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मंत्री जमा खान के बयान पर उनके गांव वालों ने भी लगाई मुहर, कहा- 'हां हिन्दू राजपूत थे उनके पूर्वज'

बिहार के अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्री मोहम्मद जमा खान (Minister Jama Khan) ने धर्म परिवर्तन (Conversion) को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उनके पूर्वज हिंदू राजपूत (Hindu Rajput) थे और उन्‍होंने इस्‍लाम धर्म कबूल कर लिया था. जमा खान के दावे को उनके गांव वालों और सरैया के ग्रामीणों ने भी सही बताया है. देखिए रिपोर्ट.

कैमूर
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Published : Jul 11, 2021, 4:51 PM IST

Updated : Jul 11, 2021, 8:17 PM IST

कैमूर: बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान (Minister Jama Khan) ने धर्मांतरण (Conversion) को लेकर नया ही राग छेड़ दिया है. जिससे बिहार की राजनीति (Bihar politics) में सियासी भूचाल आ गया है. जमा खान ने कहा कि उनके पूर्वज हिंदू राजपूत (Hindu Rajput) थे और वो मोहब्बत से हिंदू से मुस्लिम बने. उनके पूर्वजों ने इस्लाम कबूल कर लिया था. जमा खान के बयान को उनके गांव नौघरा के ग्रामीणों और सरैया गांव वालों ने भी सही ठहराया है.

ये भी पढ़ें- नीतीश के मंत्री जमा खान का बड़ा बयान, हमारे पूर्वज हिंदू... धर्म बदलकर बने मुसलमान

मंत्री के गांव के लोगों का कहना है कि राजस्थान के वैशवाडा के राजा महिमन नारायण सिंह के दो बेटे भगवान सिंह और जय राम सिंह थे. अलाउद्दीन खिलजी के कहने पर चैनपुर के राजा शालिवाहन से युद्ध करने कैमूर आए थे. इस युध्द में राजा शालिवाहन की हार हुई, जिसमें उसकी मौत हो गई.

देखिए रिपोर्ट

राजा शालिवाहन के 6 कोर्ट हुआ करते थे. जिसमें भगवान सिंह के 5 बेटों के कारण 5 कोर्ट भगवानसिंह और जय राम सिंह का एक बेटा होने के कारण एक कोर्ट जयराम सिंह को मिला. जिसके बाद भगवान सिंह ने मुस्लिम धर्म अपना लिया और जय राम सिंह हिन्दू धर्म में ही रह गए. सालों तक दोनों परिवार में एक दूसरे के घर आना जाना हुआ करता था.

बाद में भगवान सिंह नौघरा में बस गए. मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद भी सालों तक अपने घर में पहले हिन्दू रीति रिवाज से शादी होती और फिर निकाह पढ़ा जाता है. आज तक दोनों परिवार के लोग वह संबंध निभा रहे हैं. वहीं, मंत्री के वंशज सरैया में हैं. उन्हें आज भी मलिक सराय सरैया कहा जाता है. वहां के ग्रामीणों का कहना है कि दोनों परिवार हिन्दू जाति के राजपूत थे. दोनों गांव के लोग आज भी शादी, ब्याह और श्राध्द जैसे समारोह में आते जाते हैं.

सरैया गांव के पुरोहित के वंशज बताते है कि मेरी दादी बताती हैं कि तुम्हारे दादा के पिता जी नौघरा और सरैया गांव के पुरोहित थे. नौघरा में भगवान सिंह का परिवार मुस्लिम धर्म होने के बाद भी पहले हिन्दू रीति रिवाज से शादी होती थी, उसके बाद निकाह पढ़ा जाता था. हर कार्य में पंडित से पहले पूजा पाठ होती थी.

वहीं, मुस्लिम धर्म गुरु का कहना है कि राजस्थान के वैशवाड़ा के राजा महिमन सिंह के पुत्र भगवान सिंह और जयराम सिंह को शेर साह ने बख्तियार खान के साथ कैमूर के चैनपुर में राजा शालिवाहन से युध्द करने भेजा था. उस युद्ध में राजा शालिवाहन मारा गया, जिसके बाद उसके 6 कोर्ट को दोनो भाइयों में बांट दिया गया.

