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Kaimur News: 'जबतक किसानों को सही मुआवजा नहीं मिलेगा, कैमूर एक्सप्रेसवे का निर्माण नहीं होगा'.. सुधाकर सिंह - Former Agriculture Minister Sudhakar Singh

कैमूर में पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर ने की प्रेसवार्ता कर यह जानकारी दी कि जबतक किसानों को सही मुआवजा सरकार नहीं देती है, तबतक कैमूर में एक्स्पेसवे का निर्माण (land compensation regarding Kaimur Expressway) नहीं होगा. कैमूर में एक्स्पेसवे के नाम पर किसानों को सरकार लूट रही है. पढ़ें पूरी खबर..

सुधाकर सिंह ने की जमीन मुआवजे की मांग
सुधाकर सिंह ने की जमीन मुआवजे की मांग
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Published : Feb 15, 2023, 10:26 PM IST

कैमूर: बिहार के कैमूर में एक्सप्रेस वे निर्माण में जा रही किसानों की जमीन का पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने (Former Agriculture Minister Sudhakar Singh)सही मुआवजा देने की मांग की है. उन्होंने यहां बुधवार को प्रेस वार्ता कर यह बताया कि जबतक किसानों को सरकार जमीन का सही मुआवजा नहीं देती है, तब तक कैमूर में एक्सप्रेसवे का काम नहीं होगा. भभुआ परिसदन में पूर्व कृषि मंत्री सह वर्तमान विधायक सुधाकर सिंह ने कैमूर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राज्यमार्ग- 219 वाराणसी-कोलकाता भारतमाला एक्सप्रेस वे निर्माण को लेकर प्रेसवार्ता की.

ये भी पढ़ेंः RJD MLA Sudhakar Singh : विधायक सुधाकर सिंह ने दिया आरजेडी के नोटिस का जवाब, लालू करेंगे फैसला

किसानों को मिलना चाहिए बाजार दर से मुआवजाः उन्होंने कहा कि एक्स्पेसवे निर्माण में जिन किसानों की भूमि का सरकार अधिग्रहण कर रही है. उन्हें उचित मूल्य मिलना चाहिए. सरकार को मुआवजा के तौर पर कम से कम बाजार मूल्य, जो किसान भाईयों का वाजिब हक है, वो तो मिलना ही चाहिए. क्योंकि 2013 से सरकार ने जो वादा किया है कि किसानों को बाजार दर पर मुआवजा देंगे. ऐसे में सरकार आज उनको बाजार मूल्य का एक चौथाई नहीं दे रही है. अगर ये जमीन सरकार ले लेती है तो आने वाले समय मे किसानों के लिए अभिशाप होगा.

जमीन जाने के बाद कईयों के पास एक इंच नहीं बचेगीः उन्होंने कहा कि किसानों के सामने यह गंभीर समस्या है. किसानों का परिवार खेती पर ही आधारित होता है. किसान जमीन को अपनी मां कहते हैं. उसकी उपज से पूरा परिवार जीता है. मैं आज कोई पुरानी बात नहीं दोहराना चाहता, पर बेहद दुख के साथ कह रहा हूं कि इस राज्यमार्ग निर्माण के कार्य के दौरान कुछ छोटे किसान ऐसे भी हैं, जिनके पास इस भूमि अधिग्रहण के बाद एक इंच जमीन तक नहीं बचने वाली है. कई किसानों के लिए रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी.

उचित मुआवजा मिलने तक जारी रहेगी लड़ाईः सुधाकर सिंह ने कहा कि इसलिए हम यह कहना चाहते है कि हम भी उनकी लड़ाई में किसानों के साथ हैं. क्योंकि किसानों को अगर जमीन का जबतक उचित मुआवजा नहीं मिलता है, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी. सरकार को किसानों को मुआवजा देना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम सभी जिला के किसान मिलाकर एक्सप्रेसवे का कार्य को रोक देंगे. इसके लिए कैमूर में 28 फरवरी को राकेश टिकैत आ रहे हैं, जो कि भभुआ के जगजीवन स्टेडियम में धरना प्रदर्शन के साथ साथ आगे भी कार्यक्रम करेंगे.

