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कटिहार के लाल शुभम की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, 'शहीद शुभम अमर रहे' के लगे नारे

मणिपुर लैंडस्लाइड में शहीद हुए बिहार के कटिहार के लाल शहीद शुभम कुमार ((Shubham martyred in Manipur landslide)) का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पर लाया गया. उनका शव जैसे ही तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचा. यहां बड़ी संख्या में आसपास के कई गांवों के लोग उमड़ पड़े.

कटिहार के लाल शुभम की अंतिम यात्रा
कटिहार के लाल शुभम की अंतिम यात्रा
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Published : Jul 5, 2022, 12:42 PM IST

Updated : Jul 5, 2022, 1:03 PM IST

कटिहारः मणिपुर में भूस्खलन के दौरान शहीद हुए कटिहार के लाल शुभम उर्फ सनी (Last Rites of martyr Shubham of Katihar) का पार्थिव शरीर आज कटिहार के बारसोई गांव पहुंचा. जहां सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने उन्हें नम आखों से श्रद्धांजलि दी. शुभम का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके आवास पहुंचा, 'वहां वंदे मातरम' 'भारत माता की जय ' और ' शहीद शुभम अमर रहे ' के नारे लगने लगे. इस दौरान अपने लाल के शव को देखकर परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था. बारसोई गांव से ही पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.

ये भी पढ़ेंः बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

सैनिक सम्मान के साथ हुआ शुभम का अंतिम संस्कारः शहीद शुभम के अंतिम विदाई के समय परिजनों, ग्रामीणों के अलावा सेना के जवान भी मौजूद थे. शुभम के अंतिम संस्कार की रस्में पूरे सैनिक सम्मान के साथ पूरी की गईं. अंतिम संस्कार से पहले शुभम के पार्थिव शरीर पर परिजन, ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन के अलावा सेना के जवानों ने पुष्पांजलि अर्पित की. इस मौके पर गोरखा रेजीमेंट के मेजर रंजीत ने कहा कि ' शुभम राष्ट्र का सच्चा बेटा था और एक फौजी होने के नाते मैं उन्हें सैल्यूट करता हूं.

ये भी पढ़ेंः बिहार के लाल शहीद रामानुज यादव पंचतत्व में विलीन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

गोरखा रेजिमेंट के कई जवान हुए शहीद : आपको बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कई दिनों से हो रही बारिश आफत बन के आई है. जिससे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. 1 जुलाई को राज्य के नोनी जिले में 107 टेरिटोरियल आर्मी कैंप भूस्खलन की चपेट में आ गया था, जो टुपुल रेलवे स्टेशन के पास था. इस हादसे में गोरखा रेजिमेंट के 20 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे, जिसमें बिहार के शुभम भी शामिल थे.

कटिहारः मणिपुर में भूस्खलन के दौरान शहीद हुए कटिहार के लाल शुभम उर्फ सनी (Last Rites of martyr Shubham of Katihar) का पार्थिव शरीर आज कटिहार के बारसोई गांव पहुंचा. जहां सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने उन्हें नम आखों से श्रद्धांजलि दी. शुभम का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके आवास पहुंचा, 'वहां वंदे मातरम' 'भारत माता की जय ' और ' शहीद शुभम अमर रहे ' के नारे लगने लगे. इस दौरान अपने लाल के शव को देखकर परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था. बारसोई गांव से ही पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.

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सैनिक सम्मान के साथ हुआ शुभम का अंतिम संस्कारः शहीद शुभम के अंतिम विदाई के समय परिजनों, ग्रामीणों के अलावा सेना के जवान भी मौजूद थे. शुभम के अंतिम संस्कार की रस्में पूरे सैनिक सम्मान के साथ पूरी की गईं. अंतिम संस्कार से पहले शुभम के पार्थिव शरीर पर परिजन, ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन के अलावा सेना के जवानों ने पुष्पांजलि अर्पित की. इस मौके पर गोरखा रेजीमेंट के मेजर रंजीत ने कहा कि ' शुभम राष्ट्र का सच्चा बेटा था और एक फौजी होने के नाते मैं उन्हें सैल्यूट करता हूं.

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गोरखा रेजिमेंट के कई जवान हुए शहीद : आपको बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कई दिनों से हो रही बारिश आफत बन के आई है. जिससे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. 1 जुलाई को राज्य के नोनी जिले में 107 टेरिटोरियल आर्मी कैंप भूस्खलन की चपेट में आ गया था, जो टुपुल रेलवे स्टेशन के पास था. इस हादसे में गोरखा रेजिमेंट के 20 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे, जिसमें बिहार के शुभम भी शामिल थे.

Last Updated : Jul 5, 2022, 1:03 PM IST
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