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कटिहार: कार्यक्रम में बोले पूर्व IAS कन्नन गोपीनाथन- मेरा कोई चुनावी मिशन नहीं - एनआरसी

आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि एनआरसी असम में लागू किया गया. एनआरसी से क्या मिला. असम में यह काम, 50 हजार कर्मचारियों की मदद से, 16 सौ रुपये खर्च करके किया गया. असम में सिर्फ 3 करोड़ लोगों की आबादी है.

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कन्नन गोपीनाथन, आईएएस
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Published : Dec 8, 2019, 12:27 PM IST

कटिहार: जिले में पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने आईएएस छोड़ने के बाद एक कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में इलाके के विधायक सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया. आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने कार्यक्रम में लोगों को आईएएस छोड़ने के सीक्रेट बताये. उन्होंने कहा कि उनका कोई चुनावी मिशन नहीं बल्कि वह घूम-घूमकर लोगों से एनआरसी, कश्मीर और नागरिकता पर चर्चा कर रहे हैं.

'सरकार से सवाल पूछना बंद कर दिया'
कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद उन्होंने आईएएस छोड़ा था. क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद मुझे लगा वहां की जनता को मानव अधिकार और संवैधानिक अधिकार है. सरकार के ऊपर जो निर्णय लिया गया उस पर प्रतिकिया देने की. साथ ही कहा कि हमारा देश ऐसे चुप नहीं होता था. जिस तरीके से कश्मीर के ऊपर चुप हो गया. उन्होंने कहा कि जनता को लगा हमें बोलना नहीं चाहिए. यदि हम कोई भी सवाल उठाएंगे तो यह देश के खिलाफ होगा. इसलिये मीडिया, ज्यूडिशियरी, सिविल सोसाइटी और विपक्ष सभी चुप हो गये. उन्होंने बताया कि मुझे लगा यह सही नहीं है. इसी वजह से सरकार से सवाल पूछना बंद कर दिया. यह चुप्पी तोड़ना जरूरी है और इसी कारण मैंने इस्तीफा दिया.

कन्नन गोपीनाथन ने बताया आईएएस छोड़ने का राज

असम में 3 करोड़ की आबादी
कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि एनआरसी असम में लागू किया गया. एनआरसी से क्या मिला असम में यह काम 50 हजार कर्मचारियों की मदद से, 16 सौ रुपये खर्च करके किया गया. असम में सिर्फ 3 करोड़ लोगों की आबादी है. वहां इतने पैसे खर्च करके फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड लिस्ट निकालकर सरकार ने उसे रिजेक्ट कर दिया.

कटिहार: जिले में पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने आईएएस छोड़ने के बाद एक कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में इलाके के विधायक सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया. आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने कार्यक्रम में लोगों को आईएएस छोड़ने के सीक्रेट बताये. उन्होंने कहा कि उनका कोई चुनावी मिशन नहीं बल्कि वह घूम-घूमकर लोगों से एनआरसी, कश्मीर और नागरिकता पर चर्चा कर रहे हैं.

'सरकार से सवाल पूछना बंद कर दिया'
कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद उन्होंने आईएएस छोड़ा था. क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद मुझे लगा वहां की जनता को मानव अधिकार और संवैधानिक अधिकार है. सरकार के ऊपर जो निर्णय लिया गया उस पर प्रतिकिया देने की. साथ ही कहा कि हमारा देश ऐसे चुप नहीं होता था. जिस तरीके से कश्मीर के ऊपर चुप हो गया. उन्होंने कहा कि जनता को लगा हमें बोलना नहीं चाहिए. यदि हम कोई भी सवाल उठाएंगे तो यह देश के खिलाफ होगा. इसलिये मीडिया, ज्यूडिशियरी, सिविल सोसाइटी और विपक्ष सभी चुप हो गये. उन्होंने बताया कि मुझे लगा यह सही नहीं है. इसी वजह से सरकार से सवाल पूछना बंद कर दिया. यह चुप्पी तोड़ना जरूरी है और इसी कारण मैंने इस्तीफा दिया.

कन्नन गोपीनाथन ने बताया आईएएस छोड़ने का राज

असम में 3 करोड़ की आबादी
कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि एनआरसी असम में लागू किया गया. एनआरसी से क्या मिला असम में यह काम 50 हजार कर्मचारियों की मदद से, 16 सौ रुपये खर्च करके किया गया. असम में सिर्फ 3 करोड़ लोगों की आबादी है. वहां इतने पैसे खर्च करके फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड लिस्ट निकालकर सरकार ने उसे रिजेक्ट कर दिया.

Intro:.......आईएएस को बाय - बाय कहने के बाद कन्नन गोपीनाथन घूम - घूमकर लोगों को बता रहे हैं आईएएस छोड़ने के पीछे के सीक्रेट राज.....। बताया कोई चुनावी मैदान तैयार करने के लिये नहीं बल्कि एनआरसी , कश्मीर और नागरिकता पर लोगों से कर रहे हैं सीधा जनसंवाद......।


Body:कटिहार में 'मैंने आईएएस क्यों छोड़ा ' विषय पर भाग लेते हुए कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि कश्मीर से धारा - 370 हटाने के बाद जिस तरह से वहाँ की जनता के साथ लगा कि वहाँ मानवाधिकार और संवैधानिक अधिकार जनता को हैं , सरकार के ऊपर जो निर्णय लिया हैं , उसके ऊपर जिस तरह से हमारा देश ऐसे चुप नहीं होता या जिस तरह से कश्मीर के ऊपर चुप हो गया । हमें लगा कि हमें गलत भी लग रहा हो तो हमें बोलना नहीं चाहिये । यदि हम इसमें कोई भी सवाल उठायेंगे तो यह देश के खिलाफ सवाल उठायेंगे । इसलिये मीडिया भी चुप हो गयी , ज्यूडिशियरी को भी लगा कि नेशनल इंटरेस्ट के खिलाफ सवाल उठा रहे हैं , सिविल सोसाइटी भी चुप हो गयी , ओपीजिशन भी चुप हो गया , मुझे लग रहा था कि यह सही नहीं हैं। मुझे ही नहीं , कई सारे लोगों को लगा कि यह सही नहीं हैं , इसी वजह से सरकार से सवाल पूछना , किसी भी तरफ से सवाल उठाना बन्द कर दिया । यह चुप्पी तोड़ना जरूरी हैं और इसी कारण मैंने इस्तीफा दे दिया .....।
आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि एनआरसी असम में लागू किया गया , इसमें क्या सही हैं । एनआरसी से क्या मिला असम को.....। आपने यह काम , पचास हजार कर्मचारियों की मदद से , सोलह सौ रुपये खर्च करके , सिर्फ तीन करोड़ लोगों की आबादी हैं असम , वहाँ इतने पैसे खर्च करके , फर्स्ट लिस्ट निकालकर , सेकेंड लिस्ट निकालकर , थर्ड लिस्ट निकालकर , अब सरकार ने उसे रिजेक्ट कर दिया....। आखिर क्या मिला इतने पैसे खर्च करके , जनता के गाढ़ी कमाई के पैसे थे.....।


Conclusion:आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि उनका कोई चुनावी मिशन नहीं बल्कि वह घूम - घूमकर लोगों राय और उसे बता रहे हैं .....। इस कार्यक्रम में इलाके के कई विधायकों सहित सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया ......।
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