कटिहारः लाॅकडाउन के कारण दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों की घर वापसी हो रही है. ऐसे में मजदूरों को 14 दिनों के लिए क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है. हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि क्वारंटीन सेंटर में मजदूरों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. लेकिन जब ग्राउंड रिपोर्ट पर पहुंच कर पूरे मामले की जांच की तो नजारा कुछ और ही दिखा.
क्वारंटीन सेंटर पर प्रशासन की लापरवाही
जिले के बलरामपुर प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय क्वारंटीन सेंटर में बाहर से आए 13 मजदूरों को क्वारंटीन के लिए रखा गया है. ईटीवी भारत की टीम जब यहां रह रहे लोगों से प्रशासन की ओर से दी जा रही व्यवस्था पर सवाल किया, तो उन्होंने कई तरह के खुलासे किए. जिला प्रशासन जो दावा करती है कि हर क्वारंटीन सेंटर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. यहां पर कोई सुरक्षा देखने को नहीं मिली और बाहरी लोग ऐसे ही अंदर आते जाते दिख जाते है. यहां तक कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए सैनिटाइजर और मास्क की भी व्यवस्था नहीं की गई है.
क्वारंटीन सेंटर में कोई व्यवस्था नहीं
यहां पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध ना होने के वजह से क्वारंटीन में रह रहे मजदूर बाहर घूमने के लिए भी निकल जाते हैं. साथ ही मजदूरों का आरोप है कि अभी तक स्कूल में सैनिटाइजर और ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया गया है तथा गंदगी की भरमार लगी हुई है.
क्वारंटीन सेंटर में नहीं मिल रहा मजदूरों को खाना
जब पूरे मामले में विद्यालय के प्रधानाचार्य से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस समय सभी मजदूरों को भोजन दी जाती है. लेकिन जब ईटीवी भारत पड़ताल करने पहुंची तो दिन के 1 बजे तक चूल्हा नहीं जलाए गए थे और ना ही मजदूरों को भोजन दी गई थी. ऐसे में जिला प्रशासन के जो दावे हैं कि हर क्वारंटीन सेंटर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम और सभी मजदूरों को सैनिटाइजिंग किट दी जा रही है. वह सिर्फ कागजी दावे हैं.
मजदूरों ने लगाया जिला प्रशासन पर आरोप
मजदूरों का आरोप है की सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार क्वारंटीन सेंटर में रह रहे मजदूरों को समय पर भोजन, फल और दूध की व्यवस्था की जानी है. लेकिन यहां पर किसी भी मजदूर को फल और दूध नहीं दिया जा रहा है तथा स्कूल परिसर में कूड़ा कचरा का अंबार लगा हुआ है. अभी तक ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी नहीं किया गया है.