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कटिहारः GST से नौकरी जाने के बाद शुरू किया पशुपालन, आज दूसरे लोगों को दे रहे हैं रोजगार - katihar latest news

मुंबई की एक कंपनी में कृष्ण नंदन मिश्रा ने अपने जीवन के 20 साल टैक्स से जुड़े बड़े पद पर काम किया. लेकिन नौकरी चले जाने के बाद उन्होंने व्यापार करने का फैसला किया. जिसके बाद उन्होंने चार गाय के साथ गौ पालन की शुरुआत की.

नौकरी जाने के बाद शुरू किया पशुपालन
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Published : Nov 24, 2019, 12:57 PM IST

कटिहारः जीएसटी के दौर में नौकरी चले जाने के बाद जिले के कोढ़ा प्रखंड में रौतारा गांव के कृष्ण नंदन मिश्रा पशुपालन कर डेयरी चलाते हैं. कभी खुद नौकरी करने वाले कृष्ण नंदन मिश्रा अब अपने गांव के लोगों को रोजगार दे रहे हैं.

चार गाय के साथ गौ पालन की शुरुआत
मुंबई की एक कंपनी में कृष्ण नंदन मिश्रा ने अपने जीवन के 20 साल टैक्स से जुड़े बड़े पद पर काम किया. लेकिन नौकरी चले जाने के बाद उन्होंने व्यापार करने का फैसला किया और गांव आ गए. जिसके बाद उन्होंने चार गाय के साथ गौ पालन की शुरुआत की.

katihar
गौशाले में गाय

पशुपालकों को सब्सिडी पर लोन
चार गाय के साथ डेयरी शुरू करने वाले कृष्ण नंदन मिश्रा आज 15 गायों को पालते हैं. पशुपालक कृष्ण नंदन मिश्रा ने बताया कि बिहार सरकार पशुपालकों को सब्सिडी पर लोन भी देती है. लेकिन उन्हें ये नहीं मिल पाया. पशुपालक ने बताया कि पदाधिकारी ने तीनों ओर से बाउंड्री करने को कहा था. लेकिन गायों को गर्मी में इससे परेशानी होती है.

नौकरी जाने के बाद शुरू किया पशुपालन

गांव में मिल रहा रोजगार
डेयरी खुल जाने से गांव के युवकों को अब बाहर काम करने नहीं जाना पड़ता. यहां काम करने वाले मजदूर भंगेरी सिंह ने बताया कि पहले वो पंजाब में गौ पालन का काम करता था. अब गांव में रोजगार मिलने से युवाओं को बाहर नहीं जाना पड़ता है.

कटिहारः जीएसटी के दौर में नौकरी चले जाने के बाद जिले के कोढ़ा प्रखंड में रौतारा गांव के कृष्ण नंदन मिश्रा पशुपालन कर डेयरी चलाते हैं. कभी खुद नौकरी करने वाले कृष्ण नंदन मिश्रा अब अपने गांव के लोगों को रोजगार दे रहे हैं.

चार गाय के साथ गौ पालन की शुरुआत
मुंबई की एक कंपनी में कृष्ण नंदन मिश्रा ने अपने जीवन के 20 साल टैक्स से जुड़े बड़े पद पर काम किया. लेकिन नौकरी चले जाने के बाद उन्होंने व्यापार करने का फैसला किया और गांव आ गए. जिसके बाद उन्होंने चार गाय के साथ गौ पालन की शुरुआत की.

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गौशाले में गाय

पशुपालकों को सब्सिडी पर लोन
चार गाय के साथ डेयरी शुरू करने वाले कृष्ण नंदन मिश्रा आज 15 गायों को पालते हैं. पशुपालक कृष्ण नंदन मिश्रा ने बताया कि बिहार सरकार पशुपालकों को सब्सिडी पर लोन भी देती है. लेकिन उन्हें ये नहीं मिल पाया. पशुपालक ने बताया कि पदाधिकारी ने तीनों ओर से बाउंड्री करने को कहा था. लेकिन गायों को गर्मी में इससे परेशानी होती है.

नौकरी जाने के बाद शुरू किया पशुपालन

गांव में मिल रहा रोजगार
डेयरी खुल जाने से गांव के युवकों को अब बाहर काम करने नहीं जाना पड़ता. यहां काम करने वाले मजदूर भंगेरी सिंह ने बताया कि पहले वो पंजाब में गौ पालन का काम करता था. अब गांव में रोजगार मिलने से युवाओं को बाहर नहीं जाना पड़ता है.

Intro:कटिहार

माया नगरी मुंबई में नौकरी कर रहे कटिहार के एक युवक की नौकरी जीएसटी लागू होने के बाद खत्म हो गई। 20 साल तक एक कंपनी में काम करने के बाद जब जीएसटी कारण नौकरी चली गई तो अपने गांव वापस लौट आया और पशुपालन शुरू की और अपने डेयरी में गांव के लोगों को रोजगार भी दे रखा है।

Body:जीएसटी के दौर में मुंबई की एक कंपनी में काम कर रहे कृष्ण नंदन मिश्रा अपने जीवन के 20 साल मुंबई में बड़े पद पर टैक्स से जुड़ा काम किया लेकिन नौकरी चले जाने के बाद व्यापार करने का फैसला किया और गांव आ गये। चार गाय के साथ गाय पालन की शुरुआत करते हुए जिले के कोढ़ा प्रखंड के रौतारा गांव के कृष्ण नंदन मिश्रा आज 15 गाय को पाल कर डेयरी चला दूध उत्पादन कर अपना जीवन समृद्ध बना रहे हैं।

चार गाय के साथ डेयरी का काम शुरू करने वाले कृष्ण नंदन मिश्रा आज 15 गाय को पालते हैं और इन्होंने लोगों को अपने डेयरी में रोजगार भी दे रखा है। कृष्ण नंदन मिश्रा ईटीवी भारत को बताते हैं अगर डेयरी का काम इसी तरह चलता रहा तो कुछ ही दिनों में 15 से 30 गाय पालन कर अपना जीवन और भी समृद्ध बनाएंगे।

बिहार सरकार पशुपालकों को सब्सिडी पर लोन भी देती है लेकिन इन्हें पशुपालन विभाग के द्वारा लोन नहीं मिल सका उन्होंने बताया बैंक वाले गाय पालन के नाम पर लोन देने से इनकार करते हैं वही पदाधिकारी जानवरों के लिए तीन ओर से बाउंड्री देने को कहते हैं लेकिन उनके गाय वैसे मौसम में नहीं रह पाएंगे लिहाजा इन्होंने लोन लेने से इनकार कर दिया।

Conclusion:कृष्ण नंदन मिश्रा अपने डेयरी में लोगों को भी रोजगार दे रखा है और गांव के ही कुछ युवक जो बाहर दिल्ली पंजाब काम करने जाते थे आज इनके डेयरी में काम कर रहे हैं। मजदूर भंगेरी सिंह बताते हैं पहले वह पंजाब में गाय पालन का ही काम करते थे लेकिन गांव में रोजगार मिल जाने के कारण पंजाब को छोड़ दिया और गांव में रोजगार मिल गया और यह कृष्ण नंदन मिश्रा के डेयरी में दूध निकालने का काम करते हैं और खेतों से फसल लाते हैं। भंगेरी बताते हैं गाय पालना बहुत ही आसान है जो इसके बारे में जानता है उसे कोई दिक्कत नहीं है।
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