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बिहार: भूकंप आने से चंद सेकंड पहले लोगों को आगाह कर देगी यह मशीन - Machine connected to solar system

दीवार पर लगी ये मशीन काफी साधारण सी दिखती है. इस मशीन से भूकंप आने के चंद लम्हे पहले जोर-जोर से सायरन बजती है जिससे लोग सतर्क हो जाते हैं, और बचाव के लिए खुले मैदान में चले जाते हैं.

भूकंप आने से चंद सेकंड पहले लोगों को आगाह कर देगी यह मशीन
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Published : Aug 30, 2019, 2:40 PM IST

कटिहार: कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है. जिले के रहने वाले मोहम्मद महबूब आलम ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया है जो भूकंप आने से चंद लम्हे पहले लोगों को आगाह कर देगी. इस मशीन को बनाने का मकसद लोगों को आने वाले भूकंप से सतर्क करना है. अब महबूब चाहते हैं कि सरकार उनके अविष्कार को देखें और इसे आवाम तक फैलाने में मदद करें.

दीवार पर लगी ये मशीन काफी साधारण सी दिखती है. यह मशीन को विभिन्न चीजों के पार्टस पुर्जे से बनाया गया है. सभी पुरानी चीजों को जोड़कर एक नया शक्ल दिया गया है. कटिहार नगर थाना इलाके के विनोदपुर के रहने वाले महबूब ने इस मशीन का आविष्कार भूकंप के पूर्व अनुमानों के लिए किया है. दरअसल 2014 में नेपाल में आए भूकंप ने महबूब के दिल को ऐसा झझकोरा कि महबूब ने उससे बचाव के लिए तरीके ढूंढने लगे. भूकंप की तबाही से बेमौत मारे गये लोगों की याद में महबूब कई दिनों तक खाना नहीं खाया था.

भूकंपरोधी मशीन इजाद करने वाले मो. महबूब आलम से खास बातचीत

भूकंप आने के चंद लम्हे पहले लोगों को सर्तक करेगी ये मशीन
महबूब के इस जुनून ने उन्हें आविष्कार के रास्ते चलने को मजबूर कर दिया. मोटरसाइकिल के पार्ट्स, टेबल घड़ी, चुंबक, सुई, पेंडुलम आदि से एक मशीन तैयार किया. महबूब का दावा है कि इस मशीन से भूकंप आने के चंद लम्हे पहले जोर-जोर से सायरन बजती है जिससे लोग सतर्क हो जाते हैं और बचाव के लिए खुले मैदान में चले जाते हैं.

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भूकंप आने से चंद सेकंड पहले लोगों को आगाह कर देगी यह मशीन

भूकंप के आने पहले बजेगा सायरन
इस मशीन को 24 घंटे बिजली की जरूरत है, ताकि भूकंप जब कभी भी आए तो इस मशीन में लगा सायरन बज सके. इसलिये इसे सोलर सिस्टम से कनेक्ट किया गया है. भूकंप के आने के कुछ सेकंड पहले इस मशीन में लगा पेंडुलम हिलने लगता है. सायरन का स्विच ऑटोमेटिक ऑन हो जाता है और बजने लगता है. मशीन में लगी घड़ी रुक जाती है जिससे यह पता चलता है कि भूकंप कितने समय पर आया था.

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भूकंप के आने पहले बजेगा सायरन

केंद्र सरकार से मदद की उम्मीद
महबूब बताते हैं इसके आविष्कार में कई महीनों का वक्त लगा. पेशे से मैकेनिक महबूब अब चाहते हैं कि इस अविष्कार को भारत सरकार के पास परीक्षण के लिए भेजा जाए. और यदि परीक्षण सफल रहा तो आम आवाम में जागरूकता के लिए इसकी मदद ली जाए. उन्हें उम्मीद है कि यह आविष्कार लोगों को प्राकृतिक कहर से बचाने में काम आयेगी.

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कटिहार के मोहम्मद महबूब आलम ने किया भूकंपरोधी मशीन का अविष्कार

कटिहार: कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है. जिले के रहने वाले मोहम्मद महबूब आलम ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया है जो भूकंप आने से चंद लम्हे पहले लोगों को आगाह कर देगी. इस मशीन को बनाने का मकसद लोगों को आने वाले भूकंप से सतर्क करना है. अब महबूब चाहते हैं कि सरकार उनके अविष्कार को देखें और इसे आवाम तक फैलाने में मदद करें.

दीवार पर लगी ये मशीन काफी साधारण सी दिखती है. यह मशीन को विभिन्न चीजों के पार्टस पुर्जे से बनाया गया है. सभी पुरानी चीजों को जोड़कर एक नया शक्ल दिया गया है. कटिहार नगर थाना इलाके के विनोदपुर के रहने वाले महबूब ने इस मशीन का आविष्कार भूकंप के पूर्व अनुमानों के लिए किया है. दरअसल 2014 में नेपाल में आए भूकंप ने महबूब के दिल को ऐसा झझकोरा कि महबूब ने उससे बचाव के लिए तरीके ढूंढने लगे. भूकंप की तबाही से बेमौत मारे गये लोगों की याद में महबूब कई दिनों तक खाना नहीं खाया था.

