कटिहारः 1987 की भीषण बाढ़ में कटी सड़क की हालत 33 साल गुजर जाने के बाद भी जस की तस है. यहां के लोग सिर्फ नाव के जरिए ही आवागमन कर सकते हैं. दो प्रखंड को जोड़ने वाली ये मुख्य सड़क मंत्री विनोद कुमार सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आती है. चुनाव जीतने के बाद विधायक पुल बनाने का आश्वासन तो खूब देते हैं, लेकिन जीतने के बाद इधर का रूख भी नहीं करते.
1987 की भीषण बाढ़ में बही थी सड़क
सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के हर इलाके में विकास का दावा करते हैं और इसी विकास के मुद्दे को लेकर 2020 के विधानसभा चुनाव में लोगों से वोट मांगने की बात कहते हैं. लेकिन राज्य में आज भी ऐसे कई इलाके हैं, जहां लोग विकास से पूरी तरह वंचित हैं.
हम बात कर रहे हैं कटिहार जिले के प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र के दो प्रखंडों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की. जो 1987 की भीषण बाढ़ में बह गयी थी, लेकिन 33 साल गुजर जाने के बाद भी वह सड़क आज तक नहीं बनी.
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6 महीना पानी में डूबा रहता है इलाका
लोगों का कहना है कि मदनशाही गांव के पास पुल निर्माण नहीं होने के कारण इलाके के लोग प्राइवेट नाव के जरिए आवागमन करने को मजबूर हैं. बाढ़ के दिनों में यह इलाका साल के 6 महीना पानी में डूबा रहता है, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो मंत्री विनोद कुमार सिंह के घर जाने का सबसे शॉर्टकट रास्ता यही है, लेकिन मंत्री ने आज तक सुध नहीं ली.
मंत्री विनोद कुमार सिंह से उम्मीद
स्थानीय लोग बताते हैं कि भीषण बाढ़ में लकड़ी का पुल बह गया. जिसके बाद यहां पर पुल निर्माण का काम शुरू हुआ था, लेकिन वह आधा-अधूरा रह गया. लोगों की मानें तो स्थानीय विधायक और बिहार सरकार के मंत्री विनोद कुमार सिंह से इस समस्या को लेकर अवगत कराया, लेकिन मंत्री जी सिर्फ यह आश्वासन देते हैं कि अगली बार जीतेंगे तो सबसे पहले यहां का पुल बनाएंगे लेकिन मंत्री जी जीत गए बात बीत गई.
कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि बिहार सरकार के मंत्री विनोद कुमार सिंह के विधानसभा क्षेत्र के 2 प्रखंडों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर पुल का निर्माण काम पूरा हो पाते है या नहीं.