कटिहारः जिले में जिला प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन एसोसिएशन के शिक्षकों ने एक दिवसीय शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया. इसमें सरकार से निजी स्कूल खोलने की गुहार लगाई गई. शिक्षकों ने कहा कि 9 महीने से निजी विद्यालय बंद होने की वजह से वे मकान का किराया, बिजली बिल और ट्रांसपोर्ट टैक्स नहीं चुका पा रहे हैं.
कर्मचारियों के मौजूदा हालात पर विचार करे सरकार
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इतने दिनों से विद्यालय बंद होने के कारण निजी विद्यालय संचालक को मकान का किराया, गाड़ियों का ईएमआई, मेंटेनेंस आधारित कार्य, बिजली बिल के भुगतान में कोई छूट नहीं दी गई है. जिले के सभी निजी विद्यालय संचालक एकजुट होकर निजी विद्यालय के संचालन हेतु प्रशासन और सरकार से गुहार लगा रहे हैं. साथ ही राज्य सरकार से निजी विद्यालय संचालक, शिक्षक, कर्मचारी के मौजूदा हालात के बारे में पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
टैक्स चुकाने में असमर्थ हैं स्कूल संचालक
कटिहार जिला प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रघुवंश ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने 30 सितंबर 2020 को अपने आदेश में विद्यालय को खोलने हेतु राज्य सरकार को निर्देश जारी किया था. लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई निर्देश पारित नहीं किया है. पिछले 9 महीने से स्कूल नहीं खुलने के कारण किसी भी अभिभावकों से वाहन शुल्क नहीं लिया गया है. लेकिन बिहार सरकार की तरफ से ट्रांसपोर्ट टैक्स बिजली का बिल, इंश्योरेंस शुल्क निरंतर लिया जा रहा है. इससे कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. स्कूल संचालक बिजली बिल का भुगतान, ट्रांसपोर्ट में लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स चुकाने में असमर्थ हो गए हैं.
सरकार से भवन का किराया माफ करने की गुहार
शिक्षकों ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरूआत से ही निजी विद्यालय बंद हैं. उन्होंने कहा कि जो विद्यालय किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं उनके संचालक किराया चुकता करने में असमर्थ हैं. इस वजह से शिक्षक सरकार से भवन का किराया माफ करने की गुहार लगा रहे हैं. बता दें कि पिछले 9 महीने से कोरोना महामारी से बचाव के कारण सरकार ने विद्यालय खोलने की अनुमति नहीं दी है.