ETV Bharat / state

कटिहार में शहीद पार्क की बदहाल स्थिति, 15 अगस्त आने पर सिर्फ जाता है ध्यान - कटिहार

पार्क के बीचों-बीच काले पत्थरों के टाइल्स पर जिले के उन 13 वीर सपूतों के नाम खुदे हैं. जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते हुए 13 अगस्त 1942 को शहीद पार्क से महज पचास मीटर दूर उत्तर रंगरूटों की गोली का शिकार होकर मौत को गले लगाया था.

शहादत की याद में शहीद पार्क का हुआ था निर्माण
author img

By

Published : Aug 10, 2019, 5:52 PM IST

कटिहार : भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी दिलाने के लिये कटिहार के 13 शहीदों के नाम पर बना शहीद पार्क सरकारी उपेक्षाओं का शिकार बन गया है. शहीद पार्क के रख - रखाव और सौंदर्यीकरण के नाम पर हर साल लाखों रुपये फूंक दिये जाते हैं. लेकिन प्रबंधन को इसकी याद तब आती है जब 15 अगस्त , 26 जनवरी और कारगिल शौर्य दिवस की तारीखें नजदीक आती हैं. बदइंतजामी की वजह से दिन - प्रतिदिन शहीद पार्क के हालात गिरते जा रहे हैं.

katihar news
महीनों से साफ नहीं हुई हैं पार्क की नालियाँ


शहादत की याद में शहीद पार्क का हुआ था निर्माण

पार्क के बीचों-बीच काले पत्थरों के टाइल्स पर जिले के उन 13 वीर सपूतों के नाम खुदे हैं. जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते हुए तेरह अगस्त 1942 को शहीद पार्क से महज पचास मीटर दूर उत्तर , रंगरूटों की गोली का शिकार होकर मौत को गले लगाया था. राज्य सरकार ने शहादत की याद में शहीद पार्क का निर्माण कराया और लाखों रुपये खर्च किये. इसमें पानी के झरने, बैठने के प्लेटफॉर्म और खूबसूरत पेड़ों को लगाया गया. लेकिन कुछ समय बाद ही इसकी भी हालत सूबे के अन्य पार्कों की तरह दयनीय हो गयी. स्तंभों में दरारें पड़ गयी हैं. इन स्तंभों पर शहीदों के कुर्बानियों के बारे में लिखी बातें मिट रही हैं.

katihar news
शहादत की याद में शहीद पार्क का हुआ था निर्माण


महीनों से साफ नहीं हुई हैं पार्क की नालियां
दिन में अक्सर यहाँ असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. जो झरने और वाटर फॉल पार्क के खूबसूरती के लिये लगाये गये थे , उसमें गन्दे पानी और कीड़े - मकोड़े रह रहें हैं. पार्क की नालियाँ भी महीनों से साफ नहीं हुई हैं, और फूलों के बेतरकीब बढ़े टहनियाँ, घास - फूस इसकी सुंदरता के पैरामीटर को गिरा रहे हैं. स्थानीय निवासी समरेंद्र कुणाल बताते हैं कि पार्क की बदइंतजामी, वतन पर शहादत देने वालों का अपमान है. लेकिन शहीद पार्क का प्रबंधन देख रहे कटिहार नगर निगम के मेयर विजय सिंह बदइंतजामी के सवाल पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

katihar latest news
विजय सिंह, मेयर


क्या कहते हैं अधिकारी
मेयर विजय सिंह बताते हैं कि पेड़ों के पत्ते गिरने की वजह से वाटर फॉल गन्दा हो जाता है. इस पार्क में छोटे - छोटे बच्चे घूमने आते हैं , सेल्फी लेते हैं और इन्जॉय करते हैं. हम आने वाले दिनों में साफ - सफाई करेगें ताकि ज्यादा से ज्यादा इसका फायदा लोगों को मिल सके. शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले , वतन पर मरने वालों का यही निशां होगा ". सपूतों के कुर्बानियों को याद रखने के लिये लिखी यह पंक्तियाँ और दूसरी ओर शहीद पार्क की बदहाली की यह तस्वीर यह बताने के लिये काफी है कि जिला प्रशासन किस कदर संवेदनहीन हो चुका है. जरूरत है आजादी के दीवानों के नामों पर बने शहीद पार्क के रखरखाव के बेहतर प्रबंधन की.

