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कटिहार रेल पुलिस का अमानवीय चेहरा.. शव को रिक्शा पर लादकर ले गए अस्पताल

कटिहार रेल पुलिस को हर साल लाखों रुपये का बजट मिलता है. लेकिन शव को रिक्शे पर ले जाना सिस्टम की पोल खोलता है. सुविधाओं के नाम पर लाखों रुपये पानी की तरह खर्च किये जाते हैं तो ऐसे में एक व्यक्ति के शव को मवेशी की लाश की तरह रिक्शा पर ले जाना संवेदनहीनता नहीं तो क्या है...

कटिहार में शव को रिक्शा में लादकर कराया पोस्टमार्टम
कटिहार में शव को रिक्शा में लादकर कराया पोस्टमार्टम
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Published : Aug 21, 2022, 10:22 PM IST

कटिहार: बिहार के कटिहार में रेल पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है. दरअसल, बरौनी रेलखंड के आउटर सिग्नल पर एक व्यक्ति की ट्रेन से कटने से मौत (Man Died After Hit By Train) हो गयी थी. जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. अब इसे रेल पुलिस की संवेदनहीनता कहे या लापरवाही, शव को एम्बुलेंस के बजाए रिक्शा पर लादकर पोस्टमार्टम हाउस (Dead Body On Rickshaw In Katihar) भेजा गया. जब यह मामला उजागर हुआ तो अब रेल अधिकारी पल्ला झाड़ने में जुटे हैं.

यह भी पढ़ें: बिहार के स्वास्थ्य का हाल: तीन दिनों तक अस्पताल में पड़ा रहा शव


रेल पुलिस की अमानवीय चेहरा: जानकारी के मुताबिक पूरा मामला कटिहार रेलवे जंक्शन (Katihar Railway Station) के समीप का है. बरौनी रेलखंड के आउटर सिग्नल पर एक व्यक्ति की ट्रेन से कटने से मौत हो गयी. कटिहार जीआरपी पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताकर शव का पोस्टमार्टम कराने सदर अस्पताल भेजने का निर्णय किया गया. लेकिन शव को किसी वाहन पर ले जाने के बजाए मवेशियों के शव की तरह रिक्शे पर लाद दिया गया. इसके बाद मृतक के परिजनों ने जैसे-तैसे किसी तरह एक चादर में शव को लपेटा और ले गए.

"शव को चादर में बांधकर किसी तरह से सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए गए. ना तो कोई एम्बुलेंस मिला और ना ही कोई सहारा. अस्पताल से घर भी शव को रिक्शा में लादकर लाए है" -कैलाश सहनी, मृतक का परिजन

जीआरपी जवान शव को छोड़ हुए फरार: पोस्टमार्टम के बाद शव को फिर से उसी रिक्शे लादकर जीआरपी जवान वहां से फरार हो गए. जब यह मामला उजागर हुआ तो अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते नजर आए. मृतक के परिजन कैलाश सहनी बताते हैं कि ना तो कोई एम्बुलेंस मिला और ना ही कोई सहारा. किसी तरह शव को सदर अस्पताल लेकर गए. वहीं कटिहार रेल जीआरपी थानाध्यक्ष ज्योति भूषण (Katihar Rail SHO Jyoti bhushan) ने इस मामले पर सिर्फ इतना ही कहा कि जांच करायी जा रही है.

कटिहार: बिहार के कटिहार में रेल पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है. दरअसल, बरौनी रेलखंड के आउटर सिग्नल पर एक व्यक्ति की ट्रेन से कटने से मौत (Man Died After Hit By Train) हो गयी थी. जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. अब इसे रेल पुलिस की संवेदनहीनता कहे या लापरवाही, शव को एम्बुलेंस के बजाए रिक्शा पर लादकर पोस्टमार्टम हाउस (Dead Body On Rickshaw In Katihar) भेजा गया. जब यह मामला उजागर हुआ तो अब रेल अधिकारी पल्ला झाड़ने में जुटे हैं.

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रेल पुलिस की अमानवीय चेहरा: जानकारी के मुताबिक पूरा मामला कटिहार रेलवे जंक्शन (Katihar Railway Station) के समीप का है. बरौनी रेलखंड के आउटर सिग्नल पर एक व्यक्ति की ट्रेन से कटने से मौत हो गयी. कटिहार जीआरपी पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताकर शव का पोस्टमार्टम कराने सदर अस्पताल भेजने का निर्णय किया गया. लेकिन शव को किसी वाहन पर ले जाने के बजाए मवेशियों के शव की तरह रिक्शे पर लाद दिया गया. इसके बाद मृतक के परिजनों ने जैसे-तैसे किसी तरह एक चादर में शव को लपेटा और ले गए.

"शव को चादर में बांधकर किसी तरह से सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए गए. ना तो कोई एम्बुलेंस मिला और ना ही कोई सहारा. अस्पताल से घर भी शव को रिक्शा में लादकर लाए है" -कैलाश सहनी, मृतक का परिजन

जीआरपी जवान शव को छोड़ हुए फरार: पोस्टमार्टम के बाद शव को फिर से उसी रिक्शे लादकर जीआरपी जवान वहां से फरार हो गए. जब यह मामला उजागर हुआ तो अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते नजर आए. मृतक के परिजन कैलाश सहनी बताते हैं कि ना तो कोई एम्बुलेंस मिला और ना ही कोई सहारा. किसी तरह शव को सदर अस्पताल लेकर गए. वहीं कटिहार रेल जीआरपी थानाध्यक्ष ज्योति भूषण (Katihar Rail SHO Jyoti bhushan) ने इस मामले पर सिर्फ इतना ही कहा कि जांच करायी जा रही है.

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