ETV Bharat / state

लॉकडाउन में बदतर है प्रवासी मजदूरों की हालत, बसों में ठूंसकर जा रहे हैं घर - मवेशियों से भी बदतर प्रवासी मजदूरों की हालात

कटिहार जिला समाहरणालय से महज पांच सौ मीटर दूर मिरचाईबाड़ी इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां प्रवासी मजदूरों को बसों में ठूंस-ठूंसकर बैठाया जा रहा है, लेकिन अधिकारी इससे बेखबर हैं.

katihar
प्रवासी मजदूर
author img

By

Published : May 16, 2020, 12:44 PM IST

कटिहारः कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन में बिहार के बाहर फंसे मजदूरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. लेकिन इन मजदूरों को जिस तरह से उनके घरों तक पहुंचाने के लिये वाहनों की होड़ लगी है. वह किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहा है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

katihar
बस की छत पर बैठकर जाते लोग

ओवरलोडिंग दे रहा है हादसे को निमंत्रण
दरअसल, प्रवासी मजदूरों को गाड़ियों की छत से लेकर अंदर तक जानवरों की तरह ठूंस-ठूंसकर बैठाया जा रहा है. यह मजदूर उत्तर प्रदेश के सीतापुर से आए हैं, जो वहां भवन निर्माण कंपनी में काम करते थे. यह सब कुछ कटिहार जिला समाहरणालय से महज पांच सौ मीटर दूर मिरचाईबाड़ी इलाके में हो रहा है, लेकिन अधिकारी इससे बेखबर हैं.

katihar
प्रवासी मजदूरों से भरी बस

मजदूरों को हो रही परेशानी
प्रवासी मजदूर बताते हैं कि यूपी बॉर्डर पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद वो सभी जिले की सीमा कुर्सेला बॉर्डर तक बस और दूसरी गाड़ी से पहुंचे. अब कुर्सेला से आगे जाने के लिये दो ही बस थी, लेकिन आदमी ज्यादा होने के कारण जैसे-तैसे जा रहे हैं. उनका कहना था कि अब जैसे भी हो, घर जाना है. बसों के अंदर और छतों पर प्रवासी मजदूर सवार हैं. ना कहीं सोशल डिस्टेंसिंग है ना लोगों के बीच दूरियां हैं. सिटिंग अरेंजमेंट की बात ही मत पूछिये. बस किसी तरह गाड़ी पर सवार होना है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः नीतीश बोले- प्रवासी मजदूरों को छुपकर या पैदल आने की जरूरत नहीं, की गई है व्यवस्था

उड़ रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
बहरहाल बाहर से आए मजदूरों को उनके घर भेजना बड़ी समस्या बन गई है. वाहनों की कमी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं. देश में लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के बिहार आने का सिलसिला लगातार जारी है.

कटिहारः कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन में बिहार के बाहर फंसे मजदूरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. लेकिन इन मजदूरों को जिस तरह से उनके घरों तक पहुंचाने के लिये वाहनों की होड़ लगी है. वह किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहा है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

katihar
बस की छत पर बैठकर जाते लोग

ओवरलोडिंग दे रहा है हादसे को निमंत्रण
दरअसल, प्रवासी मजदूरों को गाड़ियों की छत से लेकर अंदर तक जानवरों की तरह ठूंस-ठूंसकर बैठाया जा रहा है. यह मजदूर उत्तर प्रदेश के सीतापुर से आए हैं, जो वहां भवन निर्माण कंपनी में काम करते थे. यह सब कुछ कटिहार जिला समाहरणालय से महज पांच सौ मीटर दूर मिरचाईबाड़ी इलाके में हो रहा है, लेकिन अधिकारी इससे बेखबर हैं.

katihar
प्रवासी मजदूरों से भरी बस

मजदूरों को हो रही परेशानी
प्रवासी मजदूर बताते हैं कि यूपी बॉर्डर पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद वो सभी जिले की सीमा कुर्सेला बॉर्डर तक बस और दूसरी गाड़ी से पहुंचे. अब कुर्सेला से आगे जाने के लिये दो ही बस थी, लेकिन आदमी ज्यादा होने के कारण जैसे-तैसे जा रहे हैं. उनका कहना था कि अब जैसे भी हो, घर जाना है. बसों के अंदर और छतों पर प्रवासी मजदूर सवार हैं. ना कहीं सोशल डिस्टेंसिंग है ना लोगों के बीच दूरियां हैं. सिटिंग अरेंजमेंट की बात ही मत पूछिये. बस किसी तरह गाड़ी पर सवार होना है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः नीतीश बोले- प्रवासी मजदूरों को छुपकर या पैदल आने की जरूरत नहीं, की गई है व्यवस्था

उड़ रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
बहरहाल बाहर से आए मजदूरों को उनके घर भेजना बड़ी समस्या बन गई है. वाहनों की कमी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं. देश में लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के बिहार आने का सिलसिला लगातार जारी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.