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लॉकडाउन का असर: चारा की बढ़ी कीमत और दूध का उचित मूल्य नहीं मिलने से परेशान हैं पशुपालक

लॉकडाउन ने राज्य के पशुपालकों की परेशानी बढ़ा दी है. उनके सामने इस समय चारा महंगा होना और दूध बिक्री को लेकर जैसी कई विकट परिस्थितियां हैं. जिस कारण पशुपालक अपने पशुओं को औसत मात्रा से काफी कम लगभग आधे पेट चारे का ही इंतजाम कर पा रहे हैं.

लॉकडाउन में परेशान पशुपालक
लॉकडाउन में परेशान पशुपालक
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Published : Apr 19, 2020, 1:51 PM IST

कटिहार: कोरोना वायरस संक्रमण ने दुनिया भर में कोहराम मचाया हुआ है. महामारी के कारण देशभर में एहतियात के तौर पर लॉकडाउन जारी है. इस वजह से बिहार के पशुपालकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण पशु आहार में बेतहाशा वृद्धि हुई है. साथ ही मार्केट बंद होने के कारण दूध की बिक्री भी काफी प्रभावित हुई है.

लॉकडाउन ने राज्य के पशुपालकों की परेशानी बढ़ा दी है. उनके सामने इस समय चारा महंगा होना और दूध बिक्री को लेकर जैसी कई विकट परिस्थितियां हैं. जिस कारण पशुपालक अपने पशुओं को औसत मात्रा से काफी कम लगभग आधे पेट चारे का ही इंतजाम कर पा रहे हैं. इसका सीधा असर पशुओं पर पड़ रहा है. इस वजह से पशुपालकों के आय का मुख्य स्त्रोत पशुओं के दूध और दूध के उचित मूल्य में कमी आ गई है.

लॉकडाउन का असर
पशु चारा की किल्लत

औने-पौने दामों पर ही बिक रहा है दूध
जानकारी के मुताबिक, पशु चारा और आहार बेचने वाले दुकानदार चारा उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर चारा दुगने कीमतों पर बेच रहे हैं. जिस वजह से पशुपालकों को चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. साथ ही लॉकडाउन में बाजार बंद होने के कारण पशुपालकों को दूध बिक्री में भी परेशानी आ रही है. मजबूरी वश उनकों दूध औने-पौने दामों पर ही बेचना पड़ रहा है.

पशु आहार और दूध के उचित मूल्य की समस्या
कटिहार के वर्मा कॉलोनी के पशुपालक शिव शंकर महतो बताते हैं लॉकडाउन के कारण चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. मुश्किल से अगर मिल भी रहा है, तो लोग दुगुनी कीमतों पर पशु चारा बेच रहे हैं. ऐसे में हम गरीब पशुपालक ऊंचे कीमतों पर चारा नहीं खरीद पा रहे हैं. जानवरों का पेट नहीं भर पाने के कारण जानवरों ने दूध में कमी कर दी है. साथ ही शहर में होटल, दुकान नहीं खुलने से दूध का उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पशुपालन विभाग का दावा
जिले में पशु चारा की कमी और ऊंचे कीमतों पर मिल रहे पशु चारा के सवाल पर जिले के पशुपालन पदाधिकारी डॉ. श्रवन कुमार साह ने बताया जिले में पशु चारा की कोई कमी नहीं है. ऊंचे कीमतों पर पशु चारा बेच रहे लोगों की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन की ओर से उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं पशुपालन विभाग की ओर से पशुपालकों को पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

'जिले में पशु आहार की कोई किल्लत नहीं'
पशुपालन पदाधिकारी ने आगे बताया कि घूम-घूमकर भी शहरों में सरकार द्वारा चारा बांटा भी जा रहा है. इतना ही नहीं जिले में सरकारी निर्देशानुसार सप्लायरों की ओर से भी 700 रुपया प्रति क्विंटल के हिसाब से चारा भी बेचा जा रहा है. साथ ही उन्होंने दुहराते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चारा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. जिले में चारा की कोई किल्लत नहीं है.

