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कटिहार में किसान कर रहे जैविक उर्वरक का उपयोग, कम लागत में कर रहे खेती

कटिहार में जैविक खाद बनाकर पौधों में इसका उपयोग कर रहे हैं. इससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रह रहती है. साथ ही फसलों की लागत में भी कमी आ रही है.

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Published : Dec 25, 2019, 10:00 PM IST

कटिहार
कटिहार

कटिहार: प्रदेश में नीतीश सरकार जैविक उर्वरक को बढ़ावा देने के लिए योजना चला रही है. इस योजना का असर कटिहार में देखने को मिल रहा है. यहां किसान रासायनिक उर्वरकों को छोड़ कर जैविक उर्वरक का उपयोग खेतों में कर रहे हैं.

किसान मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए कई तरह के रासायनिक खाद कर उपयोग करते हैं. इससे खेत बंजर होने लगते हैं. साथ ही रासायनिक खाद के प्रयोग से कई तरह की बीमारियां भी हो रही हैं. इसको लेकर कटिहार के किसानों ने अच्छी पहल की है. किसान यहां जैविक उर्वरक का उपयोग कर रहे हैं. इससे फसलों की लागत में भी कमी आ रही है.

कटिहार
जैविक खेती

जैविक खाद का कर रहे उपयोग
कटिहार वन विभाग के रेंजर ऑफिसर बीएल मंडल ने बताया कि राज्य सरकार की मुहिम खेतों में जैविक खाद का प्रयोग हो, इसका असर यहां देखने को मिल रहा है. वन विभाग के नर्सरी में जैविक खाद का उपयोग कर छोटे-छोटे पौधे लगाएं जा रहे हैं. इससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है. रासायनिक खाद के प्रयोग से पौधे बड़े हो जाते हैं. लेकिन वह मजबूत नहीं होता. वहीं, जैविक खाद से पौधे मजबूत होते हैं.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: लालू यादव ने शुगर फ्री केक खाकर मनाया क्रिसमस, समर्थकों ने भेजे गिफ्ट

'जागरूकता की है जरूरत'
वन विभाग भी जैविक खाद बनाकर पौधों में इसका उपयोग कर रहा है. जिले के वन विभाग के नर्सरी में हजारों छोटे-छोटे पौधों में जैविक खाद और मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है. जिससे मिट्टी में गुणवत्ता भी रहती है, पौधे भी मजबूत होते हैं. वहीं, सरकार जैविक खाद को लेकर योजना तो चला रही है. लेकिन जागरुकता के अभाव में प्रदेश में व्यापक स्तर पर जैविक खाद का प्रयोग नहीं हो रहा है.

कटिहार: प्रदेश में नीतीश सरकार जैविक उर्वरक को बढ़ावा देने के लिए योजना चला रही है. इस योजना का असर कटिहार में देखने को मिल रहा है. यहां किसान रासायनिक उर्वरकों को छोड़ कर जैविक उर्वरक का उपयोग खेतों में कर रहे हैं.

किसान मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए कई तरह के रासायनिक खाद कर उपयोग करते हैं. इससे खेत बंजर होने लगते हैं. साथ ही रासायनिक खाद के प्रयोग से कई तरह की बीमारियां भी हो रही हैं. इसको लेकर कटिहार के किसानों ने अच्छी पहल की है. किसान यहां जैविक उर्वरक का उपयोग कर रहे हैं. इससे फसलों की लागत में भी कमी आ रही है.

कटिहार
जैविक खेती

जैविक खाद का कर रहे उपयोग
कटिहार वन विभाग के रेंजर ऑफिसर बीएल मंडल ने बताया कि राज्य सरकार की मुहिम खेतों में जैविक खाद का प्रयोग हो, इसका असर यहां देखने को मिल रहा है. वन विभाग के नर्सरी में जैविक खाद का उपयोग कर छोटे-छोटे पौधे लगाएं जा रहे हैं. इससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है. रासायनिक खाद के प्रयोग से पौधे बड़े हो जाते हैं. लेकिन वह मजबूत नहीं होता. वहीं, जैविक खाद से पौधे मजबूत होते हैं.

