कैमूर: जिले के गर्रा गांव के लोगों ने शुक्रवार को गर्रा पावर हाउस पर जमकर हंगामा किया. लोगों का आरोप है कि बिजली ठीक करने के लिए शटडाउन लेने के बावजूद भी बिजली कर्मियों ने बिना सूचना या संपर्क किए लाइन चालू कर दिया. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने पावर हाउस में घुसकर ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के साथ मारपीट कर सामानों को क्षतिग्रस्त कर दिया.
वहीं कर्मियों की शिकायत पर इस मामले में दो लोगो को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव का एक शख्स शड डाउन लेकर गांव में खराब बिजली लाइन को ठीक कर रहा था. इस बीच कर्मियों ने बिना संपर्क किए लाइन चालू कर दिया. लेकिन दोनों भाई बाल-बाल बच गए. उन्हें सिर्फ झटका लगा. ग्रामीणों ने कहा कि घटना के बाद जब हमलोग इसकी शिकायत लेकर पावर हाउस गए तो कर्मी उल्टे ही हमलोगों पर आग बबूला हो गए.
लगा रहे एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप
वहींं कर्मियों का कहना है कि गर्रा गांव के किसी ग्रामीण द्वारा शड डाउन नही लिया गया था. लॉग बुक से भी स्पष्ट है. लेकिन गामीणों ने यहां आकर तोड़ फोड़ की. हम लोगो को लाठी डंडे से पीट कर घायल कर दिया. इसमें तीन विद्युत कर्मी घायल हो गए. जिनका इलाज पीएचसी में चल रहा है. मारपीट के घटना को लेकर दोनों तरफ के लोग अपना अपना पक्ष बताते हुए एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
पावर हाउस में जबरन घुसकर की तोड़ फोड़
वहीं विभाग के लोगों का कहना है कि 33,000 केबीए में फाल्ट होने के कारण जेई सहित कुछ कर्मी फाल्ट ठीक करने की पेट्रोलिंग में लगे थे. चार कर्मी पावर हाउस में ड्यूटी पर थे. इसी बीच उक्त गांव के लगभग 200 की संख्या में लोग आकर पावर हाउस में तोड़फोड़ करने लगे. इसमें खिड़की, फर्नीचर, मुख्य दरवाजा आदि क्षतिग्रस्त हो गया. विद्युत कर्मियों ने इसकी सूचना नुआंव थाने को दी. पुलिस बल के साथ पहुंचे थानाध्यक्ष ने स्थिति को नियंत्रित किया. वहीं पुलिस को देखते ही ग्रामीण भाग खड़े हुए.
दो लोगों को हिरासत में लेकर की जा रही पूछताछ
वहीं विभाग के सहायक अभियंता आजाद सिंह और जेई राजीव कुमार रंजन ने बताया कि तोड़फोड़ की घटना में ऑन ड्यूटी कार्यरत तीन विद्युत कर्मी घायल हैं. एक ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी. वहीं लगभग चार लाख रुपये की संपत्ति का विभाग को नुकसान हुआ है. इस संदर्भ में दस पर नामजद और 50 अज्ञात लोगों पर एफआईआर करने के लिए थाना को आवेदन दिया गया है. थानाध्यक्ष सुनीत कुमार सिंह ने बताया कि यह जांच का विषय है. लेकिन ग्रामीणों ने जो कुछ किया,वह गलत है. कानून को अपने हाथ मे लेने की इजाजत किसी को नहीं है. मौके से दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.