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नीतीश मंत्रिमंडल में विभाग बदले जाने से नाराज हैं BJP कोटे के कैबिनेट मंत्री, बोले- नहीं दी गई सूचना

करीब दो साल मंत्री रहने के बाद विनोद कुमार सिंह का दावा है कि उन्होंने खान एवं भूतत्व विभाग को कमाऊ विभाग के रूप में राज्य में स्थापित किया.

विनोद कुमार सिंह, मंत्री, बिहार सरकार
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Published : Jun 6, 2019, 9:25 AM IST

कटिहारः नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में बीजेपी खेमे के कैबिनेट मंत्री विनोद कुमार सिंह नाराज हैं. वजह ये है कि रातों-रात बिना बताए हुए, मेहनत से संवारे गये उनके विभाग को बदल दिया गया. उन्हें इसकी जानकारी टेलीविजन की खबरों से मिली. खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री अब दिल के दर्द को छुपाकर नये विभाग को संवारेंगे. उन्हें अब पिछड़ा और अति पिछड़ा विभाग का मंत्री बनाया गया है.

दो साल खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री रहे
बिहार के नवनियुक्त पिछड़ा और अति पिछड़ा मंत्री विनोद कुमार सिंह कटिहार के प्राणपुर इलाके से बीजेपी खेमे के विधानसभा सदस्य हैं. जुलाई 2017 में सूबे में जब बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की पहली बार सरकार बनी तो इन्हें खान एवं भूतत्व विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया. करीब दो साल मंत्री रहने के बाद इनका दावा है कि उन्होंने खान एवं भूतत्व विभाग को कमाऊ विभाग के रूप में राज्य में स्थापित किया.

विनोद कुमार सिंह, मंत्री, बिहार सरकार

बालू माफियाओं पर कसी नकेल
बालू माफियाओं के चंगुल से इस विभाग को मुक्ति दिलाई और नतीजा यह हुआ कि राजस्व काफी बढ़ गया. लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद जब केन्द्रीय मंत्रिमंडल से जेडीयू ने खुद के प्रतिनिधित्व से किनारा कर लिया तो अचानक बिहार मंत्रिमंडल में बदलाव किये गये और उनके विभाग को भी बिना बताए एक झटके में बदल दिया गया.

बीजेपी के मंत्रियों का कम हुआ कद
यह अंदरखाने की बात है कि खान एवं भूतत्व विभाग की तुलना में पिछड़ा और अतिपिछड़ा विभाग का मंत्री बनाना प्रमोशन नहीं बल्कि डिमोशन है. माइंस डिपार्टमेंट कमाऊ और क्रीमी विभाग माना जाता है. इसे दूसरे शब्दों में समझें तो केन्द्रीय मंत्रिमंडल से जेडीयू के किनाराकशी करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीजेपी मंत्रियों के कद कम करने वाले कदम हैं. जिसका असर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है.

कटिहारः नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में बीजेपी खेमे के कैबिनेट मंत्री विनोद कुमार सिंह नाराज हैं. वजह ये है कि रातों-रात बिना बताए हुए, मेहनत से संवारे गये उनके विभाग को बदल दिया गया. उन्हें इसकी जानकारी टेलीविजन की खबरों से मिली. खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री अब दिल के दर्द को छुपाकर नये विभाग को संवारेंगे. उन्हें अब पिछड़ा और अति पिछड़ा विभाग का मंत्री बनाया गया है.

दो साल खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री रहे
बिहार के नवनियुक्त पिछड़ा और अति पिछड़ा मंत्री विनोद कुमार सिंह कटिहार के प्राणपुर इलाके से बीजेपी खेमे के विधानसभा सदस्य हैं. जुलाई 2017 में सूबे में जब बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की पहली बार सरकार बनी तो इन्हें खान एवं भूतत्व विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया. करीब दो साल मंत्री रहने के बाद इनका दावा है कि उन्होंने खान एवं भूतत्व विभाग को कमाऊ विभाग के रूप में राज्य में स्थापित किया.

