कटिहारः बिहार के कटिहार में मध्यान भोजन योजना (Mid Day Meal Scheme) की जांच करने पहुंचे डीएम उदयन मिश्रा अलग ही अंदाज में नजर आये. स्कुलों में चल रहे एमडीएम की जमीनी हकीकत जानने के लिए अधिकारियों की टीम कोढ़ा प्रखंड के रौतारा पंचायत (Rautara Panchayat) पहुंची थी. जहां एक स्कूल में जिलाधिकारी बच्चों के साथ जमीन पर पालथी मारकर बैठ गए और उसके बाद एमडीएम का स्वाद चखा. इस दौरान उन्होंने बच्चों से खाने के स्वाद के बारे में भी पूछा.
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डीएम ने कई स्कूलों का लिया जायजाः दरअसल डीएम उदयन मिश्रा समेत अन्य अधिकारियों की टीम स्कूलों में चल रहे मध्यान भोजन योजनाओं की जांच करने पहुंची थी. जहां डीएम ने स्कूल में घूम-घूमकर पढ़ाई की व्यवस्था और विभिन्न योजनाओं जायजा लिया. इस दौरान वो रौतारा अंतर्गत उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय भी पहुंचे, जहां उन्होंने क्लास के अंदर बच्चों से कई जानकारियां ली. साथ ही उन्होंने जमीन पर बैठकर बच्चों के साथ खाना खाया, जो उन्हें पसंद भी आया. इसके बाद डीएम ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका उर्मिला देवी से मध्याह्न भोजन और विद्यालय के रख-रखाव आदि के संबंध में जानकारी ली. उन्होंने मध्यान भोजन में मसाला का उपयोग कम करने की हिदायत भी दी.
'यह स्कूल का ही नहीं, पूरी पंचायत का निरीक्षण था. पूरे राज्य में यह हर बुधवार और गुरुवार को किया जाता है. स्कूल भ्रमण के क्रम में मिड डे मील का समय हो गया था. बच्चे कतारबद्ध होकर खा रहे थे, इसलिए मैं भी उनके साथ बैठ गया. खाना एक ऐसी चीज है, जिसे सिर्फ देख कर उसके स्वाद, गुणवत्ता और स्वच्छता को नहींं समझ सकता है. इसलिए उसे खाकर भी देखा. खाना बढ़िया था और गर्म था. खाने के बाद मैंने बच्चों से भी पूछा, उन्हें भी खाना पसंद आया'-उदयन मिश्रा, जिलाधिकारी
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14 बिंदुओं पर किया गया निरीक्षणः जिला पदाधिकारी उदयन मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर जिले के विभिन्न प्रखंडों में विभिन्न योजनाओं की जांच की जा रही है. 14 बिंदुओं पर निरीक्षण किया गया. प्रत्येक बुधवार और गुरुवार को इसकी रिपोर्ट आनलाइन सबमिट की जाती है. उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के बारे में भी जानकारी ली गई है. पढ़ाई की गुणवत्ता को भी हमने देखा. छोटे बच्चों से बोर्ड पर लिखवा कर देखा. उन्होंने कहा कि बच्चों की स्थिति अच्छी है, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम है.
डीएम का अंदाज है निरालाः आपको बता दें कि डीएम उदयन मिश्रा के औचक निरीक्षण करने का अंदाज ही निराला है. कभी वो क्लास में पीछे की बेंच पर बैठकर स्कूलों में पढ़ाई का जायजा लेने लगते हैं, तो कभी साइकिल से अचानक ऑफिस पहुंच जाते हैं. इस बार भी जब वो स्कूलों का जायजा लेने पहुंचे तो बड़े आराम से बच्चों के साथ जमीन पर बैठ गए और एमडीएम में बनने वाले भोजन को खाकर उसकी गुणवत्ता का पता लगाया.
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