कटिहारः रेल प्रशासन के रवैये से नाराज गुरुवार को कटिहार रेल डिवीजन के सैकड़ों कॉन्ट्रेक्टरों ने कटिहार मंडल रेल कार्यालय तक मार्च किया. कॉन्ट्रेक्टरों का कहना है कि कार्य पूरा होने के बावजूद महीनों से उनका बिल पेंडिंग है. अधिकारियों से मिल कर गुहार लगाने के बाद भी बिल क्लीयर नहीं हुआ. अधिकारियों के इस रवैये से नाराज पीड़ित कॉन्ट्रेक्टर सड़कों पर उतर कर डीआरएम बिल्डिंग तक मार्च निकाला, लेकिन आरपीएफ ने कॉन्ट्रेक्टरों को बीच में ही रास्ता रोक दिया.
पूरा मामला कटिहार रेल डिवीजन का है. जहां, सैकड़ों कॉन्ट्रेक्टरों ने अपने बकाये बिल को लेकर डीआरएम बिल्डिंग तक मार्च निकाला. लेकिन डीआरएम बिल्डिंग पहुंचने से ठीक पहले आरपीएफ के जवानों ने बैरियर लगा सभी को रोक दिया. इस दौरान कॉन्ट्रेक्टरों और आरपीएफ के जवानों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. आईआर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन के सचिव विकास सिंह ने बताया कि रेलवे तय सीमा के अंदर कॉन्ट्रेक्टरों से सारे कार्य करवाती हैं लेकिन एक साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी कॉन्ट्रेक्टरों के बिल अब तक बकाया है, किसी का बिल भुगतान नहीं हो रहा है.
आमरण अनशन की दी चेतावनी
इस मौके पर कॉन्ट्रेक्टर नगीना यादव ने बताया कि हालात ऐसे हैं कि बकाये बिल की वजह से बच्चों के स्कूल का फीस नहीं दे पा रहे हैं. करीब 72 करोड़ से अधिक का रुपया कॉन्ट्रेक्टरों का रेल पर बकाया हैं. यदि यह पेमेंट नहीं हुआ तो अगला कार्य कैसे करेगें, इस पर हमें सोचना पड़ेगा. वहीं, आईआर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भुवन अग्रवाल ने कहा कि यदि रेल प्रशासन कॉन्ट्रेक्टरों के बकाया का भुगतान जल्द नहीं करेगा तो 27 जुलाई से डीआरएम बिल्डिंग के समीप आमरण अनशन करेंगे. इसकी सारी जिम्मेदारी रेल प्रशासन की होगी.
भुगतान के लिए एक साल से चक्कर लगा रहे कॉन्ट्रेक्टर
कटिहार रेल डिवीजन के कॉन्ट्रेक्टरों का बिल करीब एक साल से बकाया हैं. छह मार्च को भी कॉन्ट्रेक्टरों ने बकाये बिल के भुगतान के लिए आंदोलन किया था तब रेल प्रबंधन ने शीघ्र ही भुगतान करने की बात कही थी. लेकिन तीन महीनों से ज्यादा का समय बीतने के बावजूद कॉन्ट्रेक्टरों का भुगतान नहीं हो सका है. ऐसे में नाराज कॉन्ट्रेक्टरों ने मार्च निकाल कर अपना विरोध जताया है.