कटिहार(मिरचाईबाड़ी): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में विकास के भले ही लाख दावे कर लें, लेकिन जमीनी स्तर पर यह दावा खोखला है. सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय नल जल योजना में आदेश के बावजूद लोग अनुरक्षक के पद पर बहाली के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ऐसा तब है जब इस बाबत सरकार के आलाधिकारियों ने बहाली के लिए बाकायदा फरमान तक जारी कर दिया है.
कटिहार के सैकड़ों पंचायत वार्ड सचिवों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द अनुरक्षक के पद पर उनकी बहाली की जाए. पंचायत वार्ड सचिवों ने मिरचाईबाड़ी इलाके में एकजुट होकर अपनी मांग रखी. इस दौरान उन्होंने बैठक की साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
237 पंचायतों में यही हाल
जिले के 237 पंचायत के सभी पंचायत वार्ड सचिवों का यही हाल है. बताया जाता है कि छह महीने पहले सरकार के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने एक आदेश जारी किया था जिसमें सात निश्चय नल जल योजना में अनुरक्षक के पद पर स्थानीय पंचायत वार्ड सचिवों को तवज्जो देकर बहाल करने का आदेश था. सूबे के एक-दो जिलों के जिला पंचायत राज पदाधिकारियों ने बाकायदा इस पर अमल करते हुए वार्ड सचिवों को बहाल भी कर दिया. लेकिन कटिहार में ऐसा नहीं हुआ.
सचिवों ने बताई आपबीती
कटिहार जिला पंचायत वार्ड सचिव संघ के जिलाध्यक्ष कुमार अनुराग बताते हैं कि सात निश्चय नल जल योजना में वार्ड सचिवों की बहाली के आदेश काफी पहले ही आ चुके हैं. लेकिन कटिहार में अब तक ऐसा नहीं हो पाया है. इस बाबत जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जा चुका है. वहीं, कटिहार जिला पंचायत वार्ड सचिव संघ के उपाध्यक्ष विशाल कुमार बताते हैं कि बिहार सरकार के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा द्वारा ज्ञापक- 9प / प्र- 03-3055(खण्ड) 6126/पं.रा. पटना के द्वारा अनुरक्षक के पद पर बहाली के जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को यह आदेश किये गये थे. लेकिन अब तक बहाल नहीं किया जाना अधिकारियों की लापरवाही बताने के लिए काफी है.