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कटिहार में रैलियों से परेशान है सरकारी विभाग, जरा ध्यान दें वोट मांगने वाले उम्मीदवार - social issue

पार्टियों की रैली में आईं गाड़ियां पार्किंग के लिए सदर अस्पताल और सरकारी दफ्तरों का सहारा ले रही हैं. वहीं, इसके चलते वर्किंग टाइम में दफ्तरों के दरवाजे बंद कर दिए जा रहे हैं.

सरकारी विभाग
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Published : Apr 12, 2019, 4:38 PM IST

कटिहार: लोकतंत्र का त्योहार शुरू हो गया है. बिहार में सातों चरण में मतदान होने हैं. वहीं, इसके चलते सभी दल धड़ा-धड़ रैली कर रहे हैं. लिहाजा, जिलों के मैदान और सार्वजनिक स्थलों में नेताओं के स्वागत के लिए मंच भी तैयार किये जाते हैं. जनता की भीड़ जुटाई जाती है. मगर इसी बीच जनता को मुसीबत भी उठानी पड़ती है. ये मुसीबत है पार्किंग की.

कटिहार शहर के राजेंद्र स्टेडियम के समीप का कुछ ऐसा ही है. जहां कटिहार संसदीय सीट के चुनाव के लिए दूसरे चरण में होने वाले मतदान के लिये रोजाना किसी ना किसी राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों की सभा हो रही है. इन सभाओं के चलते पार्किंग की बड़ी समस्या सामने खड़ी हो रही है. लोग अपने प्रिय नेता को सपोर्ट करने पहुंचते तो हैं. लेकिन पार्किंग के लिए ये लोग सार्वजनिक स्थानों को चुन रहे हैं.

parking system of loksabha election rally in katihar
बंद पड़ा सदर अस्पताल का मुख्य गेट

इस जगह हो रही पार्किंग
जिले में नगर थाना कटिहार सदर अस्पताल, नगर निगम के दफ्तर के मेन गेट बंद कर दिए गए हैं. वर्किंग ऑवर में इस सार्वजनिक दफ्तरों के दरवाजे इसलिये बन्द पड़े हैं क्योंकि बगल में सभा हो रही है. सभा सुनने आने वाली भीड़ चुपचाप इस कार्यालयों के प्रीमेसेज में अपने गाड़ियां लगा देते हैं. इससे कार्यालय के सुचारूपन में लाने और बेतरतीब भीड़ को हटाने में ही समय खत्म हो जाता हैं.

बंद पड़े हैं सदर अस्पताल के मुख्य गेट

पार्किंग की व्यवस्था कराएं पार्टियां
भाषण जरूरी है क्योंकि या वोट का लालच है. लेकिन आने वाली गाड़ियों की व्यवस्था भी जरूरी है. भाषणों के दौरान में आयी गाड़ियों के पार्किंग सरकारी दफ्तरों के सामने खड़ी कर देने से व्यवस्था चरमरा रही है उसका क्या. आवश्यकता है इन नेताओं और कार्यकर्ताओं को आने वाली गाड़ी और व्यवस्था पर ध्यान देने की. ताकि ना ही सड़क जाम हो और ना ही कार्यालयों के प्रतिदिन के कार्य में कोई बाधा उत्पन्न हो.

कटिहार: लोकतंत्र का त्योहार शुरू हो गया है. बिहार में सातों चरण में मतदान होने हैं. वहीं, इसके चलते सभी दल धड़ा-धड़ रैली कर रहे हैं. लिहाजा, जिलों के मैदान और सार्वजनिक स्थलों में नेताओं के स्वागत के लिए मंच भी तैयार किये जाते हैं. जनता की भीड़ जुटाई जाती है. मगर इसी बीच जनता को मुसीबत भी उठानी पड़ती है. ये मुसीबत है पार्किंग की.

