ETV Bharat / state

कैमूर: बिना ग्लव्स और सेनेटाइजर के बॉर्डर पर ड्यूटी को मजबूर शिक्षक, मंडरा रहा संक्रमण का खतरा

कर्मनाशा बॉर्डर पर 8 घंटों की तीन शिफ्ट में 60 से अधिक टीचरों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है. इन शिक्षकों को जिला प्रशासन की तरफ से न तो हैंड ग्लब्स उपलब्ध कराया गया है और न ही सेनेटाइजर दिया गया है.

author img

By

Published : May 28, 2020, 9:31 PM IST

Updated : May 29, 2020, 5:14 PM IST

kaimur
kaimur

कैमूर: यूपी-बिहार स्थित कर्मनाशा बॉर्डर पर तीन शिफ्टों में शिक्षकों की तैनाती की गई है. प्रवासियों के बस और ट्रेन की टिकट के लिए रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी इन्हें दी गई है. लेकिन कोरोना संक्रमण काल में ड्यूटी कर रहें इन शिक्षकों को जिला प्रशासन की तरफ से न तो हैंड ग्लब्स उपलब्ध कराया गया है और न ही सेनेटाइजर दिया गया है.

बता दें कि, ये शिक्षक लगातार प्रवासी मजदूरों के संपर्क में आते है. ऐसे में इन्हें सेनेटाइजर और हैंड ग्लब्स उपलब्ध न कराना जिला प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रहा है. बता दें कि, शिक्षकों का हड़ताल खत्म होते ही यूपी-बिहार कर्मनाशा बॉर्डर पर 8 घंटों की तीन शिफ्ट में 60 से अधिक टीचरों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है. बॉर्डर पर शिक्षकों को प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन, बस और ट्रेन टिकट उपलब्ध कराने सहित अन्य कई कार्य सौंपे गए हैं.

शिक्षकों पर संक्रमण का खतरा
वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन्हें सिर्फ मास्क उपलब्ध कराया गया है. जबकि ये शिक्षक प्रवासी मजदूरों को बस टिकट उपलब्ध कराने के साथ साथ मजदूरों के बस में बैठने के बाद खुद बस में उनका वेरिफिकेशन भी करते है. प्रवासियों से सूबे में बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए बिना ग्लब्स और सेनेटाइजर के ड्यूटी कर रहें शिक्षकों पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

प्रशासन को सचेत होने की जरूरत
शिक्षक अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि प्रशासन की तरफ से सिर्फ मास्क और पीने के पानी की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि प्रवासियों के संपर्क में आने से डर लगता है. लेकिन जितना हो सके उतना सचेत रहते है. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर तैनात शिक्षक तीन शिफ्ट में 24 घंटे तैनात रहते है. ऐसे में प्रशासन को सचेत होने की जरूरत है. शिक्षकों को कम से कम बेसिक किट उपलब्ध कराने की पहल की जानी चाहिए.

कैमूर: यूपी-बिहार स्थित कर्मनाशा बॉर्डर पर तीन शिफ्टों में शिक्षकों की तैनाती की गई है. प्रवासियों के बस और ट्रेन की टिकट के लिए रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी इन्हें दी गई है. लेकिन कोरोना संक्रमण काल में ड्यूटी कर रहें इन शिक्षकों को जिला प्रशासन की तरफ से न तो हैंड ग्लब्स उपलब्ध कराया गया है और न ही सेनेटाइजर दिया गया है.

बता दें कि, ये शिक्षक लगातार प्रवासी मजदूरों के संपर्क में आते है. ऐसे में इन्हें सेनेटाइजर और हैंड ग्लब्स उपलब्ध न कराना जिला प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रहा है. बता दें कि, शिक्षकों का हड़ताल खत्म होते ही यूपी-बिहार कर्मनाशा बॉर्डर पर 8 घंटों की तीन शिफ्ट में 60 से अधिक टीचरों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है. बॉर्डर पर शिक्षकों को प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन, बस और ट्रेन टिकट उपलब्ध कराने सहित अन्य कई कार्य सौंपे गए हैं.

शिक्षकों पर संक्रमण का खतरा
वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन्हें सिर्फ मास्क उपलब्ध कराया गया है. जबकि ये शिक्षक प्रवासी मजदूरों को बस टिकट उपलब्ध कराने के साथ साथ मजदूरों के बस में बैठने के बाद खुद बस में उनका वेरिफिकेशन भी करते है. प्रवासियों से सूबे में बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए बिना ग्लब्स और सेनेटाइजर के ड्यूटी कर रहें शिक्षकों पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

प्रशासन को सचेत होने की जरूरत
शिक्षक अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि प्रशासन की तरफ से सिर्फ मास्क और पीने के पानी की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि प्रवासियों के संपर्क में आने से डर लगता है. लेकिन जितना हो सके उतना सचेत रहते है. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर तैनात शिक्षक तीन शिफ्ट में 24 घंटे तैनात रहते है. ऐसे में प्रशासन को सचेत होने की जरूरत है. शिक्षकों को कम से कम बेसिक किट उपलब्ध कराने की पहल की जानी चाहिए.

Last Updated : May 29, 2020, 5:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.