कटिहार: प्रदेश में नीतीश सरकार जैविक उर्वरक को बढ़ावा देने के लिए योजना चला रही है. इस योजना का असर कटिहार में देखने को मिल रहा है. यहां किसान रासायनिक उर्वरकों को छोड़ कर जैविक उर्वरक का उपयोग खेतों में कर रहे हैं.
किसान मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए कई तरह के रासायनिक खाद कर उपयोग करते हैं. इससे खेत बंजर होने लगते हैं. साथ ही रासायनिक खाद के प्रयोग से कई तरह की बीमारियां भी हो रही हैं. इसको लेकर कटिहार के किसानों ने अच्छी पहल की है. किसान यहां जैविक उर्वरक का उपयोग कर रहे हैं. इससे फसलों की लागत में भी कमी आ रही है.
जैविक खाद का कर रहे उपयोग
कटिहार वन विभाग के रेंजर ऑफिसर बीएल मंडल ने बताया कि राज्य सरकार की मुहिम खेतों में जैविक खाद का प्रयोग हो, इसका असर यहां देखने को मिल रहा है. वन विभाग के नर्सरी में जैविक खाद का उपयोग कर छोटे-छोटे पौधे लगाएं जा रहे हैं. इससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है. रासायनिक खाद के प्रयोग से पौधे बड़े हो जाते हैं. लेकिन वह मजबूत नहीं होता. वहीं, जैविक खाद से पौधे मजबूत होते हैं.
ये भी पढ़ें: लालू यादव ने शुगर फ्री केक खाकर मनाया क्रिसमस, समर्थकों ने भेजे गिफ्ट
'जागरूकता की है जरूरत'
वन विभाग भी जैविक खाद बनाकर पौधों में इसका उपयोग कर रहा है. जिले के वन विभाग के नर्सरी में हजारों छोटे-छोटे पौधों में जैविक खाद और मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है. जिससे मिट्टी में गुणवत्ता भी रहती है, पौधे भी मजबूत होते हैं. वहीं, सरकार जैविक खाद को लेकर योजना तो चला रही है. लेकिन जागरुकता के अभाव में प्रदेश में व्यापक स्तर पर जैविक खाद का प्रयोग नहीं हो रहा है.