ये भी पढ़ें- ...तो नीतीश के साथ धोखा हो गया! BSP से जेडीयू में आए जमा खान बोले- हम भी कभी हिंदू थे

भगवान सिंह ने सूफी संतों के साथ रहने के कारण मुस्लिम धर्म ग्रहण कर लिया. जिससे उनका नाम पहाड़ खान हो गया. उनके वंशज आज भी नौघरा सहित कई गांव में हैं. भगवान सिंह के वंशज मंत्री जमा खान हैं. भगवान सिंह का मजार आज भी चैनपुर के नुनिया टोला में हैं. वहीं, जयराम सिंह की स्मृति जयरामपुर में हैं. धर्म गुरु ने मंत्री के बयान को सही बताया कि मंत्री जमा खान के वंशज हिंदू जाति के राजपूत थे.

कैमूर: बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान (Minister Jama Khan) ने धर्मांतरण (Conversion) को लेकर नया ही राग छेड़ दिया है. जिससे बिहार की राजनीति (Bihar politics) में सियासी भूचाल आ गया है. जमा खान ने कहा कि उनके पूर्वज हिंदू राजपूत (Hindu Rajput) थे और वो मोहब्बत से हिंदू से मुस्लिम बने. उनके पूर्वजों ने इस्लाम कबूल कर लिया था. जमा खान के बयान को उनके गांव नौघरा के ग्रामीणों और सरैया गांव वालों ने भी सही ठहराया है.

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मंत्री के गांव के लोगों का कहना है कि राजस्थान के वैशवाडा के राजा महिमन नारायण सिंह के दो बेटे भगवान सिंह और जय राम सिंह थे. अलाउद्दीन खिलजी के कहने पर चैनपुर के राजा शालिवाहन से युद्ध करने कैमूर आए थे. इस युध्द में राजा शालिवाहन की हार हुई, जिसमें उसकी मौत हो गई.

देखिए रिपोर्ट

राजा शालिवाहन के 6 कोर्ट हुआ करते थे. जिसमें भगवान सिंह के 5 बेटों के कारण 5 कोर्ट भगवानसिंह और जय राम सिंह का एक बेटा होने के कारण एक कोर्ट जयराम सिंह को मिला. जिसके बाद भगवान सिंह ने मुस्लिम धर्म अपना लिया और जय राम सिंह हिन्दू धर्म में ही रह गए. सालों तक दोनों परिवार में एक दूसरे के घर आना जाना हुआ करता था.

बाद में भगवान सिंह नौघरा में बस गए. मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद भी सालों तक अपने घर में पहले हिन्दू रीति रिवाज से शादी होती और फिर निकाह पढ़ा जाता है. आज तक दोनों परिवार के लोग वह संबंध निभा रहे हैं. वहीं, मंत्री के वंशज सरैया में हैं. उन्हें आज भी मलिक सराय सरैया कहा जाता है. वहां के ग्रामीणों का कहना है कि दोनों परिवार हिन्दू जाति के राजपूत थे. दोनों गांव के लोग आज भी शादी, ब्याह और श्राध्द जैसे समारोह में आते जाते हैं.

सरैया गांव के पुरोहित के वंशज बताते है कि मेरी दादी बताती हैं कि तुम्हारे दादा के पिता जी नौघरा और सरैया गांव के पुरोहित थे. नौघरा में भगवान सिंह का परिवार मुस्लिम धर्म होने के बाद भी पहले हिन्दू रीति रिवाज से शादी होती थी, उसके बाद निकाह पढ़ा जाता था. हर कार्य में पंडित से पहले पूजा पाठ होती थी.

वहीं, मुस्लिम धर्म गुरु का कहना है कि राजस्थान के वैशवाड़ा के राजा महिमन सिंह के पुत्र भगवान सिंह और जयराम सिंह को शेर साह ने बख्तियार खान के साथ कैमूर के चैनपुर में राजा शालिवाहन से युध्द करने भेजा था. उस युद्ध में राजा शालिवाहन मारा गया, जिसके बाद उसके 6 कोर्ट को दोनो भाइयों में बांट दिया गया.

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भगवान सिंह ने सूफी संतों के साथ रहने के कारण मुस्लिम धर्म ग्रहण कर लिया. जिससे उनका नाम पहाड़ खान हो गया. उनके वंशज आज भी नौघरा सहित कई गांव में हैं. भगवान सिंह के वंशज मंत्री जमा खान हैं. भगवान सिंह का मजार आज भी चैनपुर के नुनिया टोला में हैं. वहीं, जयराम सिंह की स्मृति जयरामपुर में हैं. धर्म गुरु ने मंत्री के बयान को सही बताया कि मंत्री जमा खान के वंशज हिंदू जाति के राजपूत थे.

Last Updated : Jul 11, 2021, 8:17 PM IST
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