रोहतास: सासाराम लोकसभा सीट पर 13 उम्मीदवारों के बीच लड़ाई थी. मगर वोटों के लिहाज से देखें तो साफ पता चलता है कि छेदी पासवान और मीरा कुमार के अलावा कोई मुकाबले में नहीं था. क्योंकि 13 में से 11 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनकी जमानत जब्त हो गई. आंकड़ों पर गौर करें तो 9 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्हें 1 प्रतिशत से भी कम मत नसीब हुए.
बड़े अंतर से जीते छेदी
छेदी पासवान ने कांग्रेस की मीरा कुमार को 165645 मतों के बड़े अंतर से को हरा दिया. छेदी को जहां 494800 मत मिले, वहीं मीरा को 329055 वोट प्राप्त हुए. जबकि बीएसपी के मनोज कुमार 86406 मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे. सासाराम संसदीय क्षेत्र में चौथा स्थान नोटा को प्राप्त किया है. इसके अलावे 828 मत अवैध मिले पाए गए.
किस उम्मीदवार को कितने वोट मिले
छेदी पासवान - 4,94,800
मीरा कुमार - 3,29,055
मनोज कुमार - 86,406
अशोक बैठा - 10,029
धर्मराज पासवान - 5978
निर्मला देवी - 1702
विद्या ज्योति - 2746
सत्यनारायण राम - 4770
अशोक कुमार पासवान - 2665
रघुनी राम शास्त्री - 2421
रजनीकांत चौधरी - 3557
राम एकबार राम - 6410
सत्य नारायण पासवान - 5222
नोटा - 18,988
रिजेक्ट वोट - 828
टोटल वैलिड वोट - 9,55,761
- सासाराम लोकसभा सीट से बीजेपी के छेदी पासवान को सबसे अधिक 51 प्रतिशत वोट, जबकि मीरा कुमार को 34 प्रतिशत मत प्राप्त हुआ.
कब जब्त होती है जमानत?
जब कोई प्रत्याशी किसी भी चुनाव क्षेत्र में पड़े कुल वैध वोट का छठा हिस्सा हासिल नहीं कर पाता है तो उसकी जमानत राशि जब्त मानी जाती है और नामांकन के दौरान दी गई राशि उन्हें वापस नहीं मिलती है. जैसे अगर किसी सीट पर 1 लाख लोगों ने वोट दिया है और उम्मीदवार को 16666 से कम वोट हासिल हुए हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी.
क्या है जमानत राशि?
किसी भी चुनाव में जब प्रत्याशी चुनाव लड़ता है तो पर्चा भरते वक्त उसे एक निश्चित रकम जमानत के तौर पर चुनाव आयोग में जमा करनी होती है. इसी राशि को चुनावी जमानत राशि कहते हैं. यह राशि कुछ मामलों में वापस दे दी जाती है अन्यथा आयोग इसे अपने पास रख लेता है.
लोकसभा चुनाव के लिए जमानत राशि?
वहीं लोकसभा चुनाव में दावेदारी प्रस्तुत करने जा रहे जनरल वर्ग के उम्मीदवारों को 25 हजार रुपये और एससी-एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को 12,500 रुपये फीस जमा करनी होती है. 2009 से पहले जनरल वर्ग के लिए यह राशि 10 हजार रुपये और एससी-एसटी उम्मीदवार के लिए 5 हजार रुपये थी.