कटिहार: देश में डाक विभाग की पहचान घर-घर चिट्ठियां पहुंचाने के रूप में होती है. लेकिन कोई नहीं जानता कि डाक विभाग कर्मचारी कोरोना आपदा की इस घड़ी में लोगों के लिए अन्नदाता साबित हो रहे हैं. कटिहार में 45 डाकिया ऐसे हैं, जो आपसी मदद से रोजाना 200 से अधिक भोजन पैकेट पोस्ट ऑफिस में तैयार करते हैं और फिर भूख से तड़प रहे गरीब परिवारों के बीच वितरण करते हैं. खास बात ये है कि कैमरे के चकाचौंध से दूर भोजन तैयार करने वाले कुक भी कोई और नहीं बल्कि खुद डाकिया ही हैं.
दरअसल, कटिहार डाकघर में काम करने वाले 45 डाकिए कोरोना महामारी की इस आपदा की घड़ी में सामाजिक सरोकार से जुट गए हैं. लॉक डाउन के दरम्यान वह आपसी सहयोग से गरीबों के लिए भोजन तैयार कर रहे हैं. प्रतिदिन 200 परिवारों के लिए पूड़ी-सब्जी के पैकेट के साथ पानी बोतल दिया जाता है. ये सब लॉक डाउन की शुरुआत के दिनों से ही चला आ रहा है. साथ ही भोजन तैयार करना, पैकेटिंग करना और फिर इसे घर-घर पहुंचाना सब काम डाकिया ही कर रहे हैं.
डाक प्रमंडल ने दी जानकारी
कटिहार डाक प्रमंडल के उप अधीक्षक मुकेश कुमार बताते हैं कि डाक विभाग के कर्मचारी का भी सामाजिक दायित्व है. चिट्ठियां बांटने के दौरान रास्ते में कई ऐसे परिवार मिलते हैं जो लॉकडाउन के दौरान भूख से परेशान रहते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में स्थानीय डाकिया उक्त परिवार के बीच भोजन पैकेट उपलब्ध कराता है. वहीं, कटिहार पोस्टमास्टर सचिन कुमार पोद्दार बताते हैं कि यह सब काम हम सभी कर्मचारी मिलकर करते हैं और किसी को भी कोई हिचक नहीं होती है. सब अपना दायित्व बखूबी निर्वहन करते हैं.
कोरोना रोकथाम के लिए हुआ लॉकडाउन
बता दें कि देश मे कोरोना वायरस से बचाव और संक्रमण के रोकथाम के लिए लॉकडाउन किया गया है. लेकिन इसका असर गरीबी रेखा से नीचे जीने वालों लोगों पर ज्यादा पड़ा है. ऐसे में डाकघर का यह सामाजिक सरोकार भूखे लोगों के लिये संजीवनी का काम कर रहा है.