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रैक पॉइंट के मजदूरों ने रेलवे के नये नियम के खिलाफ किया प्रदर्शन, परिचालन को ठप करने की दी चेतावनी

माल अनलोडिंग के बाद गंतव्य तक पहुंचाने के लिये सैकड़ों ट्रक मालिकों को इससे रोजगार भी मिल जाता है और यह सिलसिला कई सालों से चलता आ रहा है, लेकिन रेलवे के नये कायदे राउंड द क्लॉक के अनुसार इन मजदूरों को काम करना पड़ेगा.

रैक पॉइन्ट के मजदूरों का आंदोलन हुआ तेज
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Published : Jul 28, 2019, 2:10 PM IST

कटिहार: जिले में रेलवे के रैक पॉइन्ट के मजदूरों का आंदोलन तेज हो गया है. रेलवे के नये नियम के अनुसार 'राउंड द क्लॉक' से मजदूरों की परेशानी बढ़ गयी है और पीड़ित मजदूरों ने अपने हक के लिए आवाज बुलन्द करनी शुरू कर दी है. गौशाला स्थित रैक पॉइन्ट पर आवाज को आंदोलन का शक्ल देने के लिये सैकड़ों मजदूरों ने एकत्र होकर नारेबाजी की और अपनी मांगें नहीं माने जाने पर कटिहार होकर गुजरने वाली गुड्स ट्रेनों के परिचालन ठप करने की बात कही है.

मुख्यालय भेजी जायेगी जांच रिपोर्ट
दूसरी ओर रेलवे ने कहा कि नये कायदों की जांच चल रही है, कि यह फिजिबल है या नहीं हैं. इसकी जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जायेगी. बताया जाता है कि मजदूर मालगाड़ियों के जरिये आने वाले सामानों की लोडिंग-अनलोडिंग का काम करते हैं, जिससे इनके परिवारों का गुजर-बसर होता है. माल अनलोडिंग के बाद गंतव्य तक पहुंचाने के लिये सैकड़ों ट्रक मालिकों को इससे रोजगार भी मिल जाता है और यह सिलसिला कई सालों से चलता आ रहा है, लेकिन रेलवे के नये कायदे राउंड द क्लॉक के अनुसार इन मजदूरों को 24 घंटे काम करना पड़ेगा.

मजदूरों ने किया प्रदर्शन

मजदूरों को दिन-रात काम करनी पड़ेगी
इसका मतलब यह है कि दिन हो या रात, जब भी मालगाड़ी की रैक लगेगी, तब काम करना पड़ेगा और कार्यों की तैयारी के लिये सभी मजदूरों को रैक प्वाइंट पर ही रहना होगा और ऐसा नहीं होने पर संबंधित पार्टी या कंपनी जिम्मेदार होगी. मजदूर नेता समरेंद्र कुणाल बताते हैं कि नया नियम मजदूर विरोधी है जिससे मजदूरों का शोषण मात्र है.

क्या कहते हैं अधिकारी
दूसरी ओर कटिहार रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी बताते हैं कि कटिहार के अलावा कटिहार रेल डिविजन में तीन अन्य स्टेशनों पर राउंड द क्लॉक नियम की शुरुवात की गयी है. पहले छह से दस बजे रात तक रैक पॉइंट पर वर्किंग होती थी, लेकिन नये नियम के अनुसार अब चौबीस घंटे कर दी गयी है. जिससे व्यापारियों को आपत्ति है. कुछ रिप्रजेंटेशन आई भी है, इसकी जांच की जा रही है.

सीमांचल का सबसे बड़ा रैक पॉइंट है
गौरतलब है कि कटिहार स्थित रेलवे का यह रैक पॉइंट सीमांचल का सबसे बड़ा रैक पॉइंट है, जहां दिनभर में हजारों क्विंटल अनाज सहित दूसरे सामान उतरते हैं और माल उतारने में यह मजदूर काफी मददगार होते हैं. पहले दिनभर की मजदूरी के बाद यह मजदूर परिवार के साथ रात गुजारने घर चले जाते थे, लेकिन अब नये नियम में ऐसा करना मुश्किल होगा और जब भी रैक लगेगी, इन्हें युद्ध स्तर पर रैक खाली करना पड़ेगा, जो एक कठिन काम हैं.

