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कैमूरः नए साल को लेकर पर्यटकों से गुलजार रहा करमचट डैम, बुनियादी सुविधाओं के अभाव से दिखे निराश

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Published : Jan 2, 2020, 9:45 AM IST

नए साल का जश्न मनाने आए सैलानियों का कहना है कि इस जगह पर सालों भर सैलानी आते रहते हैं. चारों ओर खूबसूरत पहाड़ और जलाशय लोगों को आकर्षित करता है. लेकिन यहां पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है, जिस वजह से सैलानी यहां से दूर होते जा रहे हैं.

करमचट डैम
करमचट डैम

कैमूरः जिले के रामपुर प्रखंड का करमचट डैम नए साल के मौके पर गुलजार रहा. खूबसूरत वादियों के बीच कैमूर पहाड़ी के पास बने इस डैम की नींव साल 1976 में तात्कालिक उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम ने रखी थी. यहां पर सालों भर सैलानियों की भीड़ रहती है. ये स्थानीय लोगों में एक पिकनिक स्पाट के रूप में मशहूर है.

करमचट डैम में बना जलाशय
करमचट डैम में बना जलाशय

पास में है शेरगढ़ का किला
ये डैम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है, इसका एक अहम कारण पास में बना शेरगढ़ किला है. इस किले का निर्माण मुगल शासक शेरशाह सूरी ने करवाया था. किले के पास से ही गुप्ताधाम जाने का एक रास्ता भी है. जिस वजह से ये इतिहासकारों और सैलानियों के लिए बीच काफी मशहूर है.

करमचट डैम, कैमूर
करमचट डैम, कैमूर

'किसानों के लिए वरदान है डैम'
लोगों के बीच में पिकनिक स्पॉट के रुप में विख्यात ये डैम जिले के किसानों के लिए वरदान है. इसका निर्माण दुर्गावति जलाशय परियोजना के तहत हुआ था. इस डैम का मुख्य उद्देश्य जिले के 33 हजार हेक्टेयर खेत को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना है. साल 2014 में प्रदेश के तात्कालिक मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस डैम का शिलान्यास किया था. हालांकि सरकारी लापरवाही के कारण ये परियोजना आज भी पूरी नहीं हो सकी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बुनियादी सुविधाओं का अभाव'
नए साल का जश्न मनाने आए सैलानियों का कहना है कि इस जगह पर सालों भर सैलानी आते रहते हैं. चारों ओर खूबसूरत पहाड़ और जलाशय लोगों को आकर्षित करता है. लेकिन यहां पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है, जिस वजह से सैलानी यहां से दूर होते जा रहे हैं.

करमचट डैम में नए साल का जश्न मनाते सैलानी
करमचट डैम में नए साल का जश्न मनाते सैलानी

कैमूरः जिले के रामपुर प्रखंड का करमचट डैम नए साल के मौके पर गुलजार रहा. खूबसूरत वादियों के बीच कैमूर पहाड़ी के पास बने इस डैम की नींव साल 1976 में तात्कालिक उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम ने रखी थी. यहां पर सालों भर सैलानियों की भीड़ रहती है. ये स्थानीय लोगों में एक पिकनिक स्पाट के रूप में मशहूर है.

करमचट डैम में बना जलाशय
करमचट डैम में बना जलाशय

पास में है शेरगढ़ का किला
ये डैम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है, इसका एक अहम कारण पास में बना शेरगढ़ किला है. इस किले का निर्माण मुगल शासक शेरशाह सूरी ने करवाया था. किले के पास से ही गुप्ताधाम जाने का एक रास्ता भी है. जिस वजह से ये इतिहासकारों और सैलानियों के लिए बीच काफी मशहूर है.

करमचट डैम, कैमूर
करमचट डैम, कैमूर

'किसानों के लिए वरदान है डैम'
लोगों के बीच में पिकनिक स्पॉट के रुप में विख्यात ये डैम जिले के किसानों के लिए वरदान है. इसका निर्माण दुर्गावति जलाशय परियोजना के तहत हुआ था. इस डैम का मुख्य उद्देश्य जिले के 33 हजार हेक्टेयर खेत को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना है. साल 2014 में प्रदेश के तात्कालिक मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस डैम का शिलान्यास किया था. हालांकि सरकारी लापरवाही के कारण ये परियोजना आज भी पूरी नहीं हो सकी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बुनियादी सुविधाओं का अभाव'
नए साल का जश्न मनाने आए सैलानियों का कहना है कि इस जगह पर सालों भर सैलानी आते रहते हैं. चारों ओर खूबसूरत पहाड़ और जलाशय लोगों को आकर्षित करता है. लेकिन यहां पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है, जिस वजह से सैलानी यहां से दूर होते जा रहे हैं.

करमचट डैम में नए साल का जश्न मनाते सैलानी
करमचट डैम में नए साल का जश्न मनाते सैलानी
Intro:कैमूर।

कैमूर रोहतास बॉर्डर पर कैमूर जिलें के रामपुर प्रखंड में दुर्गावति जलाशय परियोजना के तहत बना करमचट डैम अपने खूबसूरती से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता हैं। नए साल के अवसर पर हजारों की संख्या में लोग यहां पिकनिक मनाने आतें हैं। खूबसूरत वादियों के बीच कैमूर पहाड़ी के पास बना यह डैम चारों तरफ खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ हैं।




Body:आपकों बतादें कि 1976 में तात्कालिक उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम नें इस परियोजना की नींव रखी थी। डैम कैमूर और रोहतास के किसानों के लिए वरदान हैं। डैम का उद्देश्य 33 हजार हेक्टेयर खेत को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने का हैं। वर्ष 2014 के तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी नें इस डैम का शिलान्यास किया। लेकिन अफसोस कि बात यह हैं कि आज भी यह परियोजना पूरा नहीं हो सका।


स्थानीय के लिए मरीन ड्राइव और पिकनिक स्पॉट

प्राकृतिक के गोद मे बना यह डैम अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करता हैं। स्थानीय लोगों के लिए यह मरीन ड्राइव से कम नहीं हैं। चारों और खूबसूरत पहाड़ और पानी लोगों को आकर्षित करता हैं। लेकिन प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण यहाँ बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं।



कुछ किलोमीटर की दूरी पर हैं शेरगढ़ किला

आपकों बतादें कि शेरशाह सूरी द्वारा शेरगढ़ किला तक पहुँचे का रास्ता इस डैम के पास हैं यहीं नहीं गुप्ताधाम जानें का एक रास्ता यहीं से गुजरता हैं। ऐसे में अगर सरकार इस डैम को ऐतिहासिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करें तो यह डैम बिहार का एक बेहतर पर्यटन स्थल बन सकता हैं।



Conclusion:देखना यह होगा कि आखिरकार कब पर्यटन के दृष्टिकोण से इस डैम का विकास होता हैं ताकि बेजोड़ नमूना देश के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकें।
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