कटिहारः शहर के शहीद चौक पर महागठबंधन के नेताओं ने किसान बिल को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा.
केंद्र सरकार के लाए गए नए कृषि कानून को लेकर देश के कई हिस्सों के किसान पिछले 7 दिनों से दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं. साथ ही केंद्र सरकार से नए कृषि विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसानों के आंदोलन के बावजूद अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं.
प्रधानमंत्री को किसान विरोधी कहा गया
बुधवार को कटिहार शहर के शहीद चौक पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने किसान बिल के विरोध में प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्र सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की गई. प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा गया है. साथ ही प्रधानमंत्री को किसान विरोधी कहा गया.
किसानों के प्रति बर्बरता पूर्वक व्यवहार
प्रदर्शन में शामिल कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव विनोदानंद शाह ने बताया केंद्र की बीजेपी और मोदी सरकार किसानों को प्रति बर्बरता के साथ व्यवहार कर रही है. हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है और इसमें हर एक नागरिक को प्रदर्शन और आवाज उठाने का अधिकार है. लेकिन आज जब किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं तो उन पर लाठीचार्ज की जा रही है.
महागठबंधन ने दिया आंदोलन का साथ
वहीं, मौके पर मौजूद कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रेम राय ने बताया कि आज वामपंथियों के जरिए पूरे बिहार में किसान बिल को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. जिसमें महागठबंधन के अन्य साथियों का समर्थन है. जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो भूमि अधिग्रहण बिल में बदलाव किया गया था लेकिन बीजेपी की सरकार ने उसे बदल दिया है.
'किसानों पर लाठियां बरसा रही केंद्र सरकार'
वहीं, राजद के जिलाध्यक्ष अब्दुल गनी ने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसानों के साथ अत्याचार कर रही है. आज किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहा है लेकिन केंद्र सरकार उन पर लाठियां बरसा रही है. इसलिए किसानों के समर्थन में वामपंथी प्रदर्शन कर रहे हैं.