिडी के लिये लॉटरी का आयोजन किया गया हैं । बताया जाता हैं बिहार सरकार ने सीमाँचल में मखाना की खेतीं को बढ़ावा देने के लिये खेतीं पर सब्सिडी देने की घोषणा की हैं । कटिहार जिले में इसका लक्ष्य साठ हेक्टेयर रखी गयी हैं जिसके लिये इच्छुक किसानों से कृषि विभाग ने ऑनलाइन आवेदन मंगवाया था लेकिन कृषि अधिकारियों के होश तब उड़ गये जब सब्सिडी पाने के लिये लक्ष्य से कहीं अधिक ऑनलाइन किसानों ने आवेदन कर डाले । किसको सब्सिडी मिले और किसे नहीं मिले, विभाग के बाबुओं के सामने पशोपेश के हालात थे नतीजतन एक मासूम के बच्ची के जरिये आवेदनों का पिटारा खोला गया और लॉटरी के जरिये सब्सिडी देने की घोषणा की गयी .....। जिला कृषि पदाधिकारी चन्द्रदेव प्रसाद ने बताया कि सब्सिडी देने के पारदर्शिता लाने के लिये लॉटरी के जरिये अनुदान दिया जायेगा ....। कुल साठ हेक्टेयर जमीन के लिये 253 किसानों ने आवेदन किया था जिसमें 175 हेक्टेयर जमीन से ज्यादा का आवेदन था । जिसमें कोढ़ा प्रखण्ड के किसान का लॉटरी के जरिये सब्सिडी का चयन किया गया हैं .......।


Conclusion:बाढ़ , कटाव से परेशान किसान नगदी फसल को अलविदा कह बदल रहे हैं खेतीं का ट्रेंड ।


बाढ़ और कटाव से हर साल जूझने वाले कटिहार जिले के किसानों ने धान , गेँहू , मक्का जैसे नगदी फसल को बाय - बाय मखाना जैसे क्रॉप को धीरे धीरे अपना रहे हैं क्योंकि पानी लगने के कारण खेतिहर जमीन की मिट्टी धीरे - धीरे कट जाती हैं और जमीन के निचले इलाके हो जाने के कारण नगदी फसल पर हमेशा संशय की स्थिति बनी रहती हैं जिस कारण पानी मे होने वाला मखाना इलाके के किसानों की किस्मत बदल सकता हैं ....।
Last Updated : Jan 24, 2020, 4:28 PM IST
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