कटिहार में शहीद पार्क बदहाल

कटिहार : भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी दिलाने के लिये कटिहार के 13 शहीदों के नाम पर बना शहीद पार्क सरकारी उपेक्षाओं का शिकार बन गया है. शहीद पार्क के रख - रखाव और सौंदर्यीकरण के नाम पर हर साल लाखों रुपये फूंक दिये जाते हैं. लेकिन प्रबंधन को इसकी याद तब आती है जब 15 अगस्त , 26 जनवरी और कारगिल शौर्य दिवस की तारीखें नजदीक आती हैं. बदइंतजामी की वजह से दिन - प्रतिदिन शहीद पार्क के हालात गिरते जा रहे हैं.

katihar news
महीनों से साफ नहीं हुई हैं पार्क की नालियाँ


शहादत की याद में शहीद पार्क का हुआ था निर्माण

पार्क के बीचों-बीच काले पत्थरों के टाइल्स पर जिले के उन 13 वीर सपूतों के नाम खुदे हैं. जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते हुए तेरह अगस्त 1942 को शहीद पार्क से महज पचास मीटर दूर उत्तर , रंगरूटों की गोली का शिकार होकर मौत को गले लगाया था. राज्य सरकार ने शहादत की याद में शहीद पार्क का निर्माण कराया और लाखों रुपये खर्च किये. इसमें पानी के झरने, बैठने के प्लेटफॉर्म और खूबसूरत पेड़ों को लगाया गया. लेकिन कुछ समय बाद ही इसकी भी हालत सूबे के अन्य पार्कों की तरह दयनीय हो गयी. स्तंभों में दरारें पड़ गयी हैं. इन स्तंभों पर शहीदों के कुर्बानियों के बारे में लिखी बातें मिट रही हैं.

katihar news
शहादत की याद में शहीद पार्क का हुआ था निर्माण


महीनों से साफ नहीं हुई हैं पार्क की नालियां
दिन में अक्सर यहाँ असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. जो झरने और वाटर फॉल पार्क के खूबसूरती के लिये लगाये गये थे , उसमें गन्दे पानी और कीड़े - मकोड़े रह रहें हैं. पार्क की नालियाँ भी महीनों से साफ नहीं हुई हैं, और फूलों के बेतरकीब बढ़े टहनियाँ, घास - फूस इसकी सुंदरता के पैरामीटर को गिरा रहे हैं. स्थानीय निवासी समरेंद्र कुणाल बताते हैं कि पार्क की बदइंतजामी, वतन पर शहादत देने वालों का अपमान है. लेकिन शहीद पार्क का प्रबंधन देख रहे कटिहार नगर निगम के मेयर विजय सिंह बदइंतजामी के सवाल पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

katihar latest news
विजय सिंह, मेयर


क्या कहते हैं अधिकारी
मेयर विजय सिंह बताते हैं कि पेड़ों के पत्ते गिरने की वजह से वाटर फॉल गन्दा हो जाता है. इस पार्क में छोटे - छोटे बच्चे घूमने आते हैं , सेल्फी लेते हैं और इन्जॉय करते हैं. हम आने वाले दिनों में साफ - सफाई करेगें ताकि ज्यादा से ज्यादा इसका फायदा लोगों को मिल सके. शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले , वतन पर मरने वालों का यही निशां होगा ". सपूतों के कुर्बानियों को याद रखने के लिये लिखी यह पंक्तियाँ और दूसरी ओर शहीद पार्क की बदहाली की यह तस्वीर यह बताने के लिये काफी है कि जिला प्रशासन किस कदर संवेदनहीन हो चुका है. जरूरत है आजादी के दीवानों के नामों पर बने शहीद पार्क के रखरखाव के बेहतर प्रबंधन की.

