कटिहार: गंगा में हो रहे तेजी से कटाव को रोकने के लिए राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं. कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने कटाव रोकने के लिए मंजूरी दे दी है. कटाव रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से 77 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. राज्य सरकार के इस फैसले का कटाव पीड़ितों ने जहां एक और स्वागत किया. वहीं दूसरी ओर उनकी मानें तो इससे ठेकेदारों का पॉकेट भरेगा और बाढ़ पीड़ितों का हाल ज्यों का त्यों ही रहेगा.
कटाव की वजह से हर साल हजारों लोग करते हैं पालयन
जिले में तेजी से हो रहे नदियों में कटाव एक बहुत बड़ी समस्या है और उसको लेकर राज्य सरकार काफी चिंतित है. कटाव की वजह से हर साल हजारों लोग पालयन कर जाते हैं. इधर-उधर रहने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में बिहार सरकार के कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने अहम फैसला लिया है. जिले के मनिहारी अनुमंडल में कटाव रोकने के लिए कटाव निरोधक कार्य किए जाएंगे और उसके लिए फंड भी आवंटित कर दिए गए हैं.
कटाव पीड़ितों की प्रतिक्रिया
बता दें कि राज्य सरकार ने कटिहार और भागलपुर जिले में गंगा नदी के दाएं और बाएं किनारे हो रहे कटाव को रोकने के लिए 77.14 करोड रुपये की मंजूरी दी है. कटिहार जिले के मनिहारी अनुमंडल में करीब 6 किलोमीटर में कटाव निरोधक कार्य किए जाने हैं. राज्य सरकार के इस फैसले के बाद कटाव पीड़ितों का अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हैं.
सरकार के फैसले का किया स्वागत
कटाव पीड़ितों की लड़ाई लड़ने वाले पुनर्वास संघर्ष समिति के संस्थापक और समाजसेवी विक्टर झा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तरह मनिहारी अनुमंडल में कटाव रोकने के लिए एस्टीमेट पास किया है. ठीक उसी तरह कुर्सेला, बरारी और अमदाबाद प्रखंड में भी कटाव रोकने के लिए कोई उपाय ढ़ूंढना चाहिए. वहीं मनिहारी अनुमंडल के कटाव पीड़ित सिंहेश्वर महतो बताते हैं कि राज्य सरकारकी ओर से पैसा आवंटित किया गया है. लेकिन अभी भी कोई काम नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा कि हर साल तीन बांस की कटाव होती है और अगर इसे जल्द ही नहीं रोका गया तो मनिहारी रेलवे स्टेशन भी कट जाएगा.