कटिहार शहर के राजेंद्र स्टेडियम के समीप का कुछ ऐसा ही है. जहां कटिहार संसदीय सीट के चुनाव के लिए दूसरे चरण में होने वाले मतदान के लिये रोजाना किसी ना किसी राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों की सभा हो रही है. इन सभाओं के चलते पार्किंग की बड़ी समस्या सामने खड़ी हो रही है. लोग अपने प्रिय नेता को सपोर्ट करने पहुंचते तो हैं. लेकिन पार्किंग के लिए ये लोग सार्वजनिक स्थानों को चुन रहे हैं.

parking system of loksabha election rally in katihar
बंद पड़ा सदर अस्पताल का मुख्य गेट

इस जगह हो रही पार्किंग
जिले में नगर थाना कटिहार सदर अस्पताल, नगर निगम के दफ्तर के मेन गेट बंद कर दिए गए हैं. वर्किंग ऑवर में इस सार्वजनिक दफ्तरों के दरवाजे इसलिये बन्द पड़े हैं क्योंकि बगल में सभा हो रही है. सभा सुनने आने वाली भीड़ चुपचाप इस कार्यालयों के प्रीमेसेज में अपने गाड़ियां लगा देते हैं. इससे कार्यालय के सुचारूपन में लाने और बेतरतीब भीड़ को हटाने में ही समय खत्म हो जाता हैं.

बंद पड़े हैं सदर अस्पताल के मुख्य गेट

पार्किंग की व्यवस्था कराएं पार्टियां
भाषण जरूरी है क्योंकि या वोट का लालच है. लेकिन आने वाली गाड़ियों की व्यवस्था भी जरूरी है. भाषणों के दौरान में आयी गाड़ियों के पार्किंग सरकारी दफ्तरों के सामने खड़ी कर देने से व्यवस्था चरमरा रही है उसका क्या. आवश्यकता है इन नेताओं और कार्यकर्ताओं को आने वाली गाड़ी और व्यवस्था पर ध्यान देने की. ताकि ना ही सड़क जाम हो और ना ही कार्यालयों के प्रतिदिन के कार्य में कोई बाधा उत्पन्न हो.

Intro:.......... चुनाव लोकतंत्र का लेकिन परेशान है लोक ही ......। चुनावी मौसम है और नेताओं के आवागमन है तेज .....। स्टेज सज जाते हैं लोग भर जाते हैं लेकिन गाड़ियाँ जगह ढूंढती रह जाती है क्योंकि जहां भी थोड़ी बहुत जगह पार्टी की होती है उसे लोग बंद कर देते हैं । यह हाल किसी सार्वजनिक पार्किंग पॉइन्ट का नहीं बल्कि उन सरकारी दफ्तरों का हैं जहाँ प्रीमेसेज रहने के कारण लोग पार्किंग कर देते हैं ......। कटिहार से एक्सक्लुसिव रिपोर्ट ......।


Body: आज हम आपको कटिहार शहर के राजेंद्र स्टेडियम के समीप का नजारा दिखाते हैं जहाँ कटिहार संसदीय सीट के चुनाव के लिए दूसरे चरण में होने वाले मतदान के लिये रोजाना किसी ना किसी राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों की सभा होती हैं । जरा आप गौर से देखिये कि दिन के समय नगर थाना , कटिहार सदर अस्पताल , नगर निगम के दफ्तर के रास्ते बन्द पड़े हैं । वर्किंग ऑवर में इस सार्वजनिक दफ्तरों के दरवाजे इसलिये बन्द पड़े हैं क्योंकि बगल में सभा हो रही हैं और सभा सुनने आने वाली भीड़ चुपचाप इस कार्यालयों के प्रीमेसेज में अपने गाड़ियाँ लगा देते हैं जिससे कार्यलयों के सुचारूपन और बेतरतीब भीड़ को हटाने में ही समय बेजां खत्म हो जाता हैं । जरा आप भी सुनिये कटिहार सदर अस्प्ताल के सुरक्षाकर्मी पंकज पोद्दार की बातें कि आखिर गेट बन्द करने के पीछे उसकी क्या मजबूरी हैं .......।


Conclusion: भाषण जरूरी है क्योंकि या वोट है ...लेकिन आने वाली गाड़ियों की व्यवस्था भी जरूरी है ....। अब यह सरकारी कार्यालयों के यह दरवाजे तो बंद तो होने ही हैं क्योंकि उन भाषणों के दौरान में आयी गाड़ियों के पार्किंग कर देने से इन कार्यालयों के सारी व्यवस्था ही चरमरा जाती है .....। आवश्यकता है इन नेताओं और कार्यकर्ताओं को आने वाली गाड़ी और व्यवस्था पर ध्यान देने की ताकि ना ही सड़क जाम हो और ना ही कार्यालयों के प्रति दिन के कार्य में कोई बाधा उत्पन्न हो.......।
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