कटिहार: जिले में पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने आईएएस छोड़ने के बाद एक कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में इलाके के विधायक सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया. आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने कार्यक्रम में लोगों को आईएएस छोड़ने के सीक्रेट बताये. उन्होंने कहा कि उनका कोई चुनावी मिशन नहीं बल्कि वह घूम-घूमकर लोगों से एनआरसी, कश्मीर और नागरिकता पर चर्चा कर रहे हैं.
'सरकार से सवाल पूछना बंद कर दिया'
कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद उन्होंने आईएएस छोड़ा था. क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद मुझे लगा वहां की जनता को मानव अधिकार और संवैधानिक अधिकार है. सरकार के ऊपर जो निर्णय लिया गया उस पर प्रतिकिया देने की. साथ ही कहा कि हमारा देश ऐसे चुप नहीं होता था. जिस तरीके से कश्मीर के ऊपर चुप हो गया. उन्होंने कहा कि जनता को लगा हमें बोलना नहीं चाहिए. यदि हम कोई भी सवाल उठाएंगे तो यह देश के खिलाफ होगा. इसलिये मीडिया, ज्यूडिशियरी, सिविल सोसाइटी और विपक्ष सभी चुप हो गये. उन्होंने बताया कि मुझे लगा यह सही नहीं है. इसी वजह से सरकार से सवाल पूछना बंद कर दिया. यह चुप्पी तोड़ना जरूरी है और इसी कारण मैंने इस्तीफा दिया.
असम में 3 करोड़ की आबादी
कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि एनआरसी असम में लागू किया गया. एनआरसी से क्या मिला असम में यह काम 50 हजार कर्मचारियों की मदद से, 16 सौ रुपये खर्च करके किया गया. असम में सिर्फ 3 करोड़ लोगों की आबादी है. वहां इतने पैसे खर्च करके फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड लिस्ट निकालकर सरकार ने उसे रिजेक्ट कर दिया.