कैमूर (भभुआ): हाथों में तिरंगा और पीठ पर बैग लिए 29 साल सुदेश कुमार, उत्तर प्रदेश के इटावा से संकल्प पदयात्रा (Sankalp Padyatra from Etawah) के तहत कैमूर पहुंच चुके (Sudesh Kumar on Sankalp Padyatra Reached Kaimur) हैं. पैदल चलकर यह युवक कोलकाता दक्षिणेश्वर मां काली मंदिर तक जायेगा. इटावा से कोलकाता तक 12 सौ किलोमीटर की यात्रा के दौरान जल संचय, पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा पाने के रास्ते में समस्याओं के मुद्दे पर आम लोगों को जागरूक करने और सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के उद्देश्य लेकर चला है.
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"इटावा से तिरंगा लेकर संकल्प पदयात्रा पर निकले हैं, रोजाना 25 से 30 किलोमीटर की यात्रा कर रहा हूं. पर्यावरण संरक्षण, मातृभूमि पर पानी की व्यवस्था करना, शिक्षा को आगे ले जाना देश के हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है. पिछले 25 दिनों से मैं लगातार पदयात्रा करते हुए बिहार के कैमूर में प्रवेश किया हूं. यहां से पैदल यात्रा करते हुए मुझे कोलकाता के दक्षिणेश्वर मां काली के स्थान तक पहुंचना है."-सुदेश कुमार, संकल्प पदयात्रा पर निकला युवक
महंगी किताबें बच्चें की पढ़ाई में बन रही है बाधाः उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के ग्राम कर्रई का मूल वासी है सुदेश कुमार. पैदल यात्रा कर वह इटावा से एनएच दो के रास्ते कैमूर पहुंचा है. सुदेश ने बताया कि बहुत सारे बच्चे और बच्चियां ऐसे गरीब घर के हैं, जो पैसा के अभाव में महंगी-महंगी किताबें नहीं खरीद पाते हैं. इन कारणों से उन्हें पढ़ाई करने में काफी समस्याएं आती है. उनकी समस्यी के समाधान के लिए उन्हें फ्री में किताबें दी जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई पूरी हो सके.
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