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CAA पर RJD सासंद का बयान- 'देश के एग्जीक्यूटिव कर रहे हैं गलत, ज्यूडिशियरी पर हमें है पूरा भरोसा'

सांसद अहमद अशफाक करीम ने कहा कि संविधान पूरे देश के लिए है. इस देश के संविधान का मतलब समझना चाहिए. हम ज्यूडिशियरी पर भरोसा करते हैं.

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Published : Jan 30, 2020, 8:26 AM IST

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अहमद अशफाक करीम

कटिहारः बिहार में सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर राजनीतिक बयानबाजियों का दौर जारी है. कटिहार पहुंचे राज्यसभा सदस्य अहमद अशफाक करीम ने भी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अगर अभी चुनाव हो जाए तो सरकार को अपने वाटरलेवल का पता चल जायेगा. यह एक महज इत्तेफाक है कि चुनाव में अभी काफी समय बाकी है.

'इस देश के संविधान का मतलब समझना चाहिए'
सांसद अहमद अशफाक करीम ने कहा है कि आज असम जल रहा है. दिल्ली का शाहीन बाग जल रहा है. यह किसी एक राज्य का मामला नहीं है. बल्कि पूरे देश का मामला है. देश के वित्तीय हालात क्या हैं, भारतीय इकोनॉमी कहां जा रही है. संविधान पूरे देश के लिए है. इस देश के संविधान का मतलब समझना चाहिए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'हम ज्यूडिशियरी पर भरोसा करते हैं'
अहमद अशफाक करीम ने कहा कि एग्जीक्यूटिव को अथाह पावर है और उसमें चेक एंड बैलेंस के लिये ज्यूडिशियरी की स्थापना हुई थी. हम ज्यूडिशियरी पर भरोसा करते हैं. लेजिस्लेटिव गलत कानून बना रही है, काला कानून बना रही है. लेकिन हम ज्यूडिशियरी की तरफ आस लगाए बैठे हैं. जब न्यायालय देखेगी तभी यह देश बचेगा, संविधान बचेगा.

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अहमद अशफाक करीम, सदस्य राज्यसभा

ये भी पढ़ेंः जानें, इस वजह से नीतीश और पीके के बीच बढ़ीं दूरियां

जारी है जुबानी हमले का दौर
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. जैसे-जैसे दिन बढ़ता जा रहा है, आरजेडी सरकार पर जुबानी हमले और तेज करती जा रही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीएए, एनआरसी और एनपीआर का क्या राजनीतिक असर पड़ता है.

कटिहारः बिहार में सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर राजनीतिक बयानबाजियों का दौर जारी है. कटिहार पहुंचे राज्यसभा सदस्य अहमद अशफाक करीम ने भी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अगर अभी चुनाव हो जाए तो सरकार को अपने वाटरलेवल का पता चल जायेगा. यह एक महज इत्तेफाक है कि चुनाव में अभी काफी समय बाकी है.

'इस देश के संविधान का मतलब समझना चाहिए'
सांसद अहमद अशफाक करीम ने कहा है कि आज असम जल रहा है. दिल्ली का शाहीन बाग जल रहा है. यह किसी एक राज्य का मामला नहीं है. बल्कि पूरे देश का मामला है. देश के वित्तीय हालात क्या हैं, भारतीय इकोनॉमी कहां जा रही है. संविधान पूरे देश के लिए है. इस देश के संविधान का मतलब समझना चाहिए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'हम ज्यूडिशियरी पर भरोसा करते हैं'
अहमद अशफाक करीम ने कहा कि एग्जीक्यूटिव को अथाह पावर है और उसमें चेक एंड बैलेंस के लिये ज्यूडिशियरी की स्थापना हुई थी. हम ज्यूडिशियरी पर भरोसा करते हैं. लेजिस्लेटिव गलत कानून बना रही है, काला कानून बना रही है. लेकिन हम ज्यूडिशियरी की तरफ आस लगाए बैठे हैं. जब न्यायालय देखेगी तभी यह देश बचेगा, संविधान बचेगा.

katihar
अहमद अशफाक करीम, सदस्य राज्यसभा

ये भी पढ़ेंः जानें, इस वजह से नीतीश और पीके के बीच बढ़ीं दूरियां

जारी है जुबानी हमले का दौर
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. जैसे-जैसे दिन बढ़ता जा रहा है, आरजेडी सरकार पर जुबानी हमले और तेज करती जा रही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीएए, एनआरसी और एनपीआर का क्या राजनीतिक असर पड़ता है.

Intro:......बिहार में सीएए , एनआरसी और एनपीआर को लेकर राजनीतिक बयानबाजियों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा हैं .....। राज्यसभा सदस्य अहमद अशफाक करीम ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा हैं कि आज यदि चुनाव हो जायें तो सरकारों को अपना वाटरलेवल का पता चल जायेगा , यह एक महज इत्तफाक हैं कि चुनाव में एक लंबा अरसा बाकी हैं.....। साँसद अहमद अशफाक करीम कटिहार में मीडिया से मुखातिब हो रहे थे ...।

बाइट 1...अहमद अशफाक करीम सदस्य / राज्यसभा


Body:साँसद अहमद अशफाक करीम ने बताया कि आज असम जल रहा हैं , दिल्ली का शाहीन बाग जल रहा हैं, देश के दूसरे राज्य जल रहे हैं। यह बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश का मामला हैं और जनता समझ चुकी हैं कि आज इलेक्शन हो जाये तो कायापलट हो जायेगी । यह महज एक इत्तफाक हैं कि एक लंबा अरसा अभी चुनाव में बाकी हैं । अभी देखिये , देश की वित्तीय हालत क्या हैं , इकोनॉमी कहाँ जा रही हैं , सुरक्षा का क्या मामला हैं । संविधान पूरे देश के लिये हैं । इस देश के संविधान का मतलब समझें । एक ज्यूडिशियरी , एक एक्सक्यूटिव को अथाह पावर हैं और उसमें चेक एंड बैलेंस के लिये ज्यूडिशियरी की स्थापना हुई थी । हम ज्यूडिशियरी पर भरोसा करते हैं । लेजिस्लेटिव गलत कानून बना रही हैं , काला कानून बना रही हैं , हम ज्यूडिशियरी की तरफ आस लगाए बैठे हैं , तभी यह देश बचेगा , संविधान बचेगा ....।


Conclusion:बिहार में इस साल के अंत मे विधानसभा चुनाव होने हैं और जैसे जैसे तिल - तिल कर दिन बढ़ता जा रहा हैं , आरजेडी सरकार पर जुबानी हमले और तेज करती जा रही हैं । अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीएए और एनआरसी , एनपीआर का क्या राजनीतिक असर पड़ता हैं ......।
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