कटिहार: जिले में रेलवे के रैक पॉइन्ट के मजदूरों का आंदोलन तेज हो गया है. रेलवे के नये नियम के अनुसार 'राउंड द क्लॉक' से मजदूरों की परेशानी बढ़ गयी है और पीड़ित मजदूरों ने अपने हक के लिए आवाज बुलन्द करनी शुरू कर दी है. गौशाला स्थित रैक पॉइन्ट पर आवाज को आंदोलन का शक्ल देने के लिये सैकड़ों मजदूरों ने एकत्र होकर नारेबाजी की और अपनी मांगें नहीं माने जाने पर कटिहार होकर गुजरने वाली गुड्स ट्रेनों के परिचालन ठप करने की बात कही है.

मुख्यालय भेजी जायेगी जांच रिपोर्ट
दूसरी ओर रेलवे ने कहा कि नये कायदों की जांच चल रही है, कि यह फिजिबल है या नहीं हैं. इसकी जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जायेगी. बताया जाता है कि मजदूर मालगाड़ियों के जरिये आने वाले सामानों की लोडिंग-अनलोडिंग का काम करते हैं, जिससे इनके परिवारों का गुजर-बसर होता है. माल अनलोडिंग के बाद गंतव्य तक पहुंचाने के लिये सैकड़ों ट्रक मालिकों को इससे रोजगार भी मिल जाता है और यह सिलसिला कई सालों से चलता आ रहा है, लेकिन रेलवे के नये कायदे राउंड द क्लॉक के अनुसार इन मजदूरों को 24 घंटे काम करना पड़ेगा.

मजदूरों ने किया प्रदर्शन

मजदूरों को दिन-रात काम करनी पड़ेगी
इसका मतलब यह है कि दिन हो या रात, जब भी मालगाड़ी की रैक लगेगी, तब काम करना पड़ेगा और कार्यों की तैयारी के लिये सभी मजदूरों को रैक प्वाइंट पर ही रहना होगा और ऐसा नहीं होने पर संबंधित पार्टी या कंपनी जिम्मेदार होगी. मजदूर नेता समरेंद्र कुणाल बताते हैं कि नया नियम मजदूर विरोधी है जिससे मजदूरों का शोषण मात्र है.

क्या कहते हैं अधिकारी
दूसरी ओर कटिहार रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी बताते हैं कि कटिहार के अलावा कटिहार रेल डिविजन में तीन अन्य स्टेशनों पर राउंड द क्लॉक नियम की शुरुवात की गयी है. पहले छह से दस बजे रात तक रैक पॉइंट पर वर्किंग होती थी, लेकिन नये नियम के अनुसार अब चौबीस घंटे कर दी गयी है. जिससे व्यापारियों को आपत्ति है. कुछ रिप्रजेंटेशन आई भी है, इसकी जांच की जा रही है.

सीमांचल का सबसे बड़ा रैक पॉइंट है
गौरतलब है कि कटिहार स्थित रेलवे का यह रैक पॉइंट सीमांचल का सबसे बड़ा रैक पॉइंट है, जहां दिनभर में हजारों क्विंटल अनाज सहित दूसरे सामान उतरते हैं और माल उतारने में यह मजदूर काफी मददगार होते हैं. पहले दिनभर की मजदूरी के बाद यह मजदूर परिवार के साथ रात गुजारने घर चले जाते थे, लेकिन अब नये नियम में ऐसा करना मुश्किल होगा और जब भी रैक लगेगी, इन्हें युद्ध स्तर पर रैक खाली करना पड़ेगा, जो एक कठिन काम हैं.