सरकारी मदद की पशुपालकों की आस
गौरतलब है कि जिले में अधिकांश लोग पशुपालन कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं. लेकिन जिले में कभी बाढ़ तो कभी पशुओं की बीमारी के कारण पशुपालक आये दिन परेशान ही रहते हैं. इसी क्रम में अब कोरोना महामारी ने भी उन्हें बदहाल कर दिया है. वहीं, मामले में सरकारी मदद की आस लगाए पशुपालकों ने कहा कि ऐसे परिस्थिति में आर्थिक मदद मिल जाय तो हमारी स्थिति थोड़ी बेहतर हो जाएगी.

कटिहार: कोरोना वायरस संक्रमण ने दुनिया भर में कोहराम मचाया हुआ है. महामारी के कारण देशभर में एहतियात के तौर पर लॉकडाउन जारी है. इस वजह से बिहार के पशुपालकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण पशु आहार में बेतहाशा वृद्धि हुई है. साथ ही मार्केट बंद होने के कारण दूध की बिक्री भी काफी प्रभावित हुई है.

लॉकडाउन ने राज्य के पशुपालकों की परेशानी बढ़ा दी है. उनके सामने इस समय चारा महंगा होना और दूध बिक्री को लेकर जैसी कई विकट परिस्थितियां हैं. जिस कारण पशुपालक अपने पशुओं को औसत मात्रा से काफी कम लगभग आधे पेट चारे का ही इंतजाम कर पा रहे हैं. इसका सीधा असर पशुओं पर पड़ रहा है. इस वजह से पशुपालकों के आय का मुख्य स्त्रोत पशुओं के दूध और दूध के उचित मूल्य में कमी आ गई है.

लॉकडाउन का असर
पशु चारा की किल्लत

औने-पौने दामों पर ही बिक रहा है दूध
जानकारी के मुताबिक, पशु चारा और आहार बेचने वाले दुकानदार चारा उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर चारा दुगने कीमतों पर बेच रहे हैं. जिस वजह से पशुपालकों को चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. साथ ही लॉकडाउन में बाजार बंद होने के कारण पशुपालकों को दूध बिक्री में भी परेशानी आ रही है. मजबूरी वश उनकों दूध औने-पौने दामों पर ही बेचना पड़ रहा है.

पशु आहार और दूध के उचित मूल्य की समस्या
कटिहार के वर्मा कॉलोनी के पशुपालक शिव शंकर महतो बताते हैं लॉकडाउन के कारण चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. मुश्किल से अगर मिल भी रहा है, तो लोग दुगुनी कीमतों पर पशु चारा बेच रहे हैं. ऐसे में हम गरीब पशुपालक ऊंचे कीमतों पर चारा नहीं खरीद पा रहे हैं. जानवरों का पेट नहीं भर पाने के कारण जानवरों ने दूध में कमी कर दी है. साथ ही शहर में होटल, दुकान नहीं खुलने से दूध का उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पशुपालन विभाग का दावा
जिले में पशु चारा की कमी और ऊंचे कीमतों पर मिल रहे पशु चारा के सवाल पर जिले के पशुपालन पदाधिकारी डॉ. श्रवन कुमार साह ने बताया जिले में पशु चारा की कोई कमी नहीं है. ऊंचे कीमतों पर पशु चारा बेच रहे लोगों की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन की ओर से उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं पशुपालन विभाग की ओर से पशुपालकों को पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

'जिले में पशु आहार की कोई किल्लत नहीं'
पशुपालन पदाधिकारी ने आगे बताया कि घूम-घूमकर भी शहरों में सरकार द्वारा चारा बांटा भी जा रहा है. इतना ही नहीं जिले में सरकारी निर्देशानुसार सप्लायरों की ओर से भी 700 रुपया प्रति क्विंटल के हिसाब से चारा भी बेचा जा रहा है. साथ ही उन्होंने दुहराते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चारा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. जिले में चारा की कोई किल्लत नहीं है.

सरकारी मदद की पशुपालकों की आस
गौरतलब है कि जिले में अधिकांश लोग पशुपालन कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं. लेकिन जिले में कभी बाढ़ तो कभी पशुओं की बीमारी के कारण पशुपालक आये दिन परेशान ही रहते हैं. इसी क्रम में अब कोरोना महामारी ने भी उन्हें बदहाल कर दिया है. वहीं, मामले में सरकारी मदद की आस लगाए पशुपालकों ने कहा कि ऐसे परिस्थिति में आर्थिक मदद मिल जाय तो हमारी स्थिति थोड़ी बेहतर हो जाएगी.

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