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कोरोना के बहाने मुस्लिमों को टारगेट कर रहीं सरकारी एजेंसियां : MLA महबूब आलम

कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण सभी धार्मिक स्थल बंद हैं. एमएलए महबूब आलम ने आरोप लगाया है कि कोरोना के नाम पर मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है.

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Published : May 9, 2020, 8:45 PM IST

कटिहार: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने 17 मई तक लॉकडाउन लगा दिया है. इस दौरान लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए अपील की जा रही है. सामाजिक दूरी बनी रहे इसके लिए भीड़-भाड़ वाले इलाके को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. यहां तक कि धार्मिक स्थल मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर को भी बंद रखने का आदेश है.

'जमाती कोरोना बम कहना निंदनीय'
इस पर भाकपा माले विधायक महबूब आलम ने कहा कटिहार का बारसोई इलाका मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. यहां के लोग पूरी तरह से सरकार के साथ हैं और घरों में बैठकर इबादत कर रहे हैं. लेकिन ऐसे में सरकार की कई एजेंसियां मुस्लिमों को टारगेट कर रही हैं. यह बिल्कुल निंदनीय है और इसकी चिंता देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुस्लिम समुदाय को जमाती कोरोना बम कह रहे हैं. यह बयान बिल्कुल गलत है. इस वैश्विक महामारी के दौर में हम सभी एकजुट हैं और किसी एक जाति या धर्म को निशाना नहीं बनाना चाहिए.

घर पर ही इबादत कर रहे अकीदतमंद
रमजान का पाक महीना चल रहा है और ऐसे में मुस्लिम समुदाय में मस्जिदों में नमाज का अपना खास महत्व है. लेकिन देश में फैली कोरोना महामारी के बीच सामाजिक दूरी बनी रहे इसके लिए मुस्लिम धर्म गुरुओं ने रमजान के महीने में घर पर ही नमाज पढ़ने का फैसला किया है. बता दें कि तरावीह की नमाज जमात बनाकर मस्जिदों में पढ़ी जाती है. लेकिन लोग अपने घर में ही नमाज और तरावीह पढ़ रहे हैं.

कटिहार: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने 17 मई तक लॉकडाउन लगा दिया है. इस दौरान लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए अपील की जा रही है. सामाजिक दूरी बनी रहे इसके लिए भीड़-भाड़ वाले इलाके को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. यहां तक कि धार्मिक स्थल मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर को भी बंद रखने का आदेश है.

'जमाती कोरोना बम कहना निंदनीय'
इस पर भाकपा माले विधायक महबूब आलम ने कहा कटिहार का बारसोई इलाका मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. यहां के लोग पूरी तरह से सरकार के साथ हैं और घरों में बैठकर इबादत कर रहे हैं. लेकिन ऐसे में सरकार की कई एजेंसियां मुस्लिमों को टारगेट कर रही हैं. यह बिल्कुल निंदनीय है और इसकी चिंता देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुस्लिम समुदाय को जमाती कोरोना बम कह रहे हैं. यह बयान बिल्कुल गलत है. इस वैश्विक महामारी के दौर में हम सभी एकजुट हैं और किसी एक जाति या धर्म को निशाना नहीं बनाना चाहिए.

घर पर ही इबादत कर रहे अकीदतमंद
रमजान का पाक महीना चल रहा है और ऐसे में मुस्लिम समुदाय में मस्जिदों में नमाज का अपना खास महत्व है. लेकिन देश में फैली कोरोना महामारी के बीच सामाजिक दूरी बनी रहे इसके लिए मुस्लिम धर्म गुरुओं ने रमजान के महीने में घर पर ही नमाज पढ़ने का फैसला किया है. बता दें कि तरावीह की नमाज जमात बनाकर मस्जिदों में पढ़ी जाती है. लेकिन लोग अपने घर में ही नमाज और तरावीह पढ़ रहे हैं.

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