कैमूर: भोजपुरी गायिका नेहा राठौर के ट्वीट पर से मुउहर पंचायतों के ग्रामीणों ने पर्दा उठा दिया है. ग्रामीणों ने नेहा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सस्ती लोकप्रियता के चलते नेहा ने गांव व समाज को बदनाम करने की कोशिश की है. ग्रामीणों ने कहा कि पहले इस गांव की पहचान के जिले और आसपास के इलाकों में प्रतिष्ठित गांव के रूप में होती थी, लेकिन नेहा के इस बयान से गांव की प्रतिष्ठा धूमिल हो गई.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, नेहा सिंह राठौर ने ट्वीट किया था कि कोरोना के दूसरे स्ट्रेन में उनके गांव (जंदाहा) में 7 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी दावा किया था कि उनमें कोरोना के लक्षण स्पष्ट दिखाई दे रहे थे पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव में उन लोगों की जान चली गई. गायिका ने लिखा था कि 'यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं है, ना ही ऑक्सीमीटर और बुखार-खांसी की प्राथमिक उपचार की दवाइयां हैं. जबकि गांव में अभी भी 50 लोग बीमार हैं'.
आखिर क्या है जमीनी हकीकत
मिली जानकारी के अनुसार कैमूर जिले के सभी प्रखंडों में स्वास्थ्य विभाग की टीम कैम्प लगाकर कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग व वैक्सीनेशन का काम कर रही है. कुछ गांवों के लिए विभाग ने मेडिकल मोबाइल टीम चलाया है. हालांकि, ये खबरें भी सामने आ रही हैं कि ग्रामीण कोरोना जांच और वैक्सीनेशन कराने से परहेज कर रहे हैं.
वहीं, नेहा के इस ट्वीट के तूल पकड़ने के बाद कैमूर प्रशासन हैरान रह गया. आनन-फानन में गुरुवार को कोरोना जांच के लिए मेडिकल मोबाइल टीम को गांव में भेजा गया. मेडिकल टीम ने गांव के 36 लोगों की जांच की गयी. सभी की रिपोर्ट निगेटिव आयी.
मृतकों के परिजनों ने किया नेहा के बयान को सिरे से खारिज
वहीं, मेडिकल मोबाइल टीम ने गांव के उन लोगों से भी संपर्क किया जिनके घरों में मौतें हुई थी. साथ ही जिन के विषय में ट्विटर पर गायिका नेहा के द्वारा ट्वीट किया गया था. मगर मृतक के परिजनों के द्वारा नेहा राठौड़ के बयान को सिरे से खारिज कर दिया गया.
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कैसे हुई मौतें, क्या कहा परिजनों ने
जिन सात लोगों का जिक्र नेहा राठौड़ ने अपने ट्वीट के जरिये किया था. उनके परिजनों ने मौत का कारण अधिक उम्र व गंभीर बीमारियों का होना बताया.
जंदाहा गांव के मृतक का नाम
क्रम संख्या | नाम | उम्र | मौत का कारण | तिथि |
1 | अलियार राम | 78 | कैंसर | 24 अप्रैल |
2 | वीरेंद्र की पत्नी | 76 | दमा पीड़ित | 30 अप्रैल |
3 | गामा सिंह | 84 | हृदय रोग, पेसमेकर फेल | 25 अप्रैल |
4 | झुरी यादव | 78 | यूरीन की समस्या | 15 मई |
5 | रामदयाल की मां | 79 | स्वभाविक मौत | 29 अप्रैल |
6 | बाजा की मां | 80 | स्वभाविक मौत | 3 मई |
7 | कवीन्द्र तिवारी की मां | 95 | स्वभाविक मौत | 28 अप्रैल |
क्या कहते हैं ग्रामीण
'गामा सिंह की मौत कोरोना से नहीं हुई, बल्कि हार्ट अटैक से हुई है. वे 80 वर्ष से अधिक की उम्र पार कर चुके थे. उनका पेसमेकर बंद हो गया था. जिस कारण उनकी मृत्यु हो गई. गांव की छवि को धूमिल करने की इजाजत किसी को नहीं है'.- श्रीनारायण सिंह, गामा सिंह के भतीजे
'कोरोना से गांव में किसी की मौत नहीं हुई है. दो लोग संक्रमित हुए थे. दोनों ठीक हो चुके हैं. अब किसी तरह के कोरोना का मामला भी नहीं दिखाई दे रहा है. अनर्गल व अनाप-शनाप बातें सोशल मीडिया पर शेयर करने से गांव की ही बदनामी होती है. इस तरह की ओछी हरकत से बाज आना चाहिए'. डॉ. गजेंद्र सिंह
'गांव में इस दौरान लोगों की मृत्यु हुई है. वे या तो स्वभाविक मृत्यु को प्राप्त हुए हैं या फिर अलग-अलग कारणों से मरे हैं. किसी की भी मृत्यु कोरोना से होने की पुष्टि नहीं हो सकी है'.- डॉ. महेंद्र सिंह
'कोरोना से जंदाहा गांव में एक भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है. जब उन लोगों की जांच ही नहीं हुई थी, तो कैसे कहा जा सकता है कि उनकी मृत्यु कोरोना से हुई. नेहा ने जो कुछ भी गांव में कोरोना से संबंधित लिखा है व सरासर गलत है'.- सोनू तिवारी
क्या कहता है प्रशासन
प्रखंड बीडीओ प्रदीप कुमार ने इस बारे में कहा कि गायिक आपदा को अवसर में बदलने की कोशिश कर रही है. यह अच्छी बात नहीं है. उनके गांव में दो बार मेडिकल टीम भेजकर जांच करवाई गई है.