कटिहार: 22 वर्षों तक भारतीय सेना में नौकरी कर देश की रक्षा करने वाले उदय शंकर वर्मा रिटायरमेंट के बाद अपने सपनों को साकार करने में लगे हैं. वह अपने गांव हफलागंज में वैज्ञानिक तरीके से आम की बागवानी कर रहे हैं. इसके अलावा उदय शंकर मखाना, धान, गेहूं, मक्का और सब्जियों की भी खेती करते हैं.
कर्नल उदय शंकर में आम के बागानों को नए शक्ल देने के लिए जिले के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट में संपर्क किया. इसके बाद वैज्ञानिक तरीके से बागान को फलों के उत्पादन के लिए तैयार किया. उन्होंने आम के पुराने पेड़ों को जड़ से 8 फीट ऊपर पूरी तरह से काट डाला. अब यह पेड़ नए मंजर के साथ पल्लवित हो रहे हैं. आगामी सालों में ये फल भी देने लगेंगे.
वैज्ञानिक तरीके से आम की बागवानी
उन्होंने कहा कि पैतृक संपत्ति को सुरक्षित के साथ उपजाऊ बनाना लोगों का दायित्व होता है. यही वजह है कि वो दिल्ली में अपना मकान छोड़कर गांव आकर खेती कर रहे हैं. वह मेट्रो लाइफ के चकाचौंध से दूर किसानी जिंदगी को अपनाकर काफी खुश हैं. उनका एक सपना है. वह अपने गांव को रत्नागिरी और जूनागढ़ में तब्दील करना चाहते हैं जहां भारी मात्रा में आम का उत्पादन होता है.
अपने गांव को जामनगर बनाने का है सपना
कर्नल उदय शंकर ने सेना से रिटायर होने के बाद रिलायंस कंपनी में 18 वर्ष गुजारा. वह इस इलाके को जामनगर में भी तब्दील करना चाहते हैं क्योंकि जामनगर में रिलायंस कंपनी ने लखीबाग लगाया है जहां तकरीबन डेढ़ लाख पेड़ लगाएं हैं. इनमें 123 किस्म के आम के पेड़ हैं. उनका कहना है कि बगीचे की हमेशा देर रेख करनी चाहिय़े तभी वो हर साल फल देगा.
1980 में लिया था सेना में दाखिला
बता दें कि उदय शंकर ने हफलागंज गांव में प्रारंभिक शिक्षा के बाद सैनिक स्कूल से मैट्रिक तक की शिक्षा हासिल की. 1980 में उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी में तालीम हासिल करने के बाद भारतीय सेना ज्वाइन किया था. उसके बाद विभिन्न पदों पर रहते हुए वो कर्नल पद से रिटायर हुए.