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लोजपा नेता अनिल उरांव की हत्या पर डीप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने जताया शोक, पूर्णिया आईजी को दिए जांच के आदेश - लोजपा नेता अनिल उरांव की हत्या

लोजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल उरांव की हत्या मामले को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने मामले को लेकर जांच का आदेश दिया.

katihar
तारकिशोर प्रसाद और लोजपा नेता अनिल उरांव
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Published : May 2, 2021, 2:35 PM IST

कटिहारः लोजपा नेता अनिल उरांव की हत्या के मामले को लेकर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद संवेदना ने प्रकट की है. वहीं इस मामले में उन्होंने जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी तथा पूरे मामले की जांच का आदेश पूर्णिया आईजी को दिया. डिप्टी सीएम ने कहा जिस तरह का मामला सामने आया है, उस पर कुछ बोलना उचित नहीं है. अनुसंधान के क्रम में सारी बातें सामने आएंगी.

इसे भी पढ़ेंः लोजपा का आरोप - सक्रिय होता प्रशासन तो बच जाती अनिल उरांव की जान

लोजपा ने पुलिस प्रशासन पर लगाए आरोप
इससे पहले इस मामले में लोजपा के प्रधान महासचिव संजय पासवान पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को 3 दिन पहले सूचना दी गई थी. खुद लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने पूर्णिया एसपी से बात कर अनिल उरांव को अपराधियों से मुक्त कराने का मांग की थी.

एसपी ने आश्वासन दिया था कि जल्द अपराधियों से लोजपा नेता को मुक्त करा लिया जायेगा. चिराग पासवान लोजपा नेता के परिवार के लोगों से लगातार संपर्क में थे.

'पुलिस और सरकार गंभीर होती तो अनिल उरांव को बचाया जा सकता था. जिला प्रशासन गंभीर नहीं था, जिला प्रशासन जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करें और स्पीडी ट्रायल चला कर सजा दिलाने का काम करें.' संजय पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रधान महासचिव

देखें रिपोर्ट

समर्थकों ने काटा बवाल
वहीं, लोजपा नेता की हत्या से गुस्साए लोगों ने अस्पताल पहुंचकर शव को अपने कब्जे में ले लिया और पूर्णिया के मुख्य मार्ग को जाम कर जामकर बवाल काटा. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती देखने को मिली.

2 दिन पहले लोजपा नेता को किया गया था किडनैप
बता दें कि 2 दिन पहले लोजपा नेता अनिल उरांव का अपहरण पूर्णिया के हाट थाना क्षेत्र के रेलवे कोर्ट स्टेशन के पास से कर गया था. अपहरण करने वालों ने अनिल उरांव के परिवार से उन्हें छोड़ने के बदले में ₹10 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी. जानकारी के अनुसार अपहरणकर्ताओं को नेता के परिवार ने फिरौती की रकम भी दे दी.

इसके बावजूद अपहरणकर्ताओं ने लोजपा नेता को नहीं छोड़ा और रविवार को उनका शव बरामद किया गया. बता दें कि अनिल उरांव कटिहार जिले के मनिहारी विधानसभा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके थे. पहली बार 2015 में एनडीए के उम्मीदवार थे जबकि 2020 में लोजपा के टिकट से चुनाव लड़े थे.

इसे भी पढ़ेंः लोजपा नेता अपहरण मामलाः समर्थकों ने सड़कों पर काटा बवाल, किया प्रदर्शन

कटिहारः लोजपा नेता अनिल उरांव की हत्या के मामले को लेकर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद संवेदना ने प्रकट की है. वहीं इस मामले में उन्होंने जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी तथा पूरे मामले की जांच का आदेश पूर्णिया आईजी को दिया. डिप्टी सीएम ने कहा जिस तरह का मामला सामने आया है, उस पर कुछ बोलना उचित नहीं है. अनुसंधान के क्रम में सारी बातें सामने आएंगी.

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लोजपा ने पुलिस प्रशासन पर लगाए आरोप
इससे पहले इस मामले में लोजपा के प्रधान महासचिव संजय पासवान पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को 3 दिन पहले सूचना दी गई थी. खुद लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने पूर्णिया एसपी से बात कर अनिल उरांव को अपराधियों से मुक्त कराने का मांग की थी.

एसपी ने आश्वासन दिया था कि जल्द अपराधियों से लोजपा नेता को मुक्त करा लिया जायेगा. चिराग पासवान लोजपा नेता के परिवार के लोगों से लगातार संपर्क में थे.

'पुलिस और सरकार गंभीर होती तो अनिल उरांव को बचाया जा सकता था. जिला प्रशासन गंभीर नहीं था, जिला प्रशासन जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करें और स्पीडी ट्रायल चला कर सजा दिलाने का काम करें.' संजय पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रधान महासचिव

देखें रिपोर्ट

समर्थकों ने काटा बवाल
वहीं, लोजपा नेता की हत्या से गुस्साए लोगों ने अस्पताल पहुंचकर शव को अपने कब्जे में ले लिया और पूर्णिया के मुख्य मार्ग को जाम कर जामकर बवाल काटा. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती देखने को मिली.

2 दिन पहले लोजपा नेता को किया गया था किडनैप
बता दें कि 2 दिन पहले लोजपा नेता अनिल उरांव का अपहरण पूर्णिया के हाट थाना क्षेत्र के रेलवे कोर्ट स्टेशन के पास से कर गया था. अपहरण करने वालों ने अनिल उरांव के परिवार से उन्हें छोड़ने के बदले में ₹10 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी. जानकारी के अनुसार अपहरणकर्ताओं को नेता के परिवार ने फिरौती की रकम भी दे दी.

इसके बावजूद अपहरणकर्ताओं ने लोजपा नेता को नहीं छोड़ा और रविवार को उनका शव बरामद किया गया. बता दें कि अनिल उरांव कटिहार जिले के मनिहारी विधानसभा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके थे. पहली बार 2015 में एनडीए के उम्मीदवार थे जबकि 2020 में लोजपा के टिकट से चुनाव लड़े थे.

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