Intro:.......कटिहार में रेलवे के रैक पॉइन्ट के मजदूरों का आंदोलन तेज हो गया हैं ....। रेलवे के नये नियम के अनुसार ' राउंड द क्लॉक ' से मजदूरों की परेशानी बढ़ गयी हैं और पीड़ित मजदूर अपने हक और हुक़ूक़ के लिये आवाजें बुलन्द करनी शुरू कर दी हैं । गौशाला स्थित रैक पॉइन्ट पर आवाज को आन्दोलन का शक्ल देने के लिये सैकड़ों मजदूरों ने एकत्र होकर नारेबाजी की और अपनी माँगें नहीं माने जाने पर कटिहार होकर गुजरने वाली गुड्स ट्रेनों के परिचालन ठप्प करने की बात कही है दूसरी ओर रेलवे ने कहा हैं कि नये कायदों की जाँच चल रही हैं कि यह फिजिबल हैं नहीं ....। इसकी जाँच रिपोर्ट मुख्यालय भेजकर , जो भी रिपोर्ट आयेग , अवगत करा दिया जायेगा .....।


Body:नारेबाजी करते मजदूरों का यह दृश्य कटिहार के गौशाला स्थित रेलवे रैक पॉइंट का हैं जहाँ सैकड़ो मजदूर अपने हक और हुक़ूक़ के लिये आवाजें बुलन्द करने एकत्र हुए हैं । बताया जाता हैं किया मजदूर मालगाड़ियों के जरिये आने वाले सामानों का लोडिंग - अनलोडिंग का काम करते हैं जिससे इनके परिवारों का गुजर - बसर होता है । माल अनलोडिंग के बाद गंतव्य तक पहुंचाने के लिये सैकड़ों ट्रक मालिकों को इससे रोजगार भी मिल जाता है और यह सिलसिला कई सालों से चलता आ रहा है लेकिन रेलवे के नये कायदे राउंड द क्लॉक के अनुसार इन मजदूरों को काम करना पड़ेगा । इसका मतलब यह है कि यह दिन हो या रात जब भी माल गाड़ी की रैक लगी , तब काम करना पड़ेगा और कार्यों के तैयार के लिये सभी मजदूरों के रैक प्वाइंट पर ही रहना होगा पड़ेगा और ऐसा नहीं होने पर संबंधित पार्टी या कंपनी जिम्मेदार होगी । मजदूर नेता समरेंद्र कुणाल बताते हैं कि नया नियम मजदूर विरोधी है जिससे मजदूरों का शोषण मात्र है....।
दूसरी ओर कटिहार रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी बताते हैं कि कटिहार के अलावा कटिहार रेल डिविजन में तीन अन्य स्टेशनों पर राउंड द क्लॉक नये नियम चालू की गयी है । पहले छह से दस बजे रात तक रैक पॉइंट पर वर्किंग होती थी लेकिन नये नियम के अनुसार अब चौबीस घंटे कर दी गयी है जिससे व्यापारियों को आपत्ति है , कुछ रिप्रजेंटेशन आया भी है , इसकी जाँच की जा रही है ....कि यह फीजिबल है या नहीं इसकी जाँच रिपोर्ट मुख्यालय भेज कर जो भी रिपोर्ट आयेगा , अवगत करा दिया जायेगा .....।


Conclusion: गौरतलब है कि कटिहार स्थित रेलवे का यह रैक पॉइंट सीमांचल का सबसे बड़ा रैक पॉइंट है जहाँ दिनभर में हजारों क्विंटल अनाज सहित दूसरे सामान उतरते हैं और माल उतारने में यह मजदूर काफी मददगार होते हैं .....। पहले दिनभर की मजदूरी के बाद यह मजदूर परिवार के साथ रात गुजारने घर चले जाते थे लेकिन अब नये नियम में ऐसा करना मुश्किल होगा और जब भी रैक लगेंगी , इन्हें युद्ध स्तर पर रैक खाली करना पड़ेगा , जो एक कठिन काम हैं । अब देखना बाकी होगा कि रेल मुख्यालय से नये नियम पर जाँच रिपोर्ट पेश होने के बाद क्या रिपोर्ट आयेगी .....।
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