भूकंपरोधी मशीन इजाद करने वाले मो. महबूब आलम से खास बातचीत

भूकंप आने के चंद लम्हे पहले लोगों को सर्तक करेगी ये मशीन
महबूब के इस जुनून ने उन्हें आविष्कार के रास्ते चलने को मजबूर कर दिया. मोटरसाइकिल के पार्ट्स, टेबल घड़ी, चुंबक, सुई, पेंडुलम आदि से एक मशीन तैयार किया. महबूब का दावा है कि इस मशीन से भूकंप आने के चंद लम्हे पहले जोर-जोर से सायरन बजती है जिससे लोग सतर्क हो जाते हैं और बचाव के लिए खुले मैदान में चले जाते हैं.

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भूकंप आने से चंद सेकंड पहले लोगों को आगाह कर देगी यह मशीन

भूकंप के आने पहले बजेगा सायरन
इस मशीन को 24 घंटे बिजली की जरूरत है, ताकि भूकंप जब कभी भी आए तो इस मशीन में लगा सायरन बज सके. इसलिये इसे सोलर सिस्टम से कनेक्ट किया गया है. भूकंप के आने के कुछ सेकंड पहले इस मशीन में लगा पेंडुलम हिलने लगता है. सायरन का स्विच ऑटोमेटिक ऑन हो जाता है और बजने लगता है. मशीन में लगी घड़ी रुक जाती है जिससे यह पता चलता है कि भूकंप कितने समय पर आया था.

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भूकंप के आने पहले बजेगा सायरन

केंद्र सरकार से मदद की उम्मीद
महबूब बताते हैं इसके आविष्कार में कई महीनों का वक्त लगा. पेशे से मैकेनिक महबूब अब चाहते हैं कि इस अविष्कार को भारत सरकार के पास परीक्षण के लिए भेजा जाए. और यदि परीक्षण सफल रहा तो आम आवाम में जागरूकता के लिए इसकी मदद ली जाए. उन्हें उम्मीद है कि यह आविष्कार लोगों को प्राकृतिक कहर से बचाने में काम आयेगी.

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कटिहार के मोहम्मद महबूब आलम ने किया भूकंपरोधी मशीन का अविष्कार
Intro:कटिहार

भूकंप के एक झटके में एक व्यक्ति के जेहन में इस कदर हलचल पैदा कर दी की वह भूकंप के झटकों से बचाव के लिए एक मशीन ही निजात कर डाला। कटिहार के महबूब में एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया है जो भूकंप आने से चंद लम्हे पहले लोगों को आगाह कर देता है और जोर-जोर से सायरन बजने लगती है। मकसद है लोग सतर्क हो जाएं और महफूज सुरक्षित स्थान पर चले जाए। अब महबूब चाहता है कि सरकार उसके अविष्कार को देखें और यदि सही है तो इसे आम आवाम तक फैलाने में मदद करें।


Body:दीवार पर लगी इस मशीन को जरा गौर से देखिए। साधारण सी दिखने वाली यह मशीन विभिन्न चीजों के पार्टस पुर्जे को मिला कर बनाया गया हैं और सभी को जोड़कर एक नया शक्ल दिया गया है। बताया जाता है कि कटिहार नगर थाना इलाके के विनोदपुर के रहने वाले महबूब ने इस मशीन का आविष्कार भूकंप के पूर्व अनुमानों के लिए किया है। दरअसल 2014 में नेपाल में आए भूकंप ने महबूब के दिल को ऐसा झझकोरा की महबूब ने उससे बचाव के लिए दिल में तरीके ढूंढने लगे। भूकंप की तबाही से बेमौत मरते लोगों की याद में महबूब को कई दिन तक भोजन नहीं निगले गए।

महबूब के इस जुनून के अविष्कार के रास्ते बता डाले और मोटरसाइकिल के पार्ट्स, टेबल घड़ी, चुंबक, सुई, पेंडुलम के समावेश से एक मशीन तैयार किया जो यदि भूकंप आता है तो भूकंप से चंद लम्हे पहले जोर-जोर से सायरन में आवाज देने लगता है जिससे लोग सतर्क हो जाते हैं और बचाव के लिए खुले मैदान में चले जाते हैं। महबूब बताते हैं इसके अविष्कार में कई महीने का वक्त लगा और कई कई रातें तो उन्हें नींद ही नहीं आई। पेशे से मैकेनिक महबूब अब चाहते हैं कि इस अविष्कार को भारत सरकार के पास परीक्षण के लिए भेजा जाए और यदि परीक्षण सफल रहा तो आम आवाम में जागरूकता के लिए इसकी मदद ली जाए।


Conclusion:इस मशीन को 24 घंटे बिजली की जरूरत है ताकि भूकंप जब कभी भी आए तो इस मशीन में लगे सायरन बजा सके। भूकंप के आने के कुछ सेकेंड पहले इस मशीन में लगे पेंडुलम हिलने लगता है तथा सायरन का स्विच ऑटोमेटिक ऑन हो जाता है और सायरन बजने लगता है तथा मशीन में लगे घड़ी रुक जाती है जिससे यह पता चलता है कि भूकंप कितने समय पर आया था। ज्यो हीं भूकंप आती है मशीन में लगे पेंडुलम के कारण सायरन बजने लगती है जिससे घर में बैठे लोग अलर्ट हो जाते हैं और सुरक्षित घर के बाहर खुले मैदान में चले जाते है।

लोग कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है और कुछ यही हाल हुआ कटिहार के महबूब के साथ जिसने भूकंप को उदाहरण मानते हुए इससे बचाव और पूर्वानुमान के लिए एक मशीन ही तैयार कर डाला। उम्मीद की जानी चाहिए महबूब का यह अविष्कार लोगों को प्राकृतिक कहर से बचाने में काम आ सकेगी।
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