ETV Bharat / state

कटिहार: 11 सूत्री मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर दिव्यांग, 22 महीने से नहीं मिला पेंशन

सचिव शिवशंकर रमानी ने कहा कि दिव्यांगों का यूनिक कार्ड होना चाहिए. कुष्ठ रोगियों को बीते  22 महीने से पेंशन भुगतान नहीं किया गया है. लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

author img

By

Published : Sep 20, 2019, 3:07 PM IST

भूख हड़ताल

कटिहार: जिला में दिव्यांग अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय के सामने दो दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि पेंशन बढ़ा दिया जाए, आयुष्मान कार्ड उनको उपलब्ध कराया जाए. जिसके चलते 11 हजार दिव्यांग अपनी आवाज को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंचाना चाहते हैं.

अपनी मांगों को लेकर दिव्यांग अनशन

400 रुपये मिलता है पेंशन
सचिव शिवशंकर रमानी ने कहा कि जिले में ग्यारह हजार से ज्यादा दिव्यांग हैं. लेकिन इनके सामने कई समस्याएं हैं. बिहार सरकार से मिलने वाला निशक्तता पेंशन 400 रुपये से आज महंगाई के दौर में कुछ नहीं होने वाला है. एक किलो चावल की कीमत कम से कम चालीस रुपये है. इसके साथ ही अन्य सामग्रियों को जोड़ें तो चार सौ रुपये तो एक ही दिन में खर्च हो जाते हैं. इसलिए हम सरकार से कम से कम दो हजार रुपये पेंशन लागू करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए अस्पताल से प्रमाणपत्र बनवाना टेढ़ी खीर है. क्योंकि कटिहार सदर अस्पताल में डॅाक्टरों की कमी है. उन्हें कागजात बनवाने के लिए भागलपुर भेज दिया जाता है. जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.

patna
दिव्यांग

22 महीने से पेंशन भुगतान नहीं
सचिव शिवशंकर रमानी का यह भी कहना है कि दिव्यांगों का यूनिक कार्ड होना चाहिए. कुष्ठ रोगियों को बीते 22 महीने से पेंशन भुगतान नहीं किया गया है. लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. दिव्यांगों ने कहा कि हमें तीन पहिया मोटर चालित साइकिल दिया जाए. ताकि हम उससे कहीं भी आ जा सके और हमें जाम में जूझना ना पड़े.

patna
भूख हड़ताल पर दिव्यांग

कटिहार: जिला में दिव्यांग अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय के सामने दो दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि पेंशन बढ़ा दिया जाए, आयुष्मान कार्ड उनको उपलब्ध कराया जाए. जिसके चलते 11 हजार दिव्यांग अपनी आवाज को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंचाना चाहते हैं.

अपनी मांगों को लेकर दिव्यांग अनशन

400 रुपये मिलता है पेंशन
सचिव शिवशंकर रमानी ने कहा कि जिले में ग्यारह हजार से ज्यादा दिव्यांग हैं. लेकिन इनके सामने कई समस्याएं हैं. बिहार सरकार से मिलने वाला निशक्तता पेंशन 400 रुपये से आज महंगाई के दौर में कुछ नहीं होने वाला है. एक किलो चावल की कीमत कम से कम चालीस रुपये है. इसके साथ ही अन्य सामग्रियों को जोड़ें तो चार सौ रुपये तो एक ही दिन में खर्च हो जाते हैं. इसलिए हम सरकार से कम से कम दो हजार रुपये पेंशन लागू करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए अस्पताल से प्रमाणपत्र बनवाना टेढ़ी खीर है. क्योंकि कटिहार सदर अस्पताल में डॅाक्टरों की कमी है. उन्हें कागजात बनवाने के लिए भागलपुर भेज दिया जाता है. जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.

patna
दिव्यांग

22 महीने से पेंशन भुगतान नहीं
सचिव शिवशंकर रमानी का यह भी कहना है कि दिव्यांगों का यूनिक कार्ड होना चाहिए. कुष्ठ रोगियों को बीते 22 महीने से पेंशन भुगतान नहीं किया गया है. लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. दिव्यांगों ने कहा कि हमें तीन पहिया मोटर चालित साइकिल दिया जाए. ताकि हम उससे कहीं भी आ जा सके और हमें जाम में जूझना ना पड़े.

patna
भूख हड़ताल पर दिव्यांग
Intro:......" सुनों सरकार , हम हैं शरीर से लाचार.....। अनाज के दाने हो गये हैं महँगे , चार सौ पेंशन से कैसे हो गुजारा.....दो हजार रुपये किये जायें....." यह फरियाद हैं कटिहार जिले के ग्यारह हजार दिव्यांगों की .....। दिव्यांगों ने अपनी आवाज को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुँचाने के लिये कटिहार समाहरणालय के सामने दो दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे हैं ....।


Body:यह तस्वीर कटिहार जिला पदाधिकारी के दफ्तर के सामने का हैं जहाँ कटिहार जिले के हजारों दिव्यांग अपनी ग्यारह सूत्री माँगों को लेकर भुख हड़ताल का आयोजन किया हैं । इस मौके पर सचिव शिवशंकर रमानी ने बताया कि कटिहार जिले के ग्यारह हजार से ज्यादा दिव्यांग हैं लेकिन इनके सामने कई समस्याएँ हैं । बिहार सरकार के द्वारा मिलने वाला निशक्तता पेंशन के चार सौ रुपये से आज महँगाई के दौर में कुछ भी नही होता....। एक किलों चावल की कीमत कम से कम चालीस रुपये हैं और इसके साथ अन्य सामग्रियों को जोड़ें तो चार सौ रुपये तो एक ही दिन में खर्च हो जाते है इसलिये हम सरकार से कम से कम दो हजार रुपये पेंशन लागू करने की माँग करते हैं । उन्होंने बताया कि मूक , बधिर और मानसिक दिव्यांगों के लिये तो अस्पताल से प्रमाणपत्र बनवाना टेढ़ी खीर हैं क्योंकि कटिहार सदर अस्पताल में इस तरह के चिकित्सकों की कमी हैं लिहाजा उन्हें कागजात बनवाने के लिये भागलपुर भेज दिया जाता हैं , जो एक बड़ी समस्या हैं । सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिये । उन्होनें बताया कि सभी दिव्यांगों का यूनिक कार्ड होना चाहिये । कुष्ठ रोगियों को बीते बाइस माह से पेंशन भुगतान नहीं किया गया हैं , इसपर सरकार को सोचना चाहिये । दिव्यांग लोको ने बताया कि दिव्यांगों को मोटरचालित तिपहिया साइकिल प्रदान किया जाय जिससे हमेशा जाम से जूझने वाले कटिहार शहर में दिव्यांगों की परेशानी कम हो सकें.......।


Conclusion:यह तो सच हैं कि आज के दौर में चार सौ रुपये पेंशन से , शरीर से लाचार इन दिव्यांगों का क्या होगा । महँगाई के इस दौर में पेंशन की यह राशि ऊँट के मुँह में जीरे के समान हैं और शरीर से लाचार इन दिव्यांगों को आमदनी के कोई साधन भी नहीं हैं लेकिन यह भी सच हैं कि दिव्यांगों के इस माँग से राज्य सरकार पर अतिरिक्त करोड़ों रुपये का भार बढ़ेगा । ऐसे में देखने वाली बात होगी कि दिव्यांगों के इस माँगों पर सरकार का फैसला लेती हैं .....।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.