"जबतक किसानों को सरकार जमीन का सही मुआवजा नहीं देती है, तब तक कैमूर में एक्सप्रेसवे का काम नहीं होगा. जिन किसानों की भूमि का सरकार अधिग्रहण कर रही है. उन्हें उचित मूल्य मिलना चाहिए. सरकार को मुआवजा के तौर पर कम से कम बाजार मूल्य, जो किसान भाईयों का वाजिब हक है, वो तो मिलना ही चाहिए" -सुधाकर सिंह,पूर्व कृषि मंत्री सह विधायक

कैमूर: बिहार के कैमूर में एक्सप्रेस वे निर्माण में जा रही किसानों की जमीन का पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने (Former Agriculture Minister Sudhakar Singh)सही मुआवजा देने की मांग की है. उन्होंने यहां बुधवार को प्रेस वार्ता कर यह बताया कि जबतक किसानों को सरकार जमीन का सही मुआवजा नहीं देती है, तब तक कैमूर में एक्सप्रेसवे का काम नहीं होगा. भभुआ परिसदन में पूर्व कृषि मंत्री सह वर्तमान विधायक सुधाकर सिंह ने कैमूर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राज्यमार्ग- 219 वाराणसी-कोलकाता भारतमाला एक्सप्रेस वे निर्माण को लेकर प्रेसवार्ता की.

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किसानों को मिलना चाहिए बाजार दर से मुआवजाः उन्होंने कहा कि एक्स्पेसवे निर्माण में जिन किसानों की भूमि का सरकार अधिग्रहण कर रही है. उन्हें उचित मूल्य मिलना चाहिए. सरकार को मुआवजा के तौर पर कम से कम बाजार मूल्य, जो किसान भाईयों का वाजिब हक है, वो तो मिलना ही चाहिए. क्योंकि 2013 से सरकार ने जो वादा किया है कि किसानों को बाजार दर पर मुआवजा देंगे. ऐसे में सरकार आज उनको बाजार मूल्य का एक चौथाई नहीं दे रही है. अगर ये जमीन सरकार ले लेती है तो आने वाले समय मे किसानों के लिए अभिशाप होगा.

जमीन जाने के बाद कईयों के पास एक इंच नहीं बचेगीः उन्होंने कहा कि किसानों के सामने यह गंभीर समस्या है. किसानों का परिवार खेती पर ही आधारित होता है. किसान जमीन को अपनी मां कहते हैं. उसकी उपज से पूरा परिवार जीता है. मैं आज कोई पुरानी बात नहीं दोहराना चाहता, पर बेहद दुख के साथ कह रहा हूं कि इस राज्यमार्ग निर्माण के कार्य के दौरान कुछ छोटे किसान ऐसे भी हैं, जिनके पास इस भूमि अधिग्रहण के बाद एक इंच जमीन तक नहीं बचने वाली है. कई किसानों के लिए रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी.

उचित मुआवजा मिलने तक जारी रहेगी लड़ाईः सुधाकर सिंह ने कहा कि इसलिए हम यह कहना चाहते है कि हम भी उनकी लड़ाई में किसानों के साथ हैं. क्योंकि किसानों को अगर जमीन का जबतक उचित मुआवजा नहीं मिलता है, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी. सरकार को किसानों को मुआवजा देना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम सभी जिला के किसान मिलाकर एक्सप्रेसवे का कार्य को रोक देंगे. इसके लिए कैमूर में 28 फरवरी को राकेश टिकैत आ रहे हैं, जो कि भभुआ के जगजीवन स्टेडियम में धरना प्रदर्शन के साथ साथ आगे भी कार्यक्रम करेंगे.

"जबतक किसानों को सरकार जमीन का सही मुआवजा नहीं देती है, तब तक कैमूर में एक्सप्रेसवे का काम नहीं होगा. जिन किसानों की भूमि का सरकार अधिग्रहण कर रही है. उन्हें उचित मूल्य मिलना चाहिए. सरकार को मुआवजा के तौर पर कम से कम बाजार मूल्य, जो किसान भाईयों का वाजिब हक है, वो तो मिलना ही चाहिए" -सुधाकर सिंह,पूर्व कृषि मंत्री सह विधायक

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