कटिहार: कटिहार में बाढ़ (Katihar Flood) प्रभावित भगवान भरोसे हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि तस्वीरें बयां कर रही हैं क्योंकि जो सरकारी मदद बाढ़ प्रभावितों को दिये जा रहे हैं, वह नाकाफी (Insufficient) साबित हो रहे हैं. ऐसे में मन्दिर समिति द्वारा दिये जा रहे राहत सामग्री से लोगों के जीवन की गाड़ी आगे बढ़ रही है.
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जिले के कुर्सेला प्रखंड (Kursela Block) इलाके में राहत सामग्री लेने के लिये बाढ़ पीड़ितों के बीच मारामारी और धक्का मुक्की तक देखने को मिल रही है. राहत सामग्री वितरण के दौरान लोग एक दूसरे को धक्का देकर आगे निकलने की कोशिश भी कर रहे हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती दिखी. लेकिन लोगों के पास भीड़ में जाकर सामान लाने के सिवाय दूसरा और कोई विकल्प नहीं बचा है.
सामुदायिक रसोई में केवल एक टाइम खिचड़ी बनती है. वह भी सब को मिल नहीं पाता है. लगातार खिचड़ी खाने से तबीयत भी बिगड़ गयी है.- बुधनी देवी, बाढ़ पीड़ित
स्थानीय दुर्गा मंदिर पूजा समिति (Durga Temple Puja Committee) प्रबंधन के द्वारा यहां राहत सामग्री बांटी जा रही है. दरअसल राशन के लिए की जा रही मारामारी के पीछे सरकारी उदासीनता वजह है. लोगों तक सरकारी मदद नहीं पहुंच रही है और अगर कहीं कहीं मदद पहुंच भी जाए तो वो नाकाफी साबित हो रहे हैं.
कैसे जीये बाबू , सब कुछ डूब गया है. सरकार की ओर से अब तक सहायता के नाम पर कुछ नहीं मिला है. घर में खाने तक के लाले पड़ गए हैं.- कौशल्या देवी, बाढ़ पीड़ित
असली सेवा मानव सेवा है. दुर्गा पूजा समिति बाढ़ पीड़ितों के दर्द को देखते हुए सूखा राशन और अन्य जरूरत के सामानों का वितरण कर रही है.- मनोज जायसवाल, सचिव, दुर्गा मंदिर पूजा समिति, कुर्सेला
सुशासन बाबू का दावा है कि सरकार बाढ़ पीड़ितों की हर मुमकिन मदद करेगी और इसके लिये सामुदायिक रसोई (Community Kitchen) समेत अन्य सुविधा पीड़ितों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं. लेकिन कुर्सेला की इन तस्वीरों को देखकर समझा जा सकता है कि सरकारी दावे जमीन पर कम और कागज पर ज्यादा है.
कटिहार में बाढ़ से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. नेशनल हाइवे-31 इलाके का सबसे ऊंचा जगह माना जाता है. लेकिन बाढ़ से हालात ऐसे हुए की पानी कुर्सेला थाना में भी भर आया. अब इन्हीं बाढ़ के पानी में पुलिस के जवान रहने को विवश हैं. यहां तक की पुलिसकर्मियों को काम निपटाने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
जब भी गंगा नदी में उफान आता है तो बरारी इलाके में बाढ़ का पानी घुस जाता है. जिसके कारण खेत-खलिहान जलमग्न हो जाता है. कुर्सेला प्रखण्ड (Kursela Block) के शाहपुरधर्मी, पत्थर टोला, मधेली और समेली प्रखण्ड (Sameli Block) में नरहैया, टिकापट्टी, बखिया सुखाय में पूरी तरह बाढ़ का पानी भर गया है. इन सबके बीच बाढ़ पीड़ितों को सरकारी मदद के नाम पर कुछ भी नहीं मिल रहा जिसके कारण इनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं.
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