कटिहार: कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है. जिले के रहने वाले मोहम्मद महबूब आलम ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया है जो भूकंप आने से चंद लम्हे पहले लोगों को आगाह कर देगी. इस मशीन को बनाने का मकसद लोगों को आने वाले भूकंप से सतर्क करना है. अब महबूब चाहते हैं कि सरकार उनके अविष्कार को देखें और इसे आवाम तक फैलाने में मदद करें.
दीवार पर लगी ये मशीन काफी साधारण सी दिखती है. यह मशीन को विभिन्न चीजों के पार्टस पुर्जे से बनाया गया है. सभी पुरानी चीजों को जोड़कर एक नया शक्ल दिया गया है. कटिहार नगर थाना इलाके के विनोदपुर के रहने वाले महबूब ने इस मशीन का आविष्कार भूकंप के पूर्व अनुमानों के लिए किया है. दरअसल 2014 में नेपाल में आए भूकंप ने महबूब के दिल को ऐसा झझकोरा कि महबूब ने उससे बचाव के लिए तरीके ढूंढने लगे. भूकंप की तबाही से बेमौत मारे गये लोगों की याद में महबूब कई दिनों तक खाना नहीं खाया था.
भूकंप आने के चंद लम्हे पहले लोगों को सर्तक करेगी ये मशीन
महबूब के इस जुनून ने उन्हें आविष्कार के रास्ते चलने को मजबूर कर दिया. मोटरसाइकिल के पार्ट्स, टेबल घड़ी, चुंबक, सुई, पेंडुलम आदि से एक मशीन तैयार किया. महबूब का दावा है कि इस मशीन से भूकंप आने के चंद लम्हे पहले जोर-जोर से सायरन बजती है जिससे लोग सतर्क हो जाते हैं और बचाव के लिए खुले मैदान में चले जाते हैं.
भूकंप के आने पहले बजेगा सायरन
इस मशीन को 24 घंटे बिजली की जरूरत है, ताकि भूकंप जब कभी भी आए तो इस मशीन में लगा सायरन बज सके. इसलिये इसे सोलर सिस्टम से कनेक्ट किया गया है. भूकंप के आने के कुछ सेकंड पहले इस मशीन में लगा पेंडुलम हिलने लगता है. सायरन का स्विच ऑटोमेटिक ऑन हो जाता है और बजने लगता है. मशीन में लगी घड़ी रुक जाती है जिससे यह पता चलता है कि भूकंप कितने समय पर आया था.
केंद्र सरकार से मदद की उम्मीद
महबूब बताते हैं इसके आविष्कार में कई महीनों का वक्त लगा. पेशे से मैकेनिक महबूब अब चाहते हैं कि इस अविष्कार को भारत सरकार के पास परीक्षण के लिए भेजा जाए. और यदि परीक्षण सफल रहा तो आम आवाम में जागरूकता के लिए इसकी मदद ली जाए. उन्हें उम्मीद है कि यह आविष्कार लोगों को प्राकृतिक कहर से बचाने में काम आयेगी.