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कटिहार: अस्पताल प्रशासन की लापरवाही, सही समय पर इलाज नहीं मिलने से 2 बच्चों तोड़ा दम - बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल

स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का खामियाजा इस बार 2 बच्चों को भुगतना पड़ा. कर्मियों की अनदेखी के कारण दोनों की जान चली गई.

इलाज के अभाव में मौत
इलाज के अभाव में मौत
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Published : May 3, 2020, 1:08 PM IST

Updated : May 3, 2020, 4:47 PM IST

कटिहार: प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाएं इस कदर लचर है कि आए दिन किसी न किसी की जान पर बन आती है. ताजा मामला कटिहार से सामने आया है. सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में दो बच्चों की मौत हो गई है.

जानकारी के मुताबिक पहले मामले में डॉक्टरों और नर्सों की लापरवाही के कारण बच्ची को सही समय पर इलाज मुहैया नहीं हो सका, जिस कारण उसने दम तोड़ दिया. वहीं, दूसरे मामले में एक प्रसूता के गर्भ में बच्चे की मौत हो गई. परिजनों की मानें तो स्वास्थ्यकर्मी रुपयों की डिमांड कर रहे थे और उन्होंने प्रसूता को भर्ती नहीं किया.

व्यस्त थे डॉक्टर और नर्स
पहला मामला जिले के सोनैली के कटिंया गांव का है. जहां मजदूरी कर अपने परिवार का गुजर-बसर करने वाले शंकर राय की 6 वर्षीय बच्ची को तेज बुखार हुआ था. इसके बाद उन्होंने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन, डॉक्टर और नर्स व्यस्त थे. जब बच्ची की हालत और खराब होने लगी तब भी उन्होंने उसका इलाज करना मुनासिब नहीं समझा. जिस कारण इलाज के अभाव में बच्ची की मौत हो गई.

'कई बार मिन्नत करने के बाद भी नहीं आई नर्स'
परिजनों का आरोप है कि देर रात जब बच्ची का तबीयत खराब होने लगी तो उन्होंने नर्स के पास पहुंचकर बच्ची के इलाज के लिए काफी मिन्नतें की. लेकिन, सभी नर्स कमरा बंद कर सो रही थी. नर्स ने कहा डॉक्टर नहीं हैं, इसलिए इलाज नहीं होगा. सुबह होने पर जब बच्ची की मौत हो गई थी तो लोगों ने हंगामा करना शुरू किया. जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने मरी हुई बच्ची को हायर सेंटर रेफर कर दिया.

देखें रिपोर्ट

प्रसूता को नहीं दिया बेड
वहीं, अन्य मामले में शहर के मिर्चाईबारी इलाके के रहने वाले एक परिवार ने बताया कि वे पिछले 3 दिनों से वे प्रसूता को लेकर अस्पताल आ रहे थे. लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से बार-बार बेड खाली ना होने की बात कह कर लौटा दिया जा रहा था. स्वास्थ्यकर्मी पैसे की डिमांड कर रहे थे. उन्होंने प्रसूता को एडमिट नहीं किया, जिस कारण गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई.

अस्पताल प्रबंधन का रटा-रटाया जवाब
बता दें कि जब इस पूरे मामले पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक आरएन पंडित से बात की गई तो उन्होंने रटा-रटाया जवाब दिया. उन्होंने बताया कि एक बच्चे की मौत की सूचना हमें मिली है, उसे सीने में इंफेक्शन था. इंफेक्शन कंट्रोल नहीं हो सका इस कारण उसकी मौत हो गई. वहीं, दूसरे मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत आएगी तो वे कार्रवाई कराएंगे.

कटिहार: प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाएं इस कदर लचर है कि आए दिन किसी न किसी की जान पर बन आती है. ताजा मामला कटिहार से सामने आया है. सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में दो बच्चों की मौत हो गई है.

जानकारी के मुताबिक पहले मामले में डॉक्टरों और नर्सों की लापरवाही के कारण बच्ची को सही समय पर इलाज मुहैया नहीं हो सका, जिस कारण उसने दम तोड़ दिया. वहीं, दूसरे मामले में एक प्रसूता के गर्भ में बच्चे की मौत हो गई. परिजनों की मानें तो स्वास्थ्यकर्मी रुपयों की डिमांड कर रहे थे और उन्होंने प्रसूता को भर्ती नहीं किया.

व्यस्त थे डॉक्टर और नर्स
पहला मामला जिले के सोनैली के कटिंया गांव का है. जहां मजदूरी कर अपने परिवार का गुजर-बसर करने वाले शंकर राय की 6 वर्षीय बच्ची को तेज बुखार हुआ था. इसके बाद उन्होंने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन, डॉक्टर और नर्स व्यस्त थे. जब बच्ची की हालत और खराब होने लगी तब भी उन्होंने उसका इलाज करना मुनासिब नहीं समझा. जिस कारण इलाज के अभाव में बच्ची की मौत हो गई.

'कई बार मिन्नत करने के बाद भी नहीं आई नर्स'
परिजनों का आरोप है कि देर रात जब बच्ची का तबीयत खराब होने लगी तो उन्होंने नर्स के पास पहुंचकर बच्ची के इलाज के लिए काफी मिन्नतें की. लेकिन, सभी नर्स कमरा बंद कर सो रही थी. नर्स ने कहा डॉक्टर नहीं हैं, इसलिए इलाज नहीं होगा. सुबह होने पर जब बच्ची की मौत हो गई थी तो लोगों ने हंगामा करना शुरू किया. जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने मरी हुई बच्ची को हायर सेंटर रेफर कर दिया.

देखें रिपोर्ट

प्रसूता को नहीं दिया बेड
वहीं, अन्य मामले में शहर के मिर्चाईबारी इलाके के रहने वाले एक परिवार ने बताया कि वे पिछले 3 दिनों से वे प्रसूता को लेकर अस्पताल आ रहे थे. लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से बार-बार बेड खाली ना होने की बात कह कर लौटा दिया जा रहा था. स्वास्थ्यकर्मी पैसे की डिमांड कर रहे थे. उन्होंने प्रसूता को एडमिट नहीं किया, जिस कारण गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई.

अस्पताल प्रबंधन का रटा-रटाया जवाब
बता दें कि जब इस पूरे मामले पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक आरएन पंडित से बात की गई तो उन्होंने रटा-रटाया जवाब दिया. उन्होंने बताया कि एक बच्चे की मौत की सूचना हमें मिली है, उसे सीने में इंफेक्शन था. इंफेक्शन कंट्रोल नहीं हो सका इस कारण उसकी मौत हो गई. वहीं, दूसरे मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत आएगी तो वे कार्रवाई कराएंगे.

Last Updated : May 3, 2020, 4:47 PM IST
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