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'जागरूकता की है जरूरत'
वन विभाग भी जैविक खाद बनाकर पौधों में इसका उपयोग कर रहा है. जिले के वन विभाग के नर्सरी में हजारों छोटे-छोटे पौधों में जैविक खाद और मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है. जिससे मिट्टी में गुणवत्ता भी रहती है, पौधे भी मजबूत होते हैं. वहीं, सरकार जैविक खाद को लेकर योजना तो चला रही है. लेकिन जागरुकता के अभाव में प्रदेश में व्यापक स्तर पर जैविक खाद का प्रयोग नहीं हो रहा है.

Intro:कटिहार

जिले में रसायनिक उर्वरकों को छोड़ जैविक उर्वरक का खेतों में हो रहा उपयोग, किसानों की आय दोगुना करने के लिए बिहार सरकार ने चलाया है एक मुहिम, जैविकता के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए सरकार नई नई योजनाएं तय कर रही है जिससे रसायनिक खेतों से होने वाले खतरे को रोका जाए और भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचा जा सके।


Body:Anchor_ केंद्र सरकार और बिहार सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेकों योजनाएं चला रही है इसी कड़ी में बिहार सरकार ने एक नया मुहिम छेड़ी है जिसमें किसानों को ज्यादा से ज्यादा जैविक खेती करने को कहा गया है ताकि किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ खेती की लागत कम करने तथा मिट्टियों की गुणवत्ता बना रहे और पर्यावरण की दशा सुधारने का एक नया कदम है।

V.O1_पूरे विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है। बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रसायनिक खादों का प्रयोग अपने खेतों में करते हैं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में भी गिरावट आती है।

V.O2_इन सब परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने किसानों से ज्यादा से ज्यादा जैविक खेती करने पर जोर दे रहा है। इसी जैविक खेती को सार्थक बनाते हुए कटिहार वन विभाग के पदाधिकारी अपने बगीचों में जैविक खेती का प्रयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं वन विभाग के अधिकारी खुद से जैविक खाद बनाकर अपने पौधों में उसका उपयोग भी कर रहे हैं। जिले के वन विभाग के नर्सरी में लाखों छोटे-छोटे पौधों में जैविक खाद और मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है जिससे मिट्टी में गुणवत्ता भी रहती है और पौधे भी मजबूत होते हैं।


Conclusion:Byte1 बी एल मंडल, रेंज आफिसर वन विभाग कटिहार

कटिहार वन विभाग के रेंज आफिसर बी एल मंडल बताते हैं मुख्यमंत्री जी का नया मुहिम खेतों में ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद का हो उपयोग रंग ला रहा है। वन विभाग के नर्सरी में जैविक खाद का उपयोग कर छोटे छोटे पौधो को उपजाया जा रहा है जिससे मिट्टीयों की गुणवत्ता भी बनी रहती है और पौधे भी मजबूत होते हैं। इन्होने बताया रसायनिक खाद के प्रयोग से पौधे तो बड़े हो जाते है लेकिन वह मजबूत नहीं होता। इसलिए वन विभाग में जैविक खेती को महत्व देते हुए जैविक खादों का उपयोग किया जा रहा है और नए नए पौधों को उपजाया जा रहा है इसके लिए नर्सरी में ही 4 नाद जैविक खाद बनाया भी गया है जिसे पौधों में डाला जाता है।

केंद्र सरकार और बिहार सरकार के द्वारा चलाए गए किसानों के लिए योजनाएं जिससे किसानों की आय हो दुगने अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है और लोग इसका अनुपालन भी कर रहे हैं। मिट्टियों के गुणवत्ता बरकरार रखने और पौधों में मजबूती हो इसके लिए सरकार ने जैविक खेती का मुहिम चलाया था जो वह आज सार्थक साबित हो रहा है। अब सरकार को चाहिए जैविक खेती को ज्यादा से ज्यादा लोग करें इसके लिए प्रचार प्रसार तेज कर दिया जाए और लोगों को जागरुक किया जाए।
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