कटिहार में शहीद पार्क बदहाल
Intro:......भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी दिलाने के लिये कटिहार के तेरह शहीदों के नाम पर बना शहीद पार्क , सरकारी उपेक्षाओं का शिकार बन गया हैं .....। मजे की बात यह हैं कि शहीद पार्क के रख - रखाव और सौंदर्यीकरण के नाम पर हर साल लाखों रुपये फूँक दिये जाते हैं लेकिन प्रबंधन को इसकी याद तब आती है जब 15 अगस्त , 26 जनवरी और कारगिल शौर्य दिवस की तारीखें नजदीक आती हैं ....। बदइंतजामी की वजह से दिन - प्रतिदिन शहीद पार्क के हालात गिरते जा रहे हैं .....।


Body:यह हैं कटिहार का शहीद पार्क .....। पार्क के बीचोंबीच काले पत्थरों के टाइल्स पर जिले के उन तेरह वीर सपूतों के नाम खुदे हैं जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते हुए तेरह अगस्त 1942 को शहीद पार्क से महज पचास मीटर दूर उत्तर , रंगरूटों की गोली का शिकार होकर मौत को गले लगाया था ....। राज्य सरकार ने शहादत की याद में शहीद पार्क का निर्माण कराया और लाखों रुपये खर्च इसमें पानी के झरने , बैठने के प्लेटफॉर्म और खूबसूरत पेड़ों को लगाया लेकिन कुछ समय बाद ही इसकी भी हालात सूबे के अन्य पार्कों की तरह दयनीय हो गयी ....। स्तंभों में दरारें पड़ गयी हैं । इस स्तंभों पर शहीदों के कुर्बानियों के बारे में लिखी बातें मिट रही हैं....। दिन में अक्सर यहाँ असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता हैं और जो झरने , वाटर फॉल पार्क के खूबसूरती के लिये लगाये गये थे , उसमें गन्दे पानी और कीड़े - मकोड़े बजबजा रहें हैं .....। पार्क की नालियाँ भी महीनों से साफ नहीं हुई हैं और फूलों के बेतरकीब बढ़े टहनियाँ , घास - फूस इसकी सुंदरता के पैरामीटर को गिरा रहे हैं .....। स्थानीय समरेंद्र कुणाल बताते हैं कि पार्क की बदइंतजामी , वतन पर शहादत देने वालों का अपमान हैं लेकिन हद देखिये कि शहीद पार्क का प्रबंधन देख रहे कटिहार नगर निगम के मेयर विजय सिंह बदइंतजामी के सवाल पर मुँह मोड़ते हैं ....। मेयर विजय सिंह बताते हैं कि पेड़ों के पत्ते गिरने के वजह से वाटर फॉल गन्दा हो जाता है । इस पार्क में छोटे - छोटे बच्चे घूमने आते हैं , सेल्फी लेते हैं और इन्जॉय करते हैं .....। हम आने वाले दिनों में साफ - सफाई करेगें ताकि इसका फायदा ज्यादा से ज्यादा मिल सकें ......।


Conclusion:" शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले , वतन पर मरने वालों का यही निशां होगा " । सपूतों के कुर्बानियों को याद रखने के लिये लिखी यह पंक्तियाँ और दूसरी ओर शहीद पार्क की बदहाली की यह तस्वीर यह बताने के लिये काफी हैं कि जिला प्रशासन किस कदर संवेदनहीन हो चुका हैं .......। जरूरत हैं आजादी के दीवानों के नामों पर बने शहीद पार्क के रखरखाव के बेहतर प्रबंधन की ........।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.