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कैमूर: महिलाओं ने अक्षय नवमी पर आंवला वृक्ष के नीचे विधि-विधान से किया पूजन

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Published : Nov 13, 2021, 6:52 PM IST

कैमूर के भभुआ में अक्षय नवमी के दिन श्रद्धालुओं ने आंवला वृक्ष के नीचे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पुण्य की प्राप्ति होती है. पढ़ें पूरी खबर..

Women worshiped on day of Akshaya Navami in Kaimur
Women worshiped on day of Akshaya Navami in Kaimur

कैमूर (भभुआ): भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है. यहां अलग-अलग सभ्यता, धर्म और संस्कृति से जुड़े लोग रहते हैं. इसी कारण यहां सालों भर विभिन्न तरह के त्योहार मनाए जाते हैं. छठ संपन्न होने के बाद लोग शनिवार को अक्षय नवमी (Akshaya Navami) का त्योहार मना रहे हैं. इस दौरान जिले के भभुआ अखलासपुर (Bhabua Akhalaspur) बस स्टैंड के पास नागाबाबा जी के पोखरा पर महिलाओं ने आंवला के वृक्ष के नीचे लक्ष्मी नारायण का पूजा पाठ किया और वृक्ष की परिक्रमा की.

यह भी पढ़ें - अक्षय नवमी पर महिलाओं ने की पूजा अर्चना, सुख समृद्धि की हुई भगवान से प्राथना

बता दें कि का​र्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है. जिसे आंवला नवमी भी कहा जाता है. यह पर्व दीपावली के 8 दिन बाद मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष के नवमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा की तिथि तक इसी वृक्ष पर निवास करते हैं. इस दिन व्रती महिलाएं आंवले के पेड़ के नीचे ओम धात्र्यै नमो मंत्र का जाप करती हैं. लोग आंवले के वृक्ष को कच्चे धागे के रक्षासूत्र से बांधते हैं. इसके साथ ही कुष्मांड फल के अंदर रूपये या सोना-चांदी रखकर ब्राह्मणों को दान करती हैं, ताकि इसका फल पितरों को मिल सके.

देखें वीडियो

अक्षय नवमी के दिन महिलाएं आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर संतान की प्राप्ति और उसकी रक्षा के लिए पूजा-अर्चना करती हैं. कई जगह इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने की भी प्रथा है. ऐसा कहा जाता है कि अक्षय नवमी के दिन मां लक्ष्मी ने पृथ्वी लोक में भगवान विष्णु और शिव की पूजा आंवले के रूप में की थी.

भभुआ अखलासपुर बस स्टैंड के पास नागाबाबाजी पोखरा पर अक्षय नवमी के मौके पर शनिवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. इस दिन को भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है. पूजा-अर्चना के बाद महिलाओं ने आंवला पेड़ के नीचे भुआ दान का दान किया. जिसके बाद महिलाओं ने एक समूह में बैठकर आंवला पेड़ के नीचे भोजन ग्रहण किया. इस बाबत पूजा कर रही रिटायर्ड मिडिल स्कूल बारे के प्रिंसिपल उषा रानी बताती है कि आंवला वृक्ष में विष्णु भगवान का वास होता है. इसलिए नवमी के दिन पूजा करने का बहुत ही महत्व होता है. आज के दिन आंवला पेड़ के नीचे पूजा और दान करने से घर में हमेशा सुख शांती बनी रहती है.

उषा रानी ने बताया कि इस दिन जो भी लोग पूजा करते हैं उनकी मनोकामना पूरी होती है. पत्नी सुहाग के लिए, मां पुत्र की उम्र के लिए और घर परिवार की सुख शांति के लिए तो कोई धन की प्राप्ति के लिए करते हैं. इसलिए यह पूजा पाठ किया जाता है. ताकि घर में परिवार की सुख शांति बना रहे.

यह भी पढ़ें - CHHATH PUJA 2021: बिहार में छठ पूजा का अलौकिक संगम, देखें तस्वीरें

कैमूर (भभुआ): भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है. यहां अलग-अलग सभ्यता, धर्म और संस्कृति से जुड़े लोग रहते हैं. इसी कारण यहां सालों भर विभिन्न तरह के त्योहार मनाए जाते हैं. छठ संपन्न होने के बाद लोग शनिवार को अक्षय नवमी (Akshaya Navami) का त्योहार मना रहे हैं. इस दौरान जिले के भभुआ अखलासपुर (Bhabua Akhalaspur) बस स्टैंड के पास नागाबाबा जी के पोखरा पर महिलाओं ने आंवला के वृक्ष के नीचे लक्ष्मी नारायण का पूजा पाठ किया और वृक्ष की परिक्रमा की.

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बता दें कि का​र्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है. जिसे आंवला नवमी भी कहा जाता है. यह पर्व दीपावली के 8 दिन बाद मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष के नवमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा की तिथि तक इसी वृक्ष पर निवास करते हैं. इस दिन व्रती महिलाएं आंवले के पेड़ के नीचे ओम धात्र्यै नमो मंत्र का जाप करती हैं. लोग आंवले के वृक्ष को कच्चे धागे के रक्षासूत्र से बांधते हैं. इसके साथ ही कुष्मांड फल के अंदर रूपये या सोना-चांदी रखकर ब्राह्मणों को दान करती हैं, ताकि इसका फल पितरों को मिल सके.

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अक्षय नवमी के दिन महिलाएं आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर संतान की प्राप्ति और उसकी रक्षा के लिए पूजा-अर्चना करती हैं. कई जगह इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने की भी प्रथा है. ऐसा कहा जाता है कि अक्षय नवमी के दिन मां लक्ष्मी ने पृथ्वी लोक में भगवान विष्णु और शिव की पूजा आंवले के रूप में की थी.

भभुआ अखलासपुर बस स्टैंड के पास नागाबाबाजी पोखरा पर अक्षय नवमी के मौके पर शनिवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. इस दिन को भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है. पूजा-अर्चना के बाद महिलाओं ने आंवला पेड़ के नीचे भुआ दान का दान किया. जिसके बाद महिलाओं ने एक समूह में बैठकर आंवला पेड़ के नीचे भोजन ग्रहण किया. इस बाबत पूजा कर रही रिटायर्ड मिडिल स्कूल बारे के प्रिंसिपल उषा रानी बताती है कि आंवला वृक्ष में विष्णु भगवान का वास होता है. इसलिए नवमी के दिन पूजा करने का बहुत ही महत्व होता है. आज के दिन आंवला पेड़ के नीचे पूजा और दान करने से घर में हमेशा सुख शांती बनी रहती है.

उषा रानी ने बताया कि इस दिन जो भी लोग पूजा करते हैं उनकी मनोकामना पूरी होती है. पत्नी सुहाग के लिए, मां पुत्र की उम्र के लिए और घर परिवार की सुख शांति के लिए तो कोई धन की प्राप्ति के लिए करते हैं. इसलिए यह पूजा पाठ किया जाता है. ताकि घर में परिवार की सुख शांति बना रहे.

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