विनोद कुमार सिंह, मंत्री, बिहार सरकार

बालू माफियाओं पर कसी नकेल
बालू माफियाओं के चंगुल से इस विभाग को मुक्ति दिलाई और नतीजा यह हुआ कि राजस्व काफी बढ़ गया. लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद जब केन्द्रीय मंत्रिमंडल से जेडीयू ने खुद के प्रतिनिधित्व से किनारा कर लिया तो अचानक बिहार मंत्रिमंडल में बदलाव किये गये और उनके विभाग को भी बिना बताए एक झटके में बदल दिया गया.

बीजेपी के मंत्रियों का कम हुआ कद
यह अंदरखाने की बात है कि खान एवं भूतत्व विभाग की तुलना में पिछड़ा और अतिपिछड़ा विभाग का मंत्री बनाना प्रमोशन नहीं बल्कि डिमोशन है. माइंस डिपार्टमेंट कमाऊ और क्रीमी विभाग माना जाता है. इसे दूसरे शब्दों में समझें तो केन्द्रीय मंत्रिमंडल से जेडीयू के किनाराकशी करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीजेपी मंत्रियों के कद कम करने वाले कदम हैं. जिसका असर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है.

Intro:....... नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में बीजेपी खेमे के कैबिनेट मंत्री विनोद कुमार सिंह की नाराजगी ......कि रातोंरात बदल डाले गए उसके मेहनत से सँवारे गये विभाग को ....नहीं दी गई उन्हें कोई जानकारी .....टेलीविजन की खबरों से पता चला वह नहीं रहे खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री लेकिन .....अब दिल के दर्द को छुपा कर संवारेंगे नये विभाग के दायित्व को ......।


Body: यह है बिहार के नवनियुक्त पिछड़ा और अति पिछड़ा मंत्री विनोद कुमार सिंह ....। कटिहार के प्राणपुर इलाके से बीजेपी के खेमे से विधानसभा सदस्य हैं । जुलाई 2017 में सूबे में जब बीजेपी - जेडीयू गठबंधन की पहली बार सरकार बनी तो इन्हें खान एवं भूतत्व मंत्री का कैबिनेट मंत्री बनाया गया ...। करीब दो साल मंत्री रहने के बाद इनका दावा है कि इन्होंने खान एवं भूतत्व विभाग को कमाऊ विभाग के रूप में राज्य में स्थापित किया ....। बालू माफियाओं के चंगुल से इस विभाग को मुक्ति दिलाई और नतीजा यह हुआ कि राजस्व आस्मां छूने लगा....लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद जब केन्द्रीय मंत्रिमंडल से जेडीयू ने खुद के प्रतिनिधित्व से किनारा कर लिया तो अचानक बिहार में मंत्रिमंडल में बदलाव किये गये और उनके विभाग को भी बिना बताये झटका मारकर बदल डाले गये । उन्होंने बताया कि विभाग बदले जाने की खबर उन्हें टेलीविजन से मिली.....। ज़रा आप भी दीदार करें , मंत्रीजी की बेचारगी और दिल के दर्द को , हालाँकि कैमरे पर अन्दर की बात बाहर करें तो कैसे , यह भी बड़ी समस्या हैं फिर भी दर्द तो दर्द हैं....... .....।


Conclusion:यह अंदरखाने की बात हैं कि खान एवं भूतत्व विभाग की तुलना में पिछड़ा और अतिपिछड़ा विभाग का मंत्री बनने का वाकया प्रमोशन नहीं बल्कि डिमोशन हैं और माइंस डिपार्टमेंट कमाऊ और क्रीम विभाग माना जाता हैं । इसे दूसरे शब्दों में समझें तो केन्द्रीय मंत्रिमंडल से जेडीयू के खुद को किनारे करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीजेपी मंत्रियों को कम कद करने वाले कदम मानें जा सकते हैं जिसका असर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पड़ सकने की उम्मीद हैं.......।
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