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VIDEO : कटिहार में नवजात की मौत पर बवाल, परिजनों ने डॉक्टर और कर्मियों को पीटा

कटिहार में नवजात की मौत पर परिजनों ने पुलिस-प्रशासन के सामने डॉक्टर और कर्मियों पर लात घूंसों की बरसात कर डाली. मौजूद पुलिस कर्मी बस देखते रह गये. फिलहाल, पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है. पढ़ें पूरी खबर..

नर्सिंग होम में हंगामा
नर्सिंग होम में हंगामा
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Published : Jul 7, 2022, 8:59 PM IST

कटिहार: बिहार के कटिहार जिले के निजी चिकित्सक डॉ लक्ष्मी सेन के नर्सिंग होम में शुक्रवार को नवजात की मौत पर जमकर बवाल (Ruckus Over Death Of Newborn in Katihar) हुआ. आक्रोशित परिजनों ने नर्सिंग होम में तैनात डॉक्टर और कर्मियों पर जमकर लात और घूंसा चलाया. इस दौरान कर्मियों की ओर से विरोध जमकर गाली-गलौज किया गया. मौके पर पहुंचे नगर थाना क्षेत्र की पुलिस भी परिजनों के आक्रोश को देख बेबस दिखी. वहीं नवजात की मौत के लिए डॉक्टर और नवजात के परिजनों ने एक-दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगाया. इस दौरान परिजनों ने मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर डॉक्टर को बचाने का आरोप लगाया.

पढ़ें-कटिहार सदर अस्पताल में नवजात की मौत पर घमासान, परिजनों ने किया प्रदर्शन

"मेरी पत्नी का इलाज डॉ. लक्ष्मी सेन के यहां से चल रहा था. आज डिलीवरी का डेट था. पत्नी को दर्द होने पर यहां लेकर आये. बोला गया पैसा का इंतजाम कीजिए हमलोग नार्मल डिलीवरी करा देंगे. हमने 50 हजार रुपया जमा कर दिया. इनकी लापरवाही से बच्चे की मौत हो गयी. सरासर डॉक्टर की गलती है, इसलिए ये लोग चुप हैं. प्रशासन के लोग भी डॉक्टर से मिली भगत है."- विशाल कुमार, मृतक के पिता

क्या है पूरा मामलाः कटिहार नगर थाना क्षेत्र (Katihar Town police station) के कालीबाड़ी रोड में डॉ लक्ष्मी सेन का नर्सिंग होम है. कटिहार के इमरजेंसी कॉलोनी के रहने वाले विशाल कुमार अपनी पत्नी स्वेता कुमारी का इलाज डॉक्टर लक्ष्मी सेन के यहां करवा रहे थे. विशाल ने बताया कि वे इससे पहले भी पत्नी के लिए डॉ. लक्ष्मी सेन से ही मेडिकल सलाह लेते रहते थे. विशाल ने बताया कि डॉक्टर ने बताया कि मैच्युरिटी का समय पूरा होने पर डिलीवरी के लिये पत्नी को लेकर नर्सिंग होम में भर्ती कराया. इलाज के लिए 50 हजार रुपया भी जमा कर दिए. ऑपरेशन के बाद कर्मियों ने इधर-इधर की बात करने लगे तो उन लोगों को कुछ अनहोनी की आशंका होने लगी. अंदर जाकर पता किया तो नवजात की मौत की खबर मिली.

"गर्भवती महिला को हर माह चेकअप के लिए बोला गया था. इनका इरेगुलर चेकअप होना था. ये लोग दो-दो महीने पर आते थे. इससे पहले ही ये लोग समय पर नहीं आये थे. बच्चा पेट में ही मरा हुआ था. मेडिकल हर्ट साउंड नहीं चल रहा था. हमने नार्मल डिलीवरी का प्रयास किया. लापरवाही परिवार वाले की है, आरोप डॉक्टर पर लगाया जा रहा है." -डॉ लक्ष्मी सेन, डॉक्टर

पढ़ें- खगड़िया सदर अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा, परिजनों ने डॉक्टर को पीटा

कटिहार: बिहार के कटिहार जिले के निजी चिकित्सक डॉ लक्ष्मी सेन के नर्सिंग होम में शुक्रवार को नवजात की मौत पर जमकर बवाल (Ruckus Over Death Of Newborn in Katihar) हुआ. आक्रोशित परिजनों ने नर्सिंग होम में तैनात डॉक्टर और कर्मियों पर जमकर लात और घूंसा चलाया. इस दौरान कर्मियों की ओर से विरोध जमकर गाली-गलौज किया गया. मौके पर पहुंचे नगर थाना क्षेत्र की पुलिस भी परिजनों के आक्रोश को देख बेबस दिखी. वहीं नवजात की मौत के लिए डॉक्टर और नवजात के परिजनों ने एक-दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगाया. इस दौरान परिजनों ने मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर डॉक्टर को बचाने का आरोप लगाया.

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"मेरी पत्नी का इलाज डॉ. लक्ष्मी सेन के यहां से चल रहा था. आज डिलीवरी का डेट था. पत्नी को दर्द होने पर यहां लेकर आये. बोला गया पैसा का इंतजाम कीजिए हमलोग नार्मल डिलीवरी करा देंगे. हमने 50 हजार रुपया जमा कर दिया. इनकी लापरवाही से बच्चे की मौत हो गयी. सरासर डॉक्टर की गलती है, इसलिए ये लोग चुप हैं. प्रशासन के लोग भी डॉक्टर से मिली भगत है."- विशाल कुमार, मृतक के पिता

क्या है पूरा मामलाः कटिहार नगर थाना क्षेत्र (Katihar Town police station) के कालीबाड़ी रोड में डॉ लक्ष्मी सेन का नर्सिंग होम है. कटिहार के इमरजेंसी कॉलोनी के रहने वाले विशाल कुमार अपनी पत्नी स्वेता कुमारी का इलाज डॉक्टर लक्ष्मी सेन के यहां करवा रहे थे. विशाल ने बताया कि वे इससे पहले भी पत्नी के लिए डॉ. लक्ष्मी सेन से ही मेडिकल सलाह लेते रहते थे. विशाल ने बताया कि डॉक्टर ने बताया कि मैच्युरिटी का समय पूरा होने पर डिलीवरी के लिये पत्नी को लेकर नर्सिंग होम में भर्ती कराया. इलाज के लिए 50 हजार रुपया भी जमा कर दिए. ऑपरेशन के बाद कर्मियों ने इधर-इधर की बात करने लगे तो उन लोगों को कुछ अनहोनी की आशंका होने लगी. अंदर जाकर पता किया तो नवजात की मौत की खबर मिली.

"गर्भवती महिला को हर माह चेकअप के लिए बोला गया था. इनका इरेगुलर चेकअप होना था. ये लोग दो-दो महीने पर आते थे. इससे पहले ही ये लोग समय पर नहीं आये थे. बच्चा पेट में ही मरा हुआ था. मेडिकल हर्ट साउंड नहीं चल रहा था. हमने नार्मल डिलीवरी का प्रयास किया. लापरवाही परिवार वाले की है, आरोप डॉक्टर पर लगाया जा रहा है." -डॉ लक्ष्मी सेन